कार हो या बाइक दोनों में ही टायर्स का एक अहम रोल होता है. अगर एक भी टायर में हवा कम हो जाए या कोई खराबी आ जाए तो गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती. इसलिए कहते हैं कि टायर्स की देखभाल बेहद जरूरी होती है. अक्सर लोग इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं और बाद में उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. यहां हम आपको टायर्स की देखभाल से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं.


सही समय पर बदलें टायर 
टायर्स एक्सपर्ट बताते हैं कि आमतौर तौर पर हर 40 हजार  किलोमीटर चलने के बाद टायर बदल देना ठीक रहता है. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि टायर कितना घिसा हुआ है. अक्सर इतना लंबा चलने पर भी टायर की कंडीशन ठीक रहती है. लेकिन फिर भी 50 हजार किलोमीटर तक चलने के बाद टायर्स को बदल देना चाहिये. वाहन नियमों के मुताबिक टायर पर बने खांचे (ट्रेड) की गहराई 1.6 मिमी रह जाए तो टायर बदल दिया जाना चाहिए. आमतौर एक टायर उम्र पांच साल की होती है.


इस बात का रखें खास ख्याल 
आपके पास टू-व्हीलर हो या फोर व्हीलर, हफ्ते में एक बार सभी टायर्स में हवा का प्रेशर जरूर चेक करें. टायर में हवा उतनी ही रखें जितनी कंपनी द्वारा बताई गई है. कम या ज्यादा हवा टायर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है और इससे माइलेज पर भी गलत असर पड़ता है.


ऐसे बढ़ेगी टायर की उम्र 
हर 5000 किलोमीटर पर व्हील अलाइनमेंट और रोटेशन करवाना जरूरी होता है. इससे टायर्स की उम्र भी बढ़ जाती है और गाड़ी की परफॉरमेंस भी बढ़ती है. टायर साफ करने के लिए पेट्रोलियम बेस्ड डिटरजेंट या केमिकल क्लीनर का प्रयोग न करें. पानी से टायर्स को साफ किया जा सकता है. टायर्स के ट्रेड में फंसे कंकर-पत्थर, कील-कांटे भी समय-समय पर निकालें.


ओवरलोडिंग से बचें
अपनी गाड़ी में कभी भी ओवरलोडिंग न करें, क्योंकि ऐसा करने से टायर्स पर तो बुरा असर पड़ता ही है साथ ही गाड़ी की परफॉरमेंस भी बिगड़ जाती है. गाड़ी में ज्यादा सामान भरने से और भी कई नुकसान हो सकते हैं, जिससे कार की लाइफ कम हो सकती है.


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