किसी भी गाड़ी में टायर्स का अहम भूमिका होती है. अक्सर टायर्स बीच रास्ते में पंक्चर हो जाते हैं, जिसकी वजह से बीच रास्ते में हमारे सामने दिक्कत आ जाती है. गर्मी के मौसम में टायर्स के फटने और पंक्चर होने की शिकायतें ज्यादा आती हैं. यह समस्या ट्यूब वाले टायर्स में ज्यादा देखने को मिलती है जबकि ट्यूबलेस टायर्स कई मामलों में बेहतर साबित होते हैं. इसलिए अब वाहनों में ट्यूबलेस टायर्स लगवाने की सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं इनके क्या फायदे हैं.
नहीं बिगड़ता बैलेंस
ट्यूबलेस टायर ज्यादा भरोसेमंद भी होते हैं, क्योंकि जब भी टायर में कोई नुकीली चीज लगती है, यानी जब टायर पंक्चर होता है तो उस कंडीशन में हवा बाहर नहीं निकलती, जिसकी वजह से गाड़ी का बैलेंस नहीं बिगड़ता है. इन टायर के पंक्चर होने पर हवा बहुत धीरे-धीरे निकलती है ऐसे में गाड़ी को एक सही जगह पर रोकने के लिए आपको थोड़ा टाइम मिल जाता है.
ऐसे करें ठीक
ट्यूबलेस टायर में पंक्चर लगाने में कोई खास दिक्कत नहीं आती. पंक्चर वाली जगह पर स्ट्रिप लगाई जाती है और फिर रबर सीमेंट की मदद से उस जगह को भर दिया जाता है. आमतौर पर ट्यूब वाले टायर में पंचर लगाने के लिए उसे बाहर निकालना पड़ता है जिसमें काफी समय बर्बाद होता है जबकि ट्यूबलेस टायर को आसानी से रिपेयर किया जा सकता है.
हल्के होते हैं ट्यूबलेस टायर्स
ट्यूब वाले टायर्स के मुकाबले ट्यूबलेस टायर्स का वजन कम होता है. जिससे गाड़ी की माइलेज बढ़ती है. इसके अलावा ट्यूबलेस टायर्स जल्दी गर्म भी नहीं होते जिसकी मदद से बेहतर ड्राइविंग का अनुभव मिलता है.
गर्मी में ज्यादा होते हैं पंक्चर
अक्सर देखने में आता है कि लोग घिसे हुए, खराब टायर्स को लगातार इस्तेमाल करते रहते हैं, गर्मी में यही टायर्स गर्म होकर ब्लास्ट भी हो जाते हैं. कई बार लोग टायर्स में हवा ज्यादा डलवा लेते हैं जोकि सही नहीं है. एक अच्छा टायर कम पंचर होता है जबकि खराब टायर बार-बार पंचर होता है.
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