Tesla Electric Cars: जल्द भारत में एंट्री कर सकती है टेस्ला, जनवरी 2024 तक भारत में आवश्यक मंजूरी के लिए तेजी से हो रहा है काम
रॉयटर्स ने बताया कि टेस्ला बर्लिन के पास अपने कारखाने में एक 25,000 यूरो (22.3 लाख रुपये) की कार का उत्पादन करने की भी योजना बना रही है.
Tesla Cars in India: ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, एलन मस्क की टेस्ला को भारत में आकर्षित करने के ठोस प्रयास में, सरकारी विभाग जनवरी 2024 तक सभी आवश्यक मंजूरी प्रदान करने के लिए काफी तेजी से काम कर रहे हैं. यह कदम सोमवार को प्रधान मंत्री कार्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक के मद्देनजर आया है, जिसके दौरान टेस्ला के निवेश प्रस्ताव सहित देश में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माण के अगले चरण पर चर्चा की गई थी.
कंपनी ने क्या कहा?
टेस्ला के वरिष्ठ अधिकारी कथित तौर पर भारत में कार और बैटरी निर्माण फैसिलिटी स्थापित करने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं, ईवी निर्माता कंपनी ने देश में अपनी सप्लाई चेन को इकोलॉजी में लाने पर खास रुचि व्यक्त की है. एक दूसरे अधिकारी ने ईटी को बताया कि विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों को टेस्ला के साथ किसी भी मतभेद को हल करने और कंपनी की भारत विनिर्माण योजना की घोषणा में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है.
क्या था बैठक का उद्देश्य?
यह बैठक मुख्य रूप से सामान्य नीतिगत मामलों पर केंद्रित थी. एक शीर्ष अधिकारी ने ईटी को बताया कि जनवरी 2024 तक देश में टेस्ला के प्रस्तावित निवेश के लिए फास्ट-ट्रैकिंग अनुमोदन एक प्रमुख एजेंडा आइटम था. जून में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान सीईओ एलन मस्क की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद से वाणिज्य और उद्योग, भारी उद्योग और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, टेस्ला की योजनाओं के बारे में चर्चा में लगे हुए हैं.
आयात शुल्क पर असमंजस
टेस्ला ने पहले पूरी तरह से असेंबल की गई इलेक्ट्रिक कारों पर 40% आयात शुल्क लगाने की मांग की थी, जबकि 40,000 डॉलर से कम कीमत वाले वाहनों के लिए 60% की मौजूदा दर और इससे ऊपर की कीमत वाले वाहनों के लिए 100% की मौजूदा दर उपलब्ध है. भारत की सीमा शुल्क व्यवस्था इलेक्ट्रिक कारों और हाइड्रोकार्बन वाहनों के लिए एक जैसी है. भारत सरकार स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए अधिक शुल्क लगाती है, जबकि टेस्ला अपनी कारों को लक्जरी कारों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में क्लासीफाइड करने की वकालत कर रही है.
स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाले वाहनों के लिए कम टैक्स सुनिश्चित करने के लिए आयात नीति में एक नए सेगमेंट की शुरुआत हो सकती है. एक अधिकारी के अनुसार, यह प्रोत्साहन केवल टेस्ला के लिए नहीं होगा, बल्कि सभी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण यूनिट स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध किसी भी कंपनी के लिए समान व्यवस्था होगी.
आयात शुल्क में कटौती पर बातचीत में चुनौतियों के कारण टेस्ला ने शुरू में भारत के लिए अपनी योजनाओं को रोक दिया था. भारत सरकार ने किसी भी आयात शुल्क रियायत के बदले स्थानीय विनिर्माण के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कंपनी को प्रोडक्शन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के लिए आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो वाहन निर्माताओं को सीधे सब्सिडी प्रदान करता है.
क्या सस्ते टेस्ला मॉडल 2 पर चल रहा है काम?
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ला बर्लिन के पास अपने कारखाने में एक 25,000 यूरो (22.3 लाख रुपये) की कार का उत्पादन करने की भी योजना बना रही है. यह इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिसने लंबे समय से अपनी कारों को बड़े पैमाने पर अपनाने का लक्ष्य रखा है. एलन मस्क ने पहले 2022 में अधिक किफायती इलेक्ट्रिक कार की योजना को स्थगित कर दिया था, लेकिन सूत्रों के अनुसार कंपनी अब ऐसी तकनीक विकसित कर रही है जो उत्पादन प्रक्रियाओं में रेवोल्यूशन के साथ उसकी इलेक्ट्रिक कारों की लागत को कम कर सकती है. टेस्ला के लिए, 2030 तक 20 मिलियन वाहनों की डिलीवरी के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर अधिक बाजारों में विस्तार करना जरूरी है.