दुनिया कह रही इलेक्ट्रिक कार चलाओ पर इस देश ने कहा बिल्कुल नहीं, वजह बड़ी आम सी है
Electricity Crisis in Switzerland: स्विट्ज़रलेंड में संभावित ऊर्जा की कमी से बचने के लिए 'विद्युत ऊर्जा के उपयोग पर प्रतिबंध और निषेध पर अध्यादेश' लाने की तयारी कर रहा है.
Electric Vehicles Ban: एक तरफ जब दुनिया में इलेक्ट्रिक कारों का चलन तेजी से बढ़ रहा है. वहीं दूसरी तरफ इंटरनेट पर आ रही खबरों के अनुसार, स्विटरलैंड में इलेक्ट्रिक वाहनों पर बैन लगाने की बात की जा रही है. आखिर मामला क्या है? ये खबरें सही हैं या गलत. इस तरह की कंफ्यूजन की स्थिति है. जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, कि आखिर सच्चाई क्या है.
सरकार के लिए एक सुझाव
दरअसल स्विटरलैंड में इस समय तापमान माइनस में होने के कारण कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, जो आने वाले दिनों में और बढ़ जाएगी. जिससे बचने के लिए बिजली से चलने वाले उपकरणों का प्रयोग भी बढ़ जायेगा. इसलिए स्विस फेडरल काउंसिल आने वाले दिनों में, देश में संभावित ऊर्जा की कमी से बचने के लिए 'विद्युत ऊर्जा के उपयोग पर प्रतिबंध और निषेध पर अध्यादेश' लाने की तयारी कर रहा है. जिसे जरूरत पड़ने पर लागू किया जा सकता है.
जरूरी सेवाएं रहेंगी चालू
स्विट्ज़रलेंड में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रतिबंध के लिए तैयार किये गए मसौदे में कुछ जरूरी सेवाओं के लिए छूट रखी गयी है. अध्यादेश के मुताबिक लोग अपनी इलेक्ट्रिक कारों का उपयोग जरूरत पड़ने पर किसी बिजनेस, जरूरी सामान की खरीदारी, डॉक्टर के पास जाने के लिए, धार्मिक आयोजनों में भाग लेने के लिए और अदालत संबंधी कामकाज के लिए कर सकेंगे. इलेक्ट्रिक कारों पर आंशिक प्रबंध की तैयारी की जा रही है न की पूरी तरह से.
ऐसे होता है बिजली उत्पादन
स्विट्जरलैंड में बिजली की आपूर्ति के लिए 60 प्रतिशत बिजली जलविद्युत शक्ति (hydroelectric power) से तैयार की जाती है. फेडरल काउन्सिल द्वारा ये प्रस्तावित प्रतिबंध स्विटरजरलैंड में बिजली संकट से बचने के लिए किये जा रहे सख्त उपायों में से एक है. ताकि लोगों को कड़ाके की सर्दी में बिजली संकट का सामना न करना पड़े. हालांकि जरूरत पड़ने पर स्विट्जरलैंड सरकार दुकानों को दो घंटे पहले बंद करने के साथ, मैचों, संगीत कार्यक्रमों और थिएटर प्रदर्शनों पर भी प्रतिबंध लगा सकती है.
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