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Challan for Noise Pollution: अब गाड़ी में तेज आवाज में साउंड बजाने वालों की नहीं होगी खैर! भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना
इस फेस्टिव सीजन दिल्ली ट्रैफिक पुलिस गाड़ी में तेज आवाज में म्यूजिक चलाने वालों पर सख्त एक्शन की तैयारी में है. पिछले कुछ दिनों में नॉइस पॉल्यूशन के तीन हजार से ज्यादा चालान काटे गए हैं.
![Challan for Noise Pollution: अब गाड़ी में तेज आवाज में साउंड बजाने वालों की नहीं होगी खैर! भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना Those who play loud music in the car in Delhi will be challaned, the traffic police made this plan Challan for Noise Pollution: अब गाड़ी में तेज आवाज में साउंड बजाने वालों की नहीं होगी खैर! भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/09/18/fbb172168e022c276bc44ea074b57cf0_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Challan for Noise Pollution: दिवाली से पहले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस वायु प्रदूषण से लेकर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई करती नजर आ रही है. जहां एक पॉल्यूशन सर्टिफिकेट को लेकर अभियान चलाया जा रहा है वहीं अब गाड़ी में तेज आवाज के साथ साउंड बजाने वालों पर भी धड़ल्ले से चालान किए जा रहे हैं. पिछले 15 दिन में दिल्ली में करीब चार हजार चालान नॉइस पॉल्यूशन के काटे गए हैं.
अब तक हुए इतने चालान
नॉइस पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी की रिपोर्ट की मानें तो अब तक ट्रैफिक पुलिस ने पिछले 15 दिनों में 3887 चालान मॉडिफाइड साइलेंसर के चलते काटे हैं. जबकि एक हजार 177 चालान प्रेशर हॉर्न की वजह से हुए हैं. इसके अलावा साइलेंस जोन में हॉर्न बजाने पर करीब 65 चालान हुए हैं.
PUC के लिए भी तैनात की गईं टीमें
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने शहर में वाहन चालकों से फ्यूल स्टेशन्स पर तैनात टीमों को PUC डॉक्यूमेंट्स चेक करवाने के लिए कहा है. दिल्ली के अलग-अलग फ्यूल स्टेशंस पर करीब 50 टीमें लगाई गई हैं, जो कि वाहन चालकों का पीयूसी सर्टिफिकेट चेक करेंगी. अगर इनके पास ये सर्टिफिकेट नहीं पाया जाता है तो इन्हें सर्टिफिकेट बनवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
ये है अभियान का मकसद
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस अभियान में उन वाहन चालकों को प्रोत्साहित करने पर फोकस रहेगा, जिनके पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है. उन पर जुर्माना लगाने की जगह इसे हासिल करने के लिए कहा जाएगा. वहीं अगर ये बनवाने से मना करता है तो उस पर कार्रवाई की जा सकती है. इस अभियान का मकसद पॉल्यूशन लेवल को कम करना है.
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