What is Traction Control System: इन दिनों आने वाली गाड़ियों में आपने ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम (Traction Control System) नाम का फीचर सुना होगा. इसे TCS भी कहा जाता है. यह एक पॉपुलर और महत्वपूर्ण सेफ्टी फीचर है, जो मुसीबत के समय आपके बड़े काम आ सकता है. यह आपकी गाड़ी या बाइक के व्हील को कंट्रोल खोने से रोकता है, ताकि वाहन अनियंत्रित न हो. इस फीचर को पहली बार 1979 में पेश किया गया था, हालांकि फीचर को आम गाड़ियों में आने में कई साल लग गए. आज हम आपको बताने वाले हैं कि ट्रैक्शन कंट्रोल क्या होता है और यह किस तरह काम करता है. 


क्या होता है ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम?
यह एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) का ही एक एडवांस रूप है. यह सिस्टम किसी व्हील की स्पीड में होने वाले परिवर्तन को मॉनिटर करता है और उसी हिसाब से ब्रेक अप्लाई करता है. खराब रास्तों पर यह फीचर आपकी गाड़ी को आराम से निकलने में मदद करता है. 


दरअसल, जब भी आपकी कार का कोई व्हील ग्रिप या कंट्रोल खोता है, तो वह बाकी व्हील से ज्यादा स्पीड पर घूमने लगता है. ऐसे में उसे बाकी व्हील से ज्यादा टॉर्क मिलने लग जाता है. ABS कंप्यूटर तेजी से चलने वाले या 'फिसलने' वाले पहिये के वेग को कम करने के लिए तुरंत उस पर ब्रेक अप्लाई करता है और दूसरे छोर वाले पहिया के लिए ज्यादा टॉर्क देने लगता है. इसके अलावा, ऑन-बोर्ड कंप्यूटर इंजन की पावर को कुछ हद तक कम भी कर देता है.


क्यों होती है इस फीचर की जरूरत?
अगर गाड़ी के पहिए सड़क पर अपनी पकड़ खो देते हैं, तो यह कार को अस्थिर कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटना की स्थिति पैदा हो सकती है. इस तरह का ट्रैक्शन लॉस आमतौर पर बर्फीली सड़कों पर और बरसात के मौसम में होता है. ऐसे समय में ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम फीचर बड़े काम का साबित हो सकता है. इस फीचर के चलते गीली सतह में या रेत में आपके टायर्स अच्छा परफोर्म करते हैं. 


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