Connected Cars or Normal Cars: भारत में कनेक्टेड कारों का क्रेज बढ़ रहा है. यह इस बात से भी पता चलता है कि पिछले दो सालों में कई कनेक्टेड कारों को लॉन्च किया गया है. इंटरनेट के जरिए कनेक्टेड कारों को आप अपने स्मार्टफोन से कनेक्ट कर सकते हैं. ये आम कारों से काफी अलग होती हैं और इनमें फीचर्स भी ज्यादा ऑफर किए जाते हैं. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि उनके लिए कनेक्टेड कार सही रहेगी या फिर नॉर्मल. हम इसी सवाल का जवाब आपको दे रहे हैं.
कनेक्टेड कार की खासियतें
- कनेक्टेड कारें इंटरनेट की मदद से स्मार्टफोन से कनेक्ट की जा सकती हैं.
- कनेक्टेड कार के कई फीचर्स को कार के बाहर से भी एक्सेस किया जा सकता है.
- कनेक्टेड कार्स में फीचर्स को वॉइस कमांड से भी एक्सेस किया जा सकता है.
नॉर्मल कार
- नॉर्मल कार में आपको कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं मिलेगी.
- नॉर्मल कार के ज्यादातर फीचर्स को मैनुअली ही एक्सेस करना पड़ता है.
- कनेक्टेड कारों की तुलना में नॉर्मल कारों के मुकाबले कम फीचर्स होते हैं.
- हालांकि नॉर्मल कारों में ग्राहकों की जरूरत के मुताबिक सभी फीचर्स होते हैं.
- नॉर्मल कारों की डिमांड भी बाजार में बनी हुई है.
कौन सी कार चुनें?
- दोनों कारों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं.
- लॉन्ग ड्राइव पर जाने में या एक शहर से दूसरे शहर में जाने के लिए कनेक्टेड कारें काफी बेहतर ऑप्शन साबित हो सकती हैं.
- लंबे सफर में काफी थकान हो जाती है. कनेक्टेड कार के फीचर्स को आवाज से कंट्रोल किया जा सकता है. कुछ फीचर्स को भी एक्सेस कर सकते हैं.
- अगर आप कार का इस्तेमाल ज्यादातर घर से ऑफिस जाने या ऑफिस से घर आने के लिए करते हैं या फिर व्यावसायिक तौर पर करते हैं तो कार कनेक्टेड हो या फिर नॉर्मल कोई खास फर्क नहीं पड़ता है. आप अपने बजट के हिसाब से इनमें से कोई भी ऑप्शन चुन सकते हैं.
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