भारतीय बाजार में एंट्री के लिए Tesla तैयार, जल्द ला रही पहली राइट-हैंड फीचर कार
Tesla Began Car Production for India: टेस्ला भारतीय बाजार में कदम रखने से पहले पूरी तैयारी के साथ आना चाहती है. कंपनी ने इंडियन ड्राइविंग नियमों को लेकर अपनी कार की मैन्युफैक्चरिंग में बदलाव किया है.
Tesla Begin Car Production for RHD: एलन मस्क की कंपनी टेस्ला भारतीय बाजार में कदम रखने की पूरी तैयारी कर रही है. मार्केट में एंट्री के साथ ही कार निर्माता कंपनी इंडियन ड्राइवर्स को लेकर भी सोच रही है. टेस्ला ने भारतीय बाजार को ध्यान में रखते हुए राइट-हैंड ड्राइवर्स के लिए कार का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है. कंपनी अपनी बर्लिन फैक्ट्री में इस तरह की कारों का निर्माण कर रही है.
टेस्ला का भारत में इनवेस्टमेंट
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने का भी प्लान बना रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल के तीसरे हफ्ते में टेस्ला की एक टीम भारत दौरे पर आएगी, जो यह तय करेगी कि भारत में किस जगह मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को लगाया जा सकता है. टेस्ला गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में अपने प्लांट लगा सकती है. कंपनी ने ये फैसला भारत सरकार द्वारा पिछले महीने जारी की गई ईवी पॉलिसी को देखते हुए लिया है. टेस्ला भारत में करीब 3 बिलियन डॉलर के इनवेस्टमेंट के साथ कदम रखने वाली है.
इंडियन ड्राइवर्स के लिए प्रोडक्शन शुरू
टेस्ला ने इंडियन मार्केट को ध्यान में रखते हुए जर्मनी में अपने स्टैंडर्ड ब्रांड्स की कारों का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है. एलन मस्क की कंपनी काफी समय से भारतीय बाजार में आने को लेकर तैयारी में जुटी है, लेकिन टेस्ला के लिए कारों पर लगने वाली हाई इंपोर्ट ड्यूटी एक बड़ी समस्या है. भारतीय बाजार में चीन की कंपनियों से टेस्ला की सीधी टक्कर देखने को मिल सकती है. BYD और Xiaomi की कार इंडियन मार्केट में चर्चा में हैं.
सरकार की नई ईवी पॉलिसी
सरकार ने पिछले महीने नई ईवी पॉलिसी लाकर कार निर्माता कंपनियों के लिए साफ संदेश दिया है कि सरकार देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाना चाहती है. इस ईवी पॉलिसी के तहत, जो ऑटोमोबाइल कंपनी भारत में EV की मैन्युफैक्चरिंग करना चाहती है, उसे कम-से-कम 4150 करोड़ यानी 500 मिलियन डॉलर का निवेश करना जरूरी है. साथ ही इन कंपनियों को कम-से-कम तीन साल के लिए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को भारत में लगाना होगा और इन कारों में प्रयोग होने वाले 25 फीसदी पार्ट्स को भारत से ही खरीदना होगा. सरकार के मुताबिक, इस ईवी पॉलिसी का उद्देश्य लेटेस्ट ईवी टेक्नोलॉजी को भारत में लाना है. साथ ही आर्थिक पैमाने पर प्रोडक्शन कॉस्ट को भी कम करना है.
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