टाटा मोटर्स ने अपने कमर्शियल वाहन रेंज की कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है. यह बढ़ोतरी 2 से 2.5 फीसद की सीमा में होगी और 1 अप्रैल 2022 से अलग-अलग मॉडल तथा वर्जन के आधार पर पूरे रेंज में लागू होगी. स्टील, एल्युमीनियम और अन्य कीमती धातुओं की कीमतों में वृद्धि के साथ-साथ अन्य कच्चे माल की उच्च लागत से कमर्शियल वाहन की कीमतों में वृद्धि की जा रही है.
हालांकि, टाटा मोटर्स ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने बढ़ी हुई लागत के एक महत्वपूर्ण हिस्से को विनिर्माण के विभिन्न स्तरों पर ठीक रखने के लिए काम शुरू किया है. कंपनी इससे पहले इस साल की शुरुआत में कमर्शियल वाहनों की कीमतों में इजाफा कर चुकी है.
ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा सीधा असर
कंपनी के दाम बढ़ाने से सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ने वाला है. टाटा मोटर्स के इस कदम से लगातार बढ़ रही महंगाई से परेशान आम आदमी की जेब और ढीली होगी. पिछले हफ्ते मर्सिडीज बेंज इंडिया ने लागत बढ़ने का हवाला देते हुए कहा था कि वह एक अप्रैल से अपने वाहनों की कीमत तीन फीसदी तक बढ़ाएगी.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर कंपनी का फोकस
इस बीच टाटा मोटर्स अगले पांच वर्षों में ईवी सेगमेंट में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है. टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस के प्रेसिडेंट शैलेश चंद्र ने कहा कि कंपनी, नेक्सॉन जैसी गाड़ियों के साथ नए उभरते ईवी सेगमेंट में सबसे आगे है.
चंद्रा ने कहा, जहां तक भविष्य का सवाल है, अगले पांच (वर्षों) में हम विद्युतीकरण में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे. हम विभिन्न प्रकार की बॉडी स्टाइल, कीमत, ड्राइविंग रेंज विकल्पों के साथ लगभग 10 उत्पादों पर काम करने जा रहे हैं.
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