Electric Cars: इकनोमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, टेस्ला ने केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ अपने ऑटो पार्ट्स और इलेक्ट्रॉनिक्स चैन को भारत में लाने की संभावना तलाशने के साथ-साथ इस प्रक्रिया में इन्सेन्टिव्स और टैक्स में छूट देने पर चर्चा की है.


जानकारी के मुताबिक, यह डेवेलपमेंट टेस्ला की भारत में नई रुचि की तरफ इशारा है, जो पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान, कंपनी के सीईओ एलन मस्क के साथ मुलाकात के ठीक बाद हुआ था.


टेस्ला ने भारत में अपनी सप्लाई चैन लाने में इंटरेस्ट दिखाया है, जबकि सरकार ने कंपनी से देश में मौजूद ऑटो कंपोनेंट्स का इवेल्युएशन करने के लिए कहा है.


वहीं नाम सामने नाम सामने न लाने की शर्त पर, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ने बताया, हमने उनसे उनकी खास जरूरतों के बारे में पूछा है और उनसे भारत में मौजूद सोर्स से अपनी जरूरतों को पूरा करने पर विचार करने का भी आग्रह किया है, लेकिन इन कंपनियों के पास सप्लाई चैन के लिए पहले से एक सिस्टम तैयार होता है. ये शुरुआती बातचीत है इसलिए हमें उम्मीद है कि इसमें कुछ बेहतर हल निकलेगा.


इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव्स के साथ मीटिंग्स


प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, मीटिंग्स में टेस्ला यूएस और टेस्ला इंडिया के अधिकारियों ने भारत में मौजूद सपोर्टिव इकोसिस्टम के साथ-साथ कंपनी और उसके पार्टनर्स को भारत में अपनी मैनुफैक्चरिंग यूनिट लाने के लिए मिलने वाले इंसेंटिव्स के स्ट्रक्चर को भी जानने की कोशिश की, साथ ही इसके अलावा कंपनी को उपलब्ध कराये जाने वाली चीजों की जानकारी की मांग की.


सरकार के साथ बातचीत के अलावा, कंपनी इंडस्ट्री के अधिकारियों से भी मुलाकात कर रही है. हाल ही में दिल्ली में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) की बैठक में टेस्ला ने कहा, कि वह अपने खुद के सप्लायर्स को भारत में लाना चाहेगी. जबकि भारतीय ऑटो इंडस्ट्री ने लोकल पार्ट्स निर्माताओं की वकालत करते हुए कहा, कि देश में कई दिग्गज और वेल इस्टेब्लिशड ऑटो खिलाड़ी हैं. लेकिन टेस्ला ने अपना "ऑल-इन-हाउस" रुख बरकरार रखा और क्वालिटी स्टैंडर्ड के एक निश्चित लेवल पर निर्भर करता है. जिसके लिए केवल इसके इस्टेब्लिशड पार्टनर्स पर ही निर्भर रहा जा सकता है.


रोथ कैपिटल पार्टनर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर क्रेग इरविन के मुताबिक, टेस्ला को अपने लॉन्ग टर्म डेवलपमेंट्स उद्देश्य को पूरा करने के लिए सभी बाजारों की सेवा करने की जरुरत है. टेस्ला चीन में मिली परेशानियों के चलते भारतीय बाजार में अपनी सभी परेशानियों को खुद निपटना चाहती है. लेकिन टेस्ला को भारत की जरूरत है.


जून में, पीएम मोदी के साथ एक मीटिंग के बाद टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा था, कि जितनी जल्दी संभव होगा. कंपनी भारत में होगी. उस समय मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर थे. भारत सरकार ने मस्क को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और कमर्शियल स्पेस सेक्टर में इन्वेस्ट के अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया था, जिसके जवाब में मस्क ने कहा था कि वह ऐसा करने के लिए सही समय का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.


इस बातचीत को पॉजिटिव और एक इशारे के रूप में देखा गया, कि सरकार और टेस्ला के बीच चल रहा मनमुटाव अतीत की बात हो सकती है. जबकि इससे पहले केंद्र सरकार ने टेस्ला की तरफ से इंपोर्ट टैक्स आयात शुल्क में कटौती की कंपनी की मांग को साफतौर पर खारिज कर दिया था. जिसके बाद कंपनी ने भारत में 2022 के बीच में अपनी शुरुआत करने की योजना को टाल दिया था. मोदी-मस्क की बैठक और भारत के नेतृत्व क्षमता को देखते हुए विशेषज्ञों ने कहा, कि वे भारत के लिए टेस्ला के बड़े प्रोजेक्ट्स को लेकर सकारात्मक हैं.


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