Electric Vehicles: केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किये गए केंद्रीय बजट 2023 में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम देखने को मिला है. सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी बनाने में प्रयोग होने वाले उपकरणों (पार्ट्स) पर अब कस्टम ड्यूटी नहीं लेगी. जिसका सीधा असर इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों पर देखने को मिलेगा. आइये आपको बताते हैं, इस बजट में सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़वा देने के लिए क्या कुछ खास सौगात दी गयी है.


अब नहीं देनी कस्टम ड्यूटी


बजट 2023 में ऑटो सेक्टर के लिए सबसे बड़ी घोषणा इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए देखने को मिली है. सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों में प्रयोग की जाने वाली लिथियम-आयन बैटरी को बनाने में जिन चीजों का इस्तेमाल होता है, उनसे कस्टम ड्यूटी को हटा लिया है. लेकिन इसका फायदा केवल उन कंपनियों को मिलेगा जो बैटरी का निर्माण भारत में करती हैं.


35,000 करोड़ से ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा


इस भरी भरकम फंड के जरिये अब सरकार के ग्रीन मोबिलिटी के लक्ष्य को साफ-साफ देखा जा सकता है. अब सरकार की कोशिश पारंपरिक पेट्रोल-डीजल वाले वाहनों से निर्भरता कम करके बायो फ्यूल की तरफ तेजी से जाने की है. जिसके लिए सरकार पहले से ही जीरो-कार्बन न्यूट्रिलिटी का लक्ष्य बना चुकी है.


ग्रीन हाइड्रोजन के लिए मिलेंगे 19,700 करोड़


इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ-साथ बजट में ग्रीन हाइड्रोजन के लिए भी 19,700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके जरिये सरकार की कोशिश साल 2030 तक प्रोडक्शन कैपेसिटी को 50 लाख टन के लक्ष्य को पूरा करने की है.


2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री


पिछले साल यानि 2022 में भारत के इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और उत्पादन दोनों में ही अच्छी रफ़्तार देखने को मिली है. पिछले साल भारत में लगभग 10 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई.


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