नई दिल्ली: हर गाड़ी में टायर्स की भूमिका ठीक वैसे ही होती है जैसे घर दीवारें उसकी बुनियाद होती हैं. अगर एक भी टायर में हव कम हो जाए या कोई खराबी आ जाए तो गाड़ी आगे नहीं बढ़ सकती. इसलिए कहते हैं कि टायर्स की देखभाल बेहद जरूरी होती है.यहां हम आपको टायर्स की देखभाल से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती हैं.


टायर बदलने का सही समय


टायर्स एक्सपर्ट बताते हैं कि आमतौर तौर पर हर 40 हजार  किलोमीटर चलने के बाद टायर बदल देना ठीक रहता है. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि टायर कितना घिसा हुआ है. अक्सर इतना लंबा चलने पर भी टायर की कंडीशन ठीक रहती है. लेकिन फिर भी 50 हजार किलोमीटर तक चलने के बाद टायर्स को बदल देना चाहिये. वाहन नियमों के मुताबिक टायर पर बने खांचे (ट्रेड) की गहराई 1.6 मिमी रह जाए तो टायर बदल दिया जाना चाहिये. आपको बता दें कि  एक टायर उम्र 5 साल की होती है.


टायर्स की देखभाल ऐसे करें


आपके पास टू-व्हीलर हो या फ़ोर व्हीलर, हफ्ते में एक बार सभी टायर्स में हवा का प्रेशर जरूर चेक करें. टायर में हवा उतनी ही रखें जितनी कंपनी द्वारा बताई गई है. कम या ज्यादा हवा टायर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है, और इससे माइलेज पर भी गलत असर पड़ता है.


हर 5000 किलोमीटर पर व्हील अलाइनमेंट और रोटेशन करवाना जरूरी होता है.इससे टायर्स की उम्र भी बढ़ जाती है और गाड़ी की परफॉरमेंस भी बढ़ती है. टायर साफ करने के लिए पेट्रोलियम बेस्ड डिटरजेंट या केमिकल क्लीनर का प्रयोग न करें. पानी से टायर्स को साफ किया जा सकता है.अगर टायर्स के ट्रेड में फंसे कंकड़-पत्थर, कील-कांटे भी समय-समय पर निकालें.


ओवरलोडिंग से बचें


अपनी गाड़ी में कभी भी ओवरलोडिंग न करें, क्योंकि ऐसा करने से टायर्स पर तो बुरा असर पड़ता ही है साथ ही गाड़ी की परफॉरमेंस भी बिगड़ जाती है.


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