लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने मंगलवार को लेह को पैंगोंग झील से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण सड़क का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 18,600 फीट की ऊंचाई पर केला दर्रे से गुजरने वाली ये दुनिया की सबसे ऊंची गाड़ी चलाने वाली सड़क होगी. 18,600 फुट की ऊंचाई पर केला टॉप पर हुए उद्घाटन समारोह के दौरान नामग्याल ने सड़क निर्माण के लिए भारतीय सेना खासतौर पर 58 इंजीनियर रेजिमेंट के समर्पण की तारीफ की. नामग्याल ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे, विशेषकर सड़कों और पुलों के निर्माण के प्रति सरकार की गंभीरता का भी जिक्र किया.
कम होगा 41 किमी तक का सफर
सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कहा कि भारतीय सेना की 58 इंजीनियर रेजिमेंट के जरिए बनाई गई सड़क लेह (जिंगराल से तांगत्से) से केला दर्रे को पार कर सुरम्य पैंगोंग झील तक 41 किलोमीटर तक के सफर को कम कर देगी. साथ ही यह सड़क भविष्य में यहां रहने वालों, खासतौर पर लद्दाख के लालोक इलाके के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को भी बदलेगी. इससे पर्यटन के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी.
बढ़ेगा टूरिज्म
एमपी नामग्याल ने कहा कि इस सड़क से टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगी. टूरिस्ट्स दुनिया की सबसे ऊंची गाड़ी चलाने वाली सड़क, स्नो स्पोर्ट्स एक्टिविटी में हिस्सा लेने, मेडिसिन प्लांट्स और झील देखने के लिए आएंगे. नामग्याल के मुताबिक यह 18,600 फुट की ऊंचाई पर आम लोगों के लिए गाड़ी चलाने वाली दुनिया की सबसे ऊंची सड़क होगी. इससे पहले खारदुंगला दर्रा 18,380 फुट की ऊंचाई पर आम लोगों के लिए गाड़ी चलाने वाली सबसे ऊंची सड़क थी.
इन लोगों की मौजूदगी में हुए उद्घाटन
इस ऊंची सड़क का उद्घाटन लेफ्टिनेंट जनरल पी जी के मेनन, जनरल ऑफिसर कमांडिंग 14वीं कॉर्प, ताशी नामग्याल याक्जी और स्टैनजिन चोस्पेल, कार्यकारी पार्षद,वेन लामा कोंचोक त्सेफेल, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (एलएएचडीसी), लेह के पार्षद की मौजूदगी में हुआ.
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