नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी व्हीकल मैन्युफैक्चरर कंपनी टाटा मोटर्स को माइलेज का झूठा दावा करने पर जुर्माना लगाया गया है. देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर कमीशन ने कंपनी को भ्रामक एडवरटाइजमेंट का दोषी पाया है. कमीशन ने ग्राहक के नुकसान की भरपाई के लिए टाटा मोटर्स पर 3.5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.
कमीशन ने पाया कि कंपनी के भ्रामक एडवरटाइजमेंट के दावों के चलते ग्राहक ने कार को खरीदी, लेकिन अलग-अलग परीक्षण के दौरान उसको दावे के अनुसार गाड़ी का माइलेज नहीं मिला. नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट रेड्रेसल कमीशन ने टाटा मोटर्स को कोलकाता निवासी प्रदीप कुंडू को दो लाख रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया.
राज्य कंज्यूमर वेलफेयर फंड
इसके अलावा कमीशन ने राज्य कंज्यूमर वेलफेयर फंड में 1.5 लाख रुपए का हर्जाना जमा करने को कहा. बता दें कि इससे पहले एनसीडीआरसी ने टाटा मोटर्स द्वारा दायर की रिव्यू पिटिशन को खारिज कर दिया. कमीशन ने राज्य आयोग के आदेश को बरकरार रखते हुए कंपनी को 3.5 लाख रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया.
25 मील प्रति लीटर माइलेज का दावा
दरअसल कोलकाता निवासी प्रदीप ने 2011 में कंपनी के एक एडवरटाइजमेंट को देखने के बाद टाटा इंडिगो कार खरीदा था. कंपनी ने 25 मील प्रति लीटर माइलेज का दावा किया था. लेकिन प्रदीप को कार में कभी भी गाड़ी से इतना माइलेज नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने कंपनी पर माइलेज का गलत दावा का आरोप लगाते हुए कार बदलने को कहा.
हालांकि कंपनी ने कार को बदलने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद प्रदीप जिला फोरम में चले गए थे. जिला कंज्यूमर फोरम ने टाटा मोटर्स को कार की लागत वापस करने का निर्देश दिया, जो लगभग 5 लाख रुपए थी. टाटा मोटर्स इसके खिलाफ स्टेट कमीशन में पिटीशन दायर की लेकिन वहां भी उनको हार का सामना करना पड़ा था.
ये भी पढ़ें:
2020 BMW X1 फेसलिफ्ट भारत में 35.90 लाख में लॉन्च, जानिए क्या हैं खास फीचर्स
रतन टाटा को आज भी नैनो कार पर क्यों गर्व है? बताई ये बड़ी वजह
Car loan Information:
Calculate Car Loan EMI