Toyota Kirloskar: टोयोटा भारत में लगाएगी अपना तीसरा मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट, 1 लाख यूनिट सालाना होगी उत्पादन में बढ़ोतरी
नई टोयोटा 340D 7-सीटर एसयूवी में इनोवा हाइक्रॉस वाले समान इंजन विकल्प मिलने की संभावना है. जिसमें एक मजबूत हाइब्रिड तकनीक के साथ 2.0-लीटर पेट्रोल और 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन का विकल्प मिलता है.
Toyota New Manufacturing Plant in India: जापानी कार मेकर कंपनी, टोयोटा ने भारत में अपने तीसरे मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को स्थापित करने के लिए कर्नाटक सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इस तीसरे प्लांट से टोयोटा की उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 1 लाख यूनिट बढ़ जाएगी. कंपनी बेंगलुरु के पास बिदादी में इस तीसरे प्लांट को स्थापित करने के लिए लगभग 3,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इससे लगभग 2,000 नई नौकरियां पैदा होंगी. टोयोटा के अन्य दो प्लांट भी बिदादी में ही स्थित हैं और इनसे लगभग 4 लाख यूनिट प्रति वर्ष उत्पादन होता है. नया उत्पादन संयंत्र 2026 तक चालू हो जाएगा. यहां आगामी 3-रो एसयूवी को तैयार किया जाएगा. इसके कोरोला क्रॉस के 7-सीटर मॉडल होने की संभावना है, जो कई विदेशी बाजारों में बिक्री के लिए मौजूद है.
340D कोडनेम वाली नई एसयूवी के 2026 तक लॉन्च होने की उम्मीद है. टोयोटा सालाना इस नई 3-रो एसयूवी की लगभग 60,000 यूनिट्स का उत्पादन करेगी. नई टोयोटा 7-सीटर एसयूवी टोयोटा के टीएनजीए-सी प्लेटफॉर्म पर बेस्ड होगी, जो भारत में बिकने वाली इनोवा हाइक्रॉस के लिए भी इस्तेमाल की जाती है. नया मॉडल कोरोला क्रॉस की तुलना में लंबे व्हीलबेस के साथ आएगा. पर चलेगा, जिसका व्हीलबेस 2,640 मिमी है. जिस कारण इसमें थर्ड रो दिया जाएगा.
डिजाइन
आने वाली टोयोटा 3-रो एसयूवी को कोरोला क्रॉस से अलग दिखाने के लिए डिजाइन में कुछ बदलाव देखने को मिलेंगे. इस एसयूवी में एक नया फ्रंट फेसिया मिल सकता है, जिसमें प्लास्टिक बम्पर, नए हेडलैंप और अपडेटेड फ्रंट ग्रिल शामिल होंगे. इसके अलावा, लंबे व्हीलबेस और थर्ड रो के कारण इसमें एक नया रियर प्रोफ़ाइल देखने को मिलेगा.
पावरट्रेन
नई टोयोटा 340D 7-सीटर एसयूवी में इनोवा हाइक्रॉस वाले समान इंजन विकल्प मिलने की संभावना है. जिसमें एक मजबूत हाइब्रिड तकनीक के साथ 2.0-लीटर पेट्रोल और 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन का विकल्प मिलता है. इसमें मैनुअल और ऑटोमेटिक दोनों गियरबॉक्स का विकल्प मिलेगा. इस नई एसयूवी को अन्य बाजारों में भी भारत से ही निर्यात किए जाने की संभावना है.