ऑटोमेटिव वर्ल्ड में, EVs (इलेक्ट्रिक व्हीकल) को लेकर इस समय सबसे अधिक बहस, सबसे अधिक चर्चा हो रही है. क्योंकि एक भ्रम है कि क्या सच में यही भविष्य है या यह पहले से ही मौजूद है?


EV क्रांति कुछ विकसित बाजारों में हो रही है जहां लागत कोई मुद्दा नहीं है और चार्जिंग इनफ्रास्ट्रक्चर बना लिया गया है. उदाहरण के लिए कैलिफ़ोर्निया या लंदन इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से प्यार करते हैं और यह स्पष्ट है कि ये शहर / राज्य बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को गले लगा रहे हैं.


यह लेख इस बारे में बहस नहीं करता है कि भारत के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सही है या नहीं.  अभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री बहुत कम है यह साफ है कि लोगों द्वारा इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने में कई वर्ष लग जाएंगे क्योंकि इसकी टेक्नोलॉजी बहुत महंगी है.


बैटरी, वजन, चार्जिंग स्टेशन (उनके लिए कौन भुगतान करेगा?) बहुत सारे प्रश्न हैं लेकिन सरल समाधान यह है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स स्टैंडर्ड पेट्रोल / डीजल कारों के साथ ही अस्तित्व में रह सकते हैं वह भी तीसरा विक्लप बनकर. वास्तविकता यही है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स तभी सफल है है जब आप शहर में रहते हैं और छोटी दूरी की यात्रा करते हैं, साथी ही यह यात्रा सस्ती भी हो.


हमने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को परखने के लिए इसे एक आम शहरी कम्यूटर की तरह इस्तेमाल किया और इसके लिए Tata Nexon E. इसे चुनने का कारण बिल्कुल स्पष्ट था यह भारत में अब तक का सबसे लोकप्रिय इलेक्ट्रिक व्हीकल है. अब इसकी 4,000 यूनिट बिक चुकी हैं. एक इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए यह एक रिकॉर्ड है और इसका की वजह है इसकी कीमत.


नेक्सॉन ईवी की कीमत 14 लाख रुपये से शुरू होती है और 16.4 लाख रुपये तक जाती है. स्टैंडर्ड नेक्सन के मुकाबले यह काफी महंगा है लेकिन दूसरे इलैक्ट्रिक व्हीकल्स के मुकाबले सस्ता है.


डिजाइन निश्चित रूप से पहचानने योग्य है. स्टैंडर्ड नेक्सॉन से बहुत बरीकी से अलग दिखता है. अहम बात यह है कि यह एक प्रेक्टिकल एसयूवी है. स्पेस पेट्रोल / डीजल नेक्सॉन के जितना ही है. पीछे बैठे तीन यात्रियों के लिए स्पेस काफी है और साथ ही बूट भी बड़ा है. इंटीरियर काफी खूबसूरत और आरामदायक भी है. जबकि टच स्क्रीन छोटी है. इसमें सभी विशेषताएं हैं और कीमत के हिसाब से इसे अच्छी तरह से बनाया गया लगता है.


अगर आप पारंपरिक इंजन के अभ्यस्त हैं, तो आप चौंक जाएंगे क्योंकि नेक्सॉन ईवी का कोई शोर नहीं है. ड्राइविंग अनुभव पूरी तरह से अलग है और अगर आप पेट्रोल / डीजल का उपयोग करने के आदी हैं तो आपको थोड़ा समय लग सकता है.  इसे चलाने में बहुत कम मेहनत लगती है और इसे ट्रैफिक में चलाना एक शांत अनुभव है.


नेक्सॉन ईवी में 30.2 kWh लीथियम-आयन बैटरी है जो कि एक परमानेंट-मैग्नेट एसी मोटर से साथ है जिसके परिणामस्वरूप बिजली उत्पादन 129PS और 245Nm है. दो ड्राइव मोड हैं जिन्हें सेंटर कंसोल पर नॉब के माध्यम से बदला जा सकता है. हालांकि नियमित डी मोड में वह सब है जो आपको चाहिए और जो हमने इसका हर समय उपयोग किया है.


हमें जो बात खास पसंद आई वह यह है कि इसकी राइड और हैंडलिंग एक सटीक स्टीयरिंग और स्पोर्टी हैंडलिंग के साथ स्टैंडर्ड नेक्सॉन से बेहतर है. टाटा मोटर्स ने एक स्टैडंर्ड कार की नकल करने के लिए इसे अच्छी तरह से ट्यून किया है जिसमें अन्य इलेक्ट्रोलिक व्हीकल्स की तुलना में कम मजबूत regenerative braking है. 


एक बात हमने देखी कि डी से एन या आर में बदलने के लिए नॉब में कुछ समय लगता है और यह थोड़ा नर्व-रैकिंग है, खासकर जब आप यू-टर्न ले रहे होते हैं और रिवर्स एक टच देर से लगे.


बेशक आप रेंज के बारे में सुनने के लिए इंतजार कर रहे हैं. स्टैंडर्ड आंकड़ा 312 है और यह ARAI प्रमाणित है, इसलिए इसकी सीमा से अधिक टाटा पर उंगलियां उठना बहस का विषय है. ईमानदारी से सभी पेट्रोल कारों या डीजल कारों का आधिकारिक आंकड़ा कभी भी मेल नहीं खाता है, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के साथ भी ऐसा ही है.


इसे S मोड में चलाएं और या तेज या अधिक यात्रियों और सामान के साथ चलाएं, रेंज गिर जाएगी. हमने नेक्सॉन ईवी को S मोड में चलाने की पूरी कोशिश की और हर समय एयरकॉन का इस्तेमाल किया. सबसे खराब 180/190 किमी है लेकिन D मोड में और शहर में एक मध्यम ड्राइविंग शैली में चलाने पर यह आंकड़ा अधिक 210 किमी था. 312 किमी फिर भी नहीं लेकिन अधिकांश शहर के लिए पर्याप्त है.


इसके अलावा रेंज शहर के मुकाबले हाइवे पर ज्यादा कम होती है. यह बात इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि नेक्सॉन ईवी एक सिटी कम्यूटिंग टूल के रूप समझी जाए. टाटा पावर चार्जिंग नेटवर्क का एक फायदा यह भी है कि शहर में कम से कम कुछ चार्जर हैं ताकि आप टॉप-अप कर सकें.


इलैक्ट्रिक व्हीकल ड्राइविंग के लिए अधिक योजना की आवश्यकता होती है लेकिन एक बार महारत हासिल करने के बाद, यह किसी भी पेट्रोल / डीजल कार की तुलना में सस्ती है. नेक्सॉन ईवी आपको चेतावनी देने के लिए पर्याप्त तकनीक भी देती है इसमें निकटतम चार्जिंग स्टेशन खोजने / ड्राइविंग व्यवहार की निगरानी करने के लिए एक ऐप भी है.


200 किमी प्लस रेंज एक औसत आवागमन के लिए पर्याप्त से अधिक है. हमने जो पोर्टेबल चार्जर इस्तेमाल किया है, उसमें 9/10hours लगते हैं जबकि शहर के एक चार्जर से फास्ट चार्जिंग से एक घंटे में बैटरी फुल हो जाएगी (80 प्रतिशत तक).


अंत में नेक्सॉन ईवी एक शुद्ध शहर के कम्यूटर के लिए एक ठोस कार है क्योंकि यह रेंज, रखरखाव और चार्जिंग नेटवर्क के साथ चलने के लिए तेज और सस्ती है. आप अभी भी लंबी यात्रा नहीं कर सकते हैं, लेकिन नेक्सॉन ईवी की लोकप्रियता इंगित करती है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स वास्तव में एक शहरी आधारित कार (विशुद्ध रूप से शहर के उपयोग के लिए दूसरी कार के रूप में) के लिए एक अच्छा विकल्प है.


भारत एक विशाल देश है और ईवी के पूरे इकोसिस्टम को जगह देने की जरुरत है. सच्चाई यह है कि अच्छी कीमत वाली नेक्सॉन ईवी के साथ, भारत ने कम से कम इस नए रूप को गतिशीलता के साथ प्रयोग करने की दिशा में पहला कदम उठाया है.


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