CNG Cars in India: 2021 में चार गुना रजिस्ट्रेशन में बढ़त के साथ सीएनजी गाड़ियां बड़ी तेजी से पॉपुलर हो रही हैं. इस कारण सीएनजी स्टेशनों में भी बढ़ोतरी हुई है. यह इस बात का प्रमाण है कि पेट्रोल और डीजल की तेजी से बढ़ती कीमतों को देखते हुए लोग वैकल्पिक ईंधन वाली कारों की तलाश कर रहे हैं. हालांकि, सीएनजी कार चुनने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. 


पेट्रोल और डीजल से ज्यादा सुरक्षित


सीएनजी में हाई ऑटो-इग्निशन टेंपरेचर होता है, जिससे गर्म सतहों के संपर्क में आने पर इसके जलने की संभावना कम हो जाती है. इसके अलावा, सीएनजी में 4 टाइम कम विस्फोटक सीमा के साथ कम ज्वलनशीलता होती है, जिससे आग लगने की संभावना बेहद कम हो जाती है. इसके जलने के लिए गाड़ी में सीएनजी की हाई कंसंट्रेशन होनी चाहिए.


फ्यूल खर्च में बचत


सीएनजी सस्ती होने के कारण सीएनजी कारों को चलाने की लागत पेट्रोल और डीजल कारों की तुलना में कम है. एक्स्ट्रा लागत सिर्फ सीएनजी किट लगवाने की है और अगर आप हर दिन लगभग 40 किलोमीटर गाड़ी चलाते हैं तो यह लागत दो साल में वसूल की जा सकती है.  


सीएनजी किट फिटमेंट का विकल्प


आप अपनी कार में आफ्टर मार्केट सीएनजी किट लगवा सकते हैं या फैक्ट्री-फिटेड विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि आफ्टरमार्केट किट संभवतः सस्ते होते हैं, लेकिन वे आपकी कार की वारंटी को खत्म कर देंगे. इस कारण फैक्टरी फिटेड सीएनजी किट वाली कारों को खरीदना ज्यादा सुरक्षित और बेहतर माना जाता है. ध्यान रखें, कि सभी कारों को सीएनजी में बदलाव नहीं किया जा सकता है. केवल सरकार से प्रमाणित 'सीएनजी एक्सेप्टेड' कारों को ही बदला  जा सकता है.


कुछ समस्याएं भी हैं


पिछले कुछ समय में सीएनजी किटों में विस्फोट के कुछ मामले सामने आए हैं, जिनमें से ज्यादातर लापरवाही या गलत फिटमेंट उपकरण के कारण हुए हैं. इन मामलों को बारीकी से निरीक्षण से पता चला है कि उनमें घरेलू गैस फिटमेंट थे, जो सीएनजी फिटेड कारों के लिए उपयुक्त नहीं है. 


पॉवर की कमी 


सीएनजी कारों में पॉवर की कुछ कमी जरूर देखने को मिलती है. ज्यादा स्पीड में कभी-कभी, झटके भी लगते हैं. हालांकि, इंजन के गर्म होने पर ये समस्या ज्यादा परेशान नहीं करती है. 


फ्यूल रिफिलिंग की समस्या 


देश में सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढ़ी है, लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों में सीएनजी टॉप-अप सुविधाएं अभी भी कम हैं. इसलिए, ग्राहकों को पेट्रोल और सीएनजी दोनों का फ्यूल सेटअप रखने की सलाह दी जाती है, ताकि आप हमेशा सुरक्षित रहें. हालांकि इसमें पॉवर की कमी जरूर है लेकिन अगर आप हर दिन लगभग 40 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हैं, तो बचत के लिहाज से सीएनजी कारें पूरी तरह से उपयुक्त हैं.


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