Solid State Batteries: फाइनेंशियल टाइम्स (एफटी) ने सोमवार को बताया कि जापानी वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मौजूदा बैटरी के समान गति से सॉलिड-स्टेट बैटरी को तैयार करने के करीब है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सॉलिड-स्टेट बैटरियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन 2027 या 2028 तक शुरू हो सकता है.


टोयोटा ने क्या कहा?


टोयोटा ने हाल ही में कहा कि वह एक ऐसी उपलब्धि पर पहुंच गई है जो इन बैटरियों की लागत और आकार को आधा कर सकती है. टोयोटा ने कहा कि सफल होने पर, सॉलिड-स्टेट बैटरियां ईवी की रेंज को 1,200 किमी तक यानि दोगुना कर देंगी और इनका चार्जिंग टाइम भी 10 मिनट या उससे कम होगा. पिछले हफ्ते, टोयोटा ने सॉलिड-स्टेट बैटरियों के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए टेक्नोलॉजी पर एक प्रमुख जापानी तेल कंपनी इडेमित्सु के साथ काम करने पर सहमति जताई थी.


ईवी तकनीक में आएगी क्रांति 


एक प्रेस रिपोर्ट के अनुसार, यह सौदा टोयोटा के लिए महत्वपूर्ण है, जो अपनी बैटरी ईवी पेशकश में तेजी लाने और टेस्ला और चीन के बीवाईडी जैसे प्रतिद्वंद्वियों से पिछड़ने के बाद अपने ईवी प्रोग्राम में तेजी लाने का वादा करता है. टोयोटा आंशिक रूप से पेट्रोल इंजन और बैटरी चालित मोटरों से लैस प्रियस जैसी हाइब्रिड कारों में अपनी सफलता के कारण ईवी सेगमेंट में पिछड़ गई है. टोयोटा के मुख्य कार्यकारी कोजी सातो ने संवाददाताओं से कहा कि, "टेस्टिंग और त्रुटि से जुड़े बार-बार के प्रयासों के कारण, हम एक ऐसा मैटेरियल विकसित करने में सफल हुए हैं जो अधिक स्थिर है और इसके खराब होने की संभावना कम है." उन्होंने कहा, "मोबिलिटी का फ्यूचर ऑटो और ऊर्जा क्षेत्रों के बीच एलायंस में निहित है, जिसमें जापान से आया यह इनोवेशन भी शामिल है."


2001 से चल रही है तैयारी 


इडेमित्सु 2001 से ऑल-सॉलिड-स्टेट बैटरियों के लिए बुनियादी तकनीकों पर शोध कर रहा है. टोयोटा ने 2006 में इसकी शुरुआत की थी. किटो ने कहा कि हाल के इनोवेशन से बैटरियों को ईवी लिथियम-आयन बैटरियों की इस बढ़त को दूर करने में मदद मिलेगी. टोयोटा के घरेलू प्रतिद्वंद्वी निसान और अमेरिकी निर्माता फोर्ड सहित दुनिया के कई शीर्ष वाहन निर्माता सॉलिड-स्टेट बैटरी पर काम कर रहे हैं.


क्या हैं सॉलिड-स्टेट बैटरियां?


एक सॉलिड-स्टेट बैटरी कैथोड, एनोड और सॉलिड इलेक्ट्रोलाइट से बनी होती है. यह लिथियम-आयन बैटरियों से अलग है, जो लिक्विड इलेक्ट्रोलाइट का उपयोग करती हैं. वर्तमान लिथियम-आयन बैटरियां सूजन या रिसाव जैसी जोखिमों के साथ आती है, क्योंकि इनमें लिक्विड इलेक्ट्रोलाइट्स का उपयोग किया जाता है. इनमें आग लगने का खतरा भी अधिक होता है.


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