Electric Cars को मिलेगी नई तकनीक, Tata Power-DDL को मिला इंडिया स्मार्ट ग्रिड फोरम का साथ
Tata Power and India Smart Grid Partnership: टाटा मोटर्स की कई इलेक्ट्रिक कार भारतीय बाजार में शामिल हैं. वहीं टाटा ने इन कारों की क्षमता को बढ़ाने के लिए इंडिया स्मार्ट ग्रिड के साथ हाथ मिलाया है.
Tata Power-DDL: भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड बढ़ती जा रही है. टाटा मोटर्स की कई ईवी भारतीय बाजार में कदम रख चुकी हैं. अब टाटा पावर ने इलेक्ट्रिक कार में नई तकनीक को लाने के लिए इंडिया स्मार्ट ग्रिड के साथ हाथ मिलाया है. इस बात की जानकारी खुद टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन ने दी है. ये पार्टनरशिप इलेक्ट्रिक कारों की क्षमता को बढ़ाने के लिए हुई है.
टाटा पावर को मिला इंडिया स्मार्ट ग्रिड का साथ
टाटा पावर और इंडिया स्मार्ट ग्रिड के बीच इस नई साझेदारी का उद्देश्य एक प्रोजेक्ट पर काम करना है. ये दोनों कंपनियां व्हीकल टू ग्रिड टेक्नोलॉजी डेमोन्यट्रेशन प्रोजेक्ट के लिए साथ आए हैं. कंपनी का कहना है कि इस पार्टनरशिप के तहत ईलेक्ट्रिक कारों को ग्रिड सर्विस देने का प्लान है, जिसमें फ्रीक्वेंसी और वोल्टेज सपोर्ट पर काम किया जाएगा. साथ ही बाइ-डायरेक्शनल चार्जिंग फीचर के प्रभाव पर भी ध्यान दिया जाएगा.
V2G technology will help in enabling #EVs to draw energy from the grid and also to feed surplus energy back into it as needed. This bidirectional electricity flow between EVs and the grid can create jobs, establish new sectors, reduce poverty, and mitigate carbon emissions. pic.twitter.com/Ljz8ZrG66P
— India Smart Grid Forum (@IndiaSmartGridF) May 21, 2024
ग्रिड टेक्नोलॉजी के साथ कैसे काम करेगी EV
टाटा पावर और इंडिया स्मार्ट ग्रिड ने इस प्रोजेक्ट को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया है, जिसमें ये देखा जाएगा कि इलेक्ट्रिक वाहन, ग्रिड के साथ किस तरह से इंटरेक्ट करेंगे. इस प्रोजेक्ट के तहत ट्रांसपोर्टेशन और एनर्जी सेक्टर में कार्बन एमीशन को कम करने पर ध्यान दिया जाएगा. टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टाटा पावर-DDL) नॉर्थ दिल्ली की 70 लाख से ज्यादा की आबादी को बिजली सप्लाई करता है.
ग्रीन इलेक्ट्रिसिटी को होगा इस्तेमाल
इस प्रोजेक्ट के तहत इस बात की जांच भी की जाएगी कि ईवी पावर मार्केट में किस तरह बिजली को स्टोर करने पर भी काम कर सकती है. जब बिजली की कीमतें कम हों, तो ईवी में इलेक्ट्रिसिटी को स्टोर किा जा सकता है और दामों के बढ़ने पर इसे बेचा जा सकता है. टाटा पावर-DDL के चीफ एक्जिक्यूटिव ऑफिसर गजानन एस. काले का इस पार्टनरशिप पर कहना है कि 'इस साझेदारी हमारे सस्टेनेबल एनर्जी को प्रमोट करने के कमिटमेंट पर बिल्कुल सटीक बैठती है'.
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