Volkswagen-Skoda Cars in India: स्कोडा ऑटो-फॉक्सवैगन इंडिया ग्रुप के पोर्टफोलियो में फिलहाल स्कोडा स्लाविया, कुशाक, कोडियाक और सुपर्ब जैसी कारों के साथ-साथ फॉक्सवैगन वैगन वर्टस, टाइगुन और टिगुआन शामिल हैं. अब, दोनों कार निर्माताओं ने मिलकर कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जिनमें वाहन निर्माण, इंजन प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट शामिल हैं. आइए जानते हैं इन कंपनियों की कुछ खास माइलस्टोन के बारे में.


चाकन प्लांट में बनाई गई 15 लाख से ज्यादा गाड़ियां


स्कोडा ऑटो-फॉक्सवैगन इंडिया ग्रुप ने 2009 से, देश में 15 लाख वाहनों का उत्पादन किया है, जिसकी शुरुआत स्कोडा फैबिया हैचबैक से हुई थी. इस उपलब्धि में फॉक्सवैगन ग्रुप के प्रतिष्ठित मॉडल जैसे वेंटो और पोलो, और स्कोडा रैपिड, साथ ही MQB-A0-IN प्लेटफॉर्म पर बेस्ड नए मॉडल जैसे फॉक्सवैगन ताइगुन और वर्टस, और स्कोडा कुशाक और स्लाविया शामिल हैं. 


चाकन प्लांट में बने 3.8 लाख से ज्यादा इंजन


स्कोडा ऑटो-फॉक्सवैगन इंडिया ग्रुप के लिए चाकन प्लांट में इंजन शॉप पिछले दस साल से चालू है. जिस प्लांट में 3.8 लाख से ज्यादा इंजन बनाए हैं. इसमें खास बात यह है कि 1-लीटर TSI इंजन के ज्यादातर पुर्जे भारत में ही तैयार किए गए हैं.


भारत 2.0 प्रोजेक्ट


वाहन निर्माता ग्रुप ने यह दावा किया है कि उसने अपने भारत 2.0 प्रोजेक्ट के तहत 3 लाख से ज्यादा वाहनों का निर्माण किया है. इस प्रोजेक्ट के तहत, स्कोडा ऑटो-फॉक्सवैगन इंडिया ग्रुप ने फॉक्सवैगन टाइगुन और वर्टस के साथ-साथ स्कोडा कुशाक और स्लाविया को डिजाइन और निर्मित किया है, जो सभी MQB-A0-IN प्लेटफॉर्म पर बेस्ड हैं.


30 प्रतिशत कारों का हुआ 40 देशों में निर्यात


स्कोडा ऑटो-फॉक्सवैगन इंडिया ग्रुप ने भारत में निर्मित अपने 30 प्रतिशत वाहनों को 40 से ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट किया है, जिससे भारत ग्लोबल लेवल पर कंपनी का चौथा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट सेंटर बन गया है.


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