पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में सरकार अब दूसरा रास्ता अपनाने जा रही है. दरअसल केंद्र सरकार अगले कुछ दिनों में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन को अनिवार्य कर सकती है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक इस फैसले से न सिर्फ किसानों को मदद मिलेगी बल्कि लोगों को फ्यूल की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी.
होगा इतना फायदा
नितिन गडकरी ने रोटरी जिला सम्मेलन 2020-21 के दौरान कहा कि ऑप्शनल फ्यूल इथेनॉल की कीमत 60 से 62 रुपये प्रति लीटर है, जबकि देश में कई जगहों पर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा है. ऐसे में इथेनॉल के इस्तेमाल से देश के लोगों को 30 से 35 रुपये प्रति लीटर का फायदा होगा.
क्या है इथेनॉल?
बता दें कि इथेनॉल एक अल्कोहल की तरह है जिसे पेट्रोल में मिलाकर फ्यूल के तौर पर यूज किया जाता है. इथेनॉल का प्रोडक्शन गन्ने से किया जाता है और इसे पेट्रोल के साथ मिलाकर 35 प्रतिशत तक कार्बन मोनोऑक्साइड कम किया जा सकता है. इस पेट्रोल के लिए कम कीमत खर्च करनी होगी.
2023 तक पूरा होगा टार्गेट
गौरतलब है कि केंद्र सरकार अगले दो साल में पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग के टार्गेट को पूरा करना चाहती है. जिससे देश को महंगे तेल आयात पर कम निर्भर होना पड़े. पहले सरकार ने इसे 2025 तक पूरा करने का टार्गेट रखा था, जिसे अब 2023 तक पूरा करने की तैयारी है.
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