आपकी बाइक कभी नहीं होगी ब्रेक डाउन अगर किये ये 5 जरूरी काम
अक्सर समय पर बाइक की ठीक से सर्विस न होने पर बाइक ब्रेक डाउन का शिकार हो जाती है. यहां हम कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं जो आपकी बाइक की सेहत दुरस्त रखने में मदद करेंगे.
नई दिल्ली: यूथ को बाइक राइड करना सबसे ज्यादा भाता है. लेकिन अक्सर समय पर बाइक पर ठीक प्रकार से ध्यान न दे पाने की वजह से बाइक ब्रेक डाउन का शिकार हो जाती है. ऐसे में हम आपको कुछ खास और आसान टिप्स बता रहे हैं जिनकी मदद से आप खुद ही अपनी बाइक को मेंटेन कर सकते हैं.
टायर्स में एयर प्रेशर चेक करें
बाइक के टायर्स में हवा का प्रेशर सही रखना चाहिये, हफ्ते में एक बार अपनी बाइक के दोनों टायर्स में एयर प्रेशर चेक करें. अक्सर लोग अपनी मर्जी से टायर्स में एयर डलवा लेते हैं लेकिन टायर्स में उतनी ही हवा डलवायें जितना कंपनी ने बताया है.आप चाहें तो टायर्स में नाइट्रोजन का इस्तेमाल कर सकते हैं जोकि काफी बेहतर मानी जाती है.
समय पर ऑयल बदलना
वैसे तो सर्विस के समय इंजन ऑयल चेंज कर दिया जाता है, लेकिन फिर भी हर 2000 से 5000 किलोमीटर के बाद इंजन ऑयल को चैक करते रहें और अगर इंजन ऑयल कम हो गया हो या काला पड़ गया हो तो आप इसे चेंज करवा सकते हैं. इसके लिए पहले बाइक को करीब 5 मिनट के लिए स्टार्ट करें और फिर बंद कर दें. इससे ऑयल गर्म होकर लाइट हो जाएगा. इसके अलावा इंजन के नीचे लगे कैप को हटाकर ऑयल को किसी बर्तन में इकट्ठा करें. इसके वाहन को अच्छी तरह से हिला डुला कर पूरे ऑयल को इंजन से बाहर निकालें. इंजन को फ्लश करके भी सफाई कर सकते हैं, इसके लिए आप थोड़ा सा पेट्रोल लेकर इंजन में डालें और इंजन स्टार्ट कर दें उसके बाद सारा कचरा निकल जाएगा, फिर आप नया ऑयल चेंज कर सकते हैं.
एयर फिल्टर बदलें
बेहतर परफॉरमेंस के लिए बाइक का एयर फिल्टर साफ़ रखें और हर 1500km से 2000km पर एयर फिल्टर बदल लेना चाइये. एयर फिल्टर बाइक की सीट के नीचे लगा होता है, जिसे आसानी से बदला जा सकता है.
चेन को साफ करें
बाइक की चेन को रेगुलर साफ करें. गंदी चेन से बाइक की परफॉरमेंस ख़राब होती है. चेन पर ग्रीस का इस्तेमाल बिलकुल न करें, क्योंकि ऐसा करने से रोटेशन में दिक्कत होती है और पकड़ कमजोर पड़ती है साथ ग्रीस की वजह से गंदी भी जल्दी होती है.
कूलेंट बदलें
हाई परफॉरमेंस हैवी इंजन बाइक्स में कूलेंट का इस्तेमाल होता है.कूलेंट इंजन को हीट होने से बचाता है. इसलिए रेगुलर कूलेंट की जांच होती रहनी चाहिये. अगर इसकी मात्रा कम हो गई हो तो टॉप-अप कर लेना बेहतर रहता है. ऐसा करने से इंजन की परफॉरमेंस बढ़िया रहेगी.
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