खाई या अधूरा पुल, क्या ADAS कर पाएगा आपको अलर्ट? जानें क्या कहते हैं Expert
ADAS Feature on Cars: एडीएएस एक इलेक्ट्रॉनिक सेफ्टी असिस्टेंस सिस्टम होता है, जोकि ड्राइवर की मदद करने के लिए तैयार किया गया है. इसके लिए कार के चारों तरफ कई सारे सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है.
ADAS System During Car Accident: यूपी के बरेली से खबर सामने आई कि एक कार आधे बने पुल पर चढ़ गई और नीचे नदी में जा गिरी. इस घटना के बाद तीन लोगों की मौत हो गई. कार में सवार यात्री गूगल जीपीएस की मदद से चल रहे थे. जीपीएस में यह जानकारी अपडेटेड नहीं थी कि आगे पुल बंद है. अब ऐसे में सोचने वाली चीज यह है कि कार का कोई सेफ्टी फीचर इस स्थिति में काम आ सकता है या नहीं...?
अब तक के सेफ्टी फीचर्स की बात की जाए तो इनमें ADAS एक बेहतरीन फीचर माना जाता है. ADAS यानी एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम संभावित दुर्घटना को पहचानकर ड्राइवर को इससे बचने की सलाह देता है. अब सवाल यह उठता है कि क्या ADAS की सहायता से यह अलर्ट मिल सकता है कि आगे पुल खत्म होने वाला है या गाड़ी खाई में गिरने वाली है?
क्या कहते हैं ऑटो एक्सपर्ट?
ऑटो एक्सपर्ट टू टू धवन के मुताबिक, ADAS एक इलेक्ट्रॉनिक सेफ्टी असिस्टेंस सिस्टम होता है, जोकि ड्राइवर की मदद करने के लिए तैयार किया गया है. इसके लिए कार के चारों तरफ कई सारे सेंसर का इस्तेमाल किया जाता है. जो गाड़ी के चारों ओर की स्थिति को भांप कर ड्राइवर को इसकी जानकारी देते हैं. यह फीचर हादसे की स्थिति को भांप लेता है और ड्राइवर को अलर्ट करने का काम करता है.
उदाहरण के तौर पर ड्राइविंग करते वक्त अगर आपका ध्यान भटक जाता है और कार दूसरी लेन में चली जाती है या फिर ऐसा कुछ हो जाता है कि सामने से कोई दूसरी कार टकराने वाली हो. तो इस स्थिति में ये फीचर आपको अलर्ट कर हादसे से बचाने में मददगार साबित होगा.
पूरी तरह से निर्भर होना ठीक नहीं
ऑटो एक्सपर्ट कहते हैं कि एक चीज यहां ध्यान देने वाली यह हैं कि ADAS सिर्फ एक सहयोगी चालक के तौर पर काम करता है, लेकिन इस सिस्टम पर पूरी तरह से निर्भर हो जाना बिल्कुल भी उचित नहीं है. वहीं अगर सड़क पर कोई पुल खत्म हो रहा है या फिर आगे खाई है तो इस स्थिति में यह विजुलाइज नहीं कर पाएगा.
कैसे काम करता है ADAS?
एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम कई चिपों में बंटा होता है, जिसे SoCs (Systems on a Chip) कहा जाता है. बेहतर आउटपुट लेने के लिए इन्हें इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोलिंग यूनिट के जरिए सेंसर्स से जोड़ा जाता है. इसके अलावा कार के चारो तरफ मौजूद कैमरा, राडार लिडार और अल्ट्रा सोनिक सेंसर्स एक सुरक्षा कवच बनाकर सेफ्टी देने का काम करते हैं और सही समय पर सही डिसीजन लेकर कार को मूवमेंट देने की क्षमता भी रखते हैं.
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