Indian Foundation for Quality Management: भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए देश की सात बड़ी कंपनियां एक साथ आई हैं. देश की इन टॉप कंपनियों ने मिलकर एक ग्रुप बनाया है. इस ग्रुप का नाम है IFQM यानी इंडियन फाउंडेशन फॉर क्वालिटी मैनेजमेंट. ये एक नॉट फॉर प्रॉफिट एंटिटी है. इस नए ग्रुप को बनाने का उद्देश्य भारतीय बिजनेस में इनोवेशन के तरीके लाना और मिलकर क्वालिटी कल्चर को बेहतर बनाना है. ये सभी सात कंपनियां देश की टॉप कंपनियों में शामिल हैं.
देश की सात लीडिंग कंपनियां आईं साथ
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस IFQM में देश की सात बड़ी कंपनियां एक साथ आई हैं, जिनमें ऑटो सेक्टर का भी प्रतिनिधित्व है. इनमें टाटा सन्स, टीवीएस मोटर कंपनी, सन फार्मा, मदर्सन ग्रुप, भारत फोर्ज, बोइंग इंडिया और बायोकॉन शामिल हैं. इन कंपनियों ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए भी इस बारे में जानकारी दी है.
IFQM में शामिल ये बोर्ड मेंबर्स
IFQM के बोर्ड मेंबर्स के चेयरमैन का पद टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन एमेरिटस वेणु श्रीनिवासन को दिया गया है. साथ ही टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, सन फार्मा के मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप संघवी और सौमित्रा भट्टाचार्या को बोर्ड मेंबर्स के सीईओ का पद दिया गया है. बोर्ड के काउंसिल मेंबर्स की लिस्ट में किरण मजूमदार शॉ, बाबा कल्याणी, टी.वी. नरेन्द्रन, विवेक चांद सेहगल, सलिल गुप्त और के. एन. राधाकृष्णन का नाम भी शामिल है.
IFQM का Motto
भारत की इन सभी सात कंपनियां के पास क्वालिटी मैनेजमेंट में लेटेस्ट जानकारी और उपकरणों का भंडार है. इस ग्रुप का उद्देश्य देश के स्पेशलाइज्ड क्वालिटी काउंसलर्स को सपोर्ट करना है, जिससे एकेडमिक्स और इंडस्ट्री के बीच गैप को भरा जा सके.
आईएफक्यूएम के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन ने बताया कि IFQM इंडियन इंडस्ट्री के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. क्वालिटी और इनोवेशन पर जानकारी को एक-दूसरे के साथ साझा करके इससे एक बेहतर कल्चर का निर्माण हो सकता है. इससे हम अपनी असली ताकत को बाहर ला पाएंगे और दुनिया की कंपनियों से भी बराबरी का मुकाबला कर सकेंगे.
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