PUC Certificate: पारंपरिक ईंधन से चलने वाले हर वाहन के के लिए पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल यानि पीयूसी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कैसा सर्टिफिकेट होता है और इसकी क्या उपयोगिता होती है. इस सर्टिफिकेट का यह मतलब होता है कि इसमें से निकलने वाला प्रदूषण अभी तय मानकों के अनुरूप है. यह सर्टिफिकेट किसी भी वाहन के लिए केवल 6 महीने के लिए मान्य होता है, जिसके बाद इसे दोबारा बनवाना पड़ता है.
10 हजार रुपये का कट सकता है चालान
पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट पेट्रोल और डीजल से चलने वाले सभी वाहनों को जारी किया जाता है. इसे समय समय पर अपडेट करवाते रहना अनिवार्य होता है. यदि आप पुराने पीयूसी सार्टिफिकेट या बिना पीयूसी सार्टिफिकेट के वाहन चलाते हुए पकड़े जाते हैं तो ट्रैफिक पुलिस आपका भारी चालान भी काट सकती है. साथ ही इसके बिना आपको इंश्योरेंस क्लेम करने में भी समस्या का सामना करना पड़ सकता है. दिल्ली में इस नियम का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर आपको 10 हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
अनिवार्य है पीयूसी सर्टिफिकेट
चाहे आप किसी भी गाड़ी से चलते हों उसके लिए आपके पास पीयूसी सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है. साथ ही जब भी आप अपनी गाड़ी को लेकर बाहर जा रहे हो तो आपको इस सर्टिफिकेट को अपनी गाड़ी में अपने साथ जरूर रखना चाहिए. साथ ही आपको इसे सही समय पर रिन्यू भी करवाते रहना चाहिए. अगर आपके पास यह डॉक्यूमेंट होते हुए भी आप इसे ट्रैफिक पुलिस के मांगने पर प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं तो आपको इसके लिए भारी चालान भरना पड़ेगा. इसलिए इसे हमेशा अपने साथ जरूर रखें.
क्या है नियम
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के नियमों के अनुसार, जब भी कोई व्हीकल यूजर गाड़ी के इंश्योरेंस को रिन्यू कराता है तो उसको पीयूसी सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होता है और मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के आप किसी भी वाहन को भारतीय सड़कों पर नहीं चला सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर IRDAI ने यह नियम लागू किया है कि कोई भी वाहन बीमा कंपनी बिना वैध पीयूसी सर्टिफिकेट के किसी भी वाहन का इंश्योरेंस पॉलिसी रिन्यू नहीं कर सकती है.
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