Tata Motors Sanand Plant: टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, शैलेश चंद्रा ने नई फैसिलिटी से पहली कार के निकलने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने मौजूदा प्रोडक्ट्स और भविष्य के मॉडलों की एक वाइड रेंज के एडजस्टमेंट के लिए 12 महीने की अवधि के भीतर प्लांट के सफल रीटूलिंग को स्वीकार किया. चंद्रा ने गुजरात सरकार और कर्मचारियों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि उनका मानना है कि यह फैसिलिटी टाटा मोटर्स, विशेष रूप से टीपीईएम को नई उपलब्धियों की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.


300,000 से ज्यादा यूनिट्स का होगा उत्पादन


चंद्रा ने आगे कहा, “टाटा मोटर्स पैसेंजर और इलेक्ट्रिक वाहन बिजनेस ने पिछले कुछ सालों में बाजार में शानदार ग्रोथ दर्ज की है. फ्यूचर रेडी भविष्य के लिए तैयार 'न्यू फॉरएवर' प्रोडक्ट्स की हमारी मजबूत मैन्युफैक्चरिंग लाइन और इलेक्ट्रिक वाहनों में सक्रिय निवेश के साथ, इस गति को बनाए रखने के लिए हमारे पास मजबूत प्लांस हैं. यह नई फैसिलिटी प्रति वर्ष 300,000 यूनिट्स की अतिरिक्त अत्याधुनिक निर्माण क्षमता के साथ काम करेगी, जिसे प्रति वर्ष 420,000 यूनिट्स तक बढ़ाया जा सकता है. 


कैसा है नया प्लांट


औद्योगिक केंद्र, जीआईडीसी साणंद में स्थित, सप्लायर्स के एक मजबूत नेटवर्क तक पहुंच के साथ, यह नई फैसिलिटी 10 जनवरी, 2023 को फोर्ड इंडिया से हासिल की गई थी. 460 एकड़ को कवर करते हुए, यह टाटा मोटर्स का गुजरात में दूसरा संयंत्र है, जो आईसीई और ईवी दोनों का निर्माण करता है. इस संयंत्र में चार मुख्य ब्रांच शामिल हैं; स्टैम्पिंग, बॉडी कंस्ट्रक्शन, पेंट और फाइनल असेंबली शॉप. बेहतर निर्माण सुनिश्चित करने के लिए हाई लेवल ऑटोमेशन और नवीनतम तकनीक से लैस उद्योग के भीतर नए स्टैंडर्ड स्थापित करते हुए कई ग्लोबल लेवल टेक्नोलॉजीज को शामिल किया गया है.


निकलेंगी नई नौकरियां


प्रेस शॉप, वेल्ड शॉप, पेंट शॉप और असेंबली शॉप सहित फैसिलिटी के विभिन्न क्षेत्रों में प्रमुख रीटूलिंग और तकनीकी अपडेट किए गए हैं. इस फैसिलिटी में वर्तमान में 1000 से ज्यादा कर्मचारी और तकनीशियन कार्यरत हैं, उत्पादन बढ़ाने की योजना के लिए अगले 3 से 4 महीनों में अतिरिक्त नई 1000 नौकरियां लाने की योजना है. टाटा मोटर्स ने अपने वर्कफोर्स को बेहतर बनाने के लिए बड़ा निवेश किया है, और कर्मचारियों को डिप्लोमा, बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग और मास्टर डिग्री प्रदान की है. इस फैसिलिटी में 50 किलोवाट की सौर छत है और दिसंबर 2024 तक वाटर पॉजिटिव होने की उम्मीद है.


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