कारों में आने लगे हैं ये खास सेफ्टी फीचर्स, जानिए क्यों जरूरी हैं आपके लिए
इस रिपोर्ट में हम कुछ सेफ्टी फीचर्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं ताकि जब भी आप कोई नई कार खरीदने का प्लान करे तो आपको भी यह मालूम होना चाहिये कि आपकी कार में जो सेफ्टी फीचर्स लगे हैं वो क्या काम करते हैं.
![कारों में आने लगे हैं ये खास सेफ्टी फीचर्स, जानिए क्यों जरूरी हैं आपके लिए Top 5 best Car Safety Features all you need to know कारों में आने लगे हैं ये खास सेफ्टी फीचर्स, जानिए क्यों जरूरी हैं आपके लिए](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/08/22031639/WhatsApp-Image-2020-08-21-at-21.44.27.jpeg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
1. एयरबैग: आजकल सभी कारों में अब एयर बैग स्टैण्डर्ड फीचर्स (सिर्फ ड्राईवर साइड) आने लगा है. हाई स्पीड में जब कार किसी से टकराती है तो एयर बैग्स गुब्बारे की तरफ निकल कर फूल जाते हैं और कार में बैठे लोगों को सिमर लगने वाली चोटों से बचाते हैं. लेकिन याद रहे, एयर बैग सही मायनों में आपकी सेफ्टी तभी कर सकता है जब आपने सीट बेल्ट भी लगाई हो.
2. एंटी लॉकिंग ब्रेकिंग सिस्टम
ABS को Anti-lock Braking System (एंटी लॉक ब्रेकिंग) के नाम से जाना जाता है. यह एक ऐसा सेफ्टी फीचर है जो कि अचानक ब्रेक लगाने पर वाहन को फिसलने से बचाता है. साथ ही वाहन को कंट्रोल में रखता है. इसमें लगे वाल्व और स्पीड सेंसर की मदद से अचानक ब्रेक लगने पर वाहन के पहिये लॉक नहीं होते हैं और बिना स्किड किये कम दूरी में वाहन रुक जाता. जिस वाहन में ABS (Anti-lock Braking System) लगा होता है, उस वाहन में जब अचानक ब्रेक लगते है तो उस वक्त ब्रेक आयल के प्रेशर से ब्रेक पैड पहिये के साथ जुड़ते हैं और उसकी स्पीड को धीमा कर देते हैं. स्पीड में वाहन के आगे अगर कुछ रूकावट पैदा होती है जिसकी वजह से गाड़ी को एकदम से रोकना पड़े तो ब्रेक पेडल को जोर से दबाया जाता है ताकि वाहन रुक जाये. लेकिन जब तेज स्पीड में एकदम से जोर से ब्रेक लगते हैं तो ब्रेक पैड व्हील के साथ चिपक जाते है और फिर शुरू होता है ABS का काम.
3. EBD क्या है और कैसे काम करता है ?
EBD को Electronic break force के नाम से जाना जाता है. यह एक ऐसा सिस्टम है जो वाहन गाड़ी की स्पीड और रोड़ की कंडीशन के हिसाब से ब्रेक अलग-अलग पहिये को अलग अलग ब्रेक फोर्स देता है. जब कभी एकदम से ब्रेक लगते हैं तो गाड़ी आगे की तरफ को दबती है और जब किसी मोड़ पर गाड़ी को मोड़ते हैं तो गाड़ी का वजन और उस पर बैठी सवारियों का भार एक तरह होता है.ऐसे में जब इस कंडीशन में एकदम से ब्रेक लगाने पड़ते हैं तो बिना EBD की गाड़ियों के स्किड होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि EBD सिस्टम, वजन और रोड़ कंडीशन के अनुसार अलग अलग पहिये को अलग अलग ब्रेक फोर्स देता है जिसकी वजह से वाहन ऐसी परिस्थिति में भी कंट्रोल में रहता है और स्लिप नहीं होता.इससे चालक के साथ कोई दुर्घटना नहीं होती. ABS और EBD दोनो ही अलग अलग सिस्टम है लेकिन वाहन में ये दोनों ही एक साथ काम करते हैं इसलिए इन दोनों का नाम भी हमेशा एक ही साथ लिया जाता है.
4. इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल
साल 2012 के बाद से बनी लगभग सभी कारों में इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल सिस्टम (ESC) दिया जाने लगा. इस फीचर की मदद से कार की स्लाइडिंग और स्किडिंग को रोकता है. ये सेंसर व्हील स्पीड, साइडवेज़ मोशन और रोटेशन जैसी चीजों को मॉनिटर करता है. इतना ही नहीं गाड़ी चलाने वाला अगर अनस्टेबल होकर गाड़ी चलाएं तो यह सेंसर कार को पूरी तरह से स्टेबल रखता है. इस सिस्टम की मदद से कार के टायर को मॉनिटर करके ड्राइवर को कार चलाने में सहूलियत मिलती है.
5. टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम ( TPMS ) की मदद से कार का हर टायर का एयर प्रेशर मॉनिटर करने में मदद मिलती है. यह सिस्टम कार के सभी टायर्स के साथ ही स्पेयर टायर का भी एक प्रेशर मॉनिटर करता है. यह सिस्टम काफी उपयोगी है.इस तरह का फीचर फिलहाल महंगी कारों में देखने को मिलता है.अक्सर कई बार हाई स्पीड से गाड़ी चलाते समय अचानक गाड़ी का टायर पंचर हो जाता है या फट जाता और उसकी वजह से गाड़ी का बैलेंस बिगड़ जाने की वजह से एक्सीडेंट हो जाता है. इसलिए ऐसी दुर्घटना से बचने के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम इस्तेमाल किया जाता है.
यह भी पढ़ेंBajaj CT 110 और TVS Star City Plus में से कौन सी बाइक है वैल्यू फॉर मनी ? जानिये
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)