भारत में मोटर व्हीकल चलाने के लिए वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस की सभी के लिए आवश्यक है. लाइसेंस किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के RTO द्वारा जारी किया जाता है, जो पूरी देश में मान्य होता है. अगर कोई भी व्यक्ति व्हीकल वाहन चलाना चाहता है तो उसे पहले सीखने के मकसद से लर्निंग लाइसेंस दिया जाता है. यह एक टैंपरेरी लाइसेंस है जो सिर्फ छह महीने के लिए वैलिड होता है. इसके बाद किसी को परमानेंट लाइसेंस दिया जाता है. अगर आप गियर वाली गाड़ी के लिए लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो आपकी उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए जबकि बिना गियर के वाहन चलाने के लिए आपकी उम्र मिनिमम 16 साल होनी चाहिए. आइए जानते हैं इसे बनवाने के लिए किन-किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है. 


Driving License के लिए ये दस्तावेज हैं जरूरी


ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए एड्रैस प्रूफ के लिए (नीचे दिए गए दस्तावेजों में से कोई एक ऑरिजनल और सेल्फ अटेस्टेट फोटो कॉपी)


वोटर आई.डी.
जीवन बीमा योजना
पासपोर्ट 
बिजली / पानी / टेलीफोन बिल
राशन कार्ड
आधार कार्ड
आयकर रिटर्न
एप्लीकेंट की तीन रिसेंट पासपोर्ट साइज फोटो


बर्थ का प्रूफ देने के लिए (नीचे दिए गए दस्तावेजों में से कोई एक ऑरिजनल और सेल्फ अटेस्टेट फोटो कॉपी)


बर्थ सर्टिफिकेट
स्कूल की मार्कशीट या टीसी
पासपोर्ट
पैन कार्ड
नागरिकता का प्रमाण


RTO के अलावा ये भी जारी कर सकेंगे DL
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के नियमों में बदलाव कर दिया है. सरकार के नए नियम के मुताबिक व्हीकल मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन, एनजीओ और निजी कंपनियों को ट्रेनिंग सेंटर चलाने की इजाजत होगी. ट्रेनिंग के बाद ये सभी ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर सकेंगे. हालांकि इसके लिए इन वैध संस्थाओं के पास केंद्रीय मोटर वाहन (CMV) नियम, 1989 के तहत निर्धारित जमीन पर जरूरी सुविधाएं होना आवश्यक है. यही नहीं अगर कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में इसके लिए अप्लाई करता है तो उसे रिसोर्स को मैनेज करने को लेकर अपनी फाइनेंशियल कैपेबिलिटी दिखानी होगी. 


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