Tata Motors: अपने EV कारोबार में हिस्सेदारी के बदले 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाएगी टाटा मोटर्स
टाटा के बारे में इस तरह से धन जुटाने की जानकारी ऐसे समय में आई है जब टाटा मोटर्स को वित्त वर्ष 24 की समाप्ति तक अपने शून्य कर्ज वाली कंपनी बनने के लक्ष्य को पूरा न कर पाने का अनुमान है.
Tata Motors EV: इलेक्ट्रिक वाहनों के सेगमेंट में फिलहाल देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स है. अब खबर यह आ रही है कि कंपनी EV बिजनेस में कुछ हिस्सेदारी बेचकर 1 बिलियन अमरीकी डालर का फंड जुटाने वाली है. फिलहाल कंपनी देश में नेक्सन EV, नेक्सन EV मैक्स और टिआगो EV और टिगोर EV जैसे मॉडल्स की बिक्री करती है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी पहले से ही इस इक्विटी बिक्री सौदे के लिए संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब और सिंगापुर में सोवेरियन फंड और निजी इक्विटी निवेशकों के साथ चर्चा कर रही है. इससे प्राप्त आय का बड़ा हिस्सा कंपनी के बकाया कर्ज के ऑफ-लोड हिस्से के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
नए बिजनेस में भी होगा इन्वेस्टमेंट
मीडिया रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि इस धन का एक छोटा सा हिस्सा कंपनी के ईवी बिजनेस में प्राइमरी इक्विटी के रूप में निवेश किया जाएगा, जिसका प्राइस पहले 9.1 बिलियन यूएस डॉलर था. इस हिस्सेदारी की बिक्री के साथ, टाटा मोटर्स, 15% के प्रीमियम पर 10.5 बिलियन अमरीकी डालर की लागत का मूल्यांकन करने वाली है. लेकिन टाटा मोटर्स ने फिलहाल इस इक्विटी सेल पर कोई जानकारी नहीं दी गई है.
शुद्ध-ऋण लक्ष्य को पाना चाहती है कंपनी
टाटा के बारे में इस तरह से धन जुटाने की जानकारी ऐसे समय में आई है जब टाटा मोटर्स को वित्त वर्ष 24 की समाप्ति तक अपने शून्य कर्ज वाली कंपनी बनने के लक्ष्य को पूरा न कर पाने का अनुमान है. भारत में तो कंपनी का व्यवसाय उसके शून्य शुद्ध-ऋण लक्ष्य को पूरा करेगा, लेकिन उसकी विदेशी सहायक कंपनी, जगुआर लैंड रोवर (JLR), शायद इस लक्ष्य की पूर्ति नहीं कर पाएंगी.
इतना है कंपनी पर कर्ज
31 दिसंबर 2022 तक, टाटा मोटर्स पर एक अनुमान के मुताबिक उसके कमर्शियल व्हीकल, पैसेंजर व्हीकल और इलेक्ट्रिक वाहनों समेत उसके स्टैंडअलोन भारत के कारोबार पर लगभग 12,400 करोड़ रुपये का कर्ज था. वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, जगुआर लैंड रोवर सहित अन्य सहायक कंपनियों के कर्ज को जोड़कर कंपनी का कुल कर्ज 57,500 करोड़ रुपये था.