Union Budget 2024: बजट 2024 में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा, मेक-इन-इंडिया EVs पर भारत सरकार का फोकस
Automobile Budget 2024: भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग पर खासा ध्यान दिया है. सरकार ने ईवी बैटरी पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को घटाया है.
Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश किया है. वित्त मंत्री ने अपनी बजट स्पीच में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को मेंशन नहीं किया. वहीं FAME III के बारे में भी वित्त मंत्री ने कहीं जिक्र नहीं किया. भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के स्थानीयकरण पर काफी जोर दे रही है और इसके लिए सरकार ने कदम भी उठाए हैं.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार का ध्यान
इलेक्ट्रिक वाहनों के स्थानीयकरण के लिए सरकार ने लिथियम, कॉपर और कोबाल्ट पर कस्टम ड्यूटी को घटाया है. इससे देश में लिथियम-आयन बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग को और ज्यादा बल मिलेगा. लिथियम आयन बैटरी के निर्माण में लिथियम और कोबाल्ट सबसे जरूरी कंपोनेंट्स हैं. इन तत्वों पर कस्टम ड्यूटी का कम होना, भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के निर्माण को सही दिशा देगा.
हाईब्रिड और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए कितना बजट?
इस बजट 2024-25 में देश में इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड वाहनों को ज्यादा बढ़ावा देने के लिए, इन व्हीकल्स की ज्यादा-से-ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग के लिए, ऑटो इंडस्ट्री के लिए लाए गए कुल बजट का करीब आधा हिस्सा 2,671 करोड़ रुपये इन्हीं वाहनों के लिए रखा गया है.
निर्मला सीतारमण ने FY24 में FAME II आउटले को 5,172 करोड़ रुपये करके दोगुना कर दिया था. FAME स्कीम को सबसे पहले साल 2015 में लागू किया गया था. इस स्कीम की वजह से इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने को लेकर बढ़ावा मिला है. ये बढ़त इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में खासतौर पर देखी गई है.
क्यों है इलेक्ट्रिक कारों की कीमत ज्यादा?
सरकार का कहना है कि अगर सब्सिडी को घटाया जाएगा, तो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सेल्स को, खासतौर पर टू-व्हीलर कैटेगरी में काफी बढ़ावा मिलेगा. इलेक्ट्रिक वाहनों में बैटरी की कीमत ईवी मेकर्स के लिए एक चैलेंज के तौर पर है, क्योंकि इसी से रेगुलर गाड़ियों और इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत में अंतर देखने को मिलता है.
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