ABS Feature: फोर-व्हीलर की तुलना में टू-व्हीलर की सवारी काफी जोखिम भरी होती है. ऊपर सड़कों पर मौजूद गड्ढे दुर्घटना की संभावना में और बढ़ोत्तरी कर देते हैं. इसीलिए 2020 के बाद बनने वाले सभी वाहनों के लिए एबीएस सिस्टम से लैस होना अनिवार्य कर दिया गया है. ये फीचर इतना जरुरी क्यों है और ये कैसे काम करता है आगे हम इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं.
बेहतर कंट्रोलिंग के लिए जरूरी
एबीएस फीचर के न होने की स्थिति में अचानक ब्रेक लगाने की वजह से बाइक के फिसलने के ज्यादा चांस होते हैं, जबकि एबीएस सिस्टम के मौजूद होने से बाइक के संतुलन बिगड़ने के चांस कम हो जाते हैं. इसलिए बेहतर कंट्रोलिंग के लिए इसका होना जरुरी है और किसी भी तरह की दुर्घटना होने से भी टल जाती है. जोकि साधारण ब्रेक होने की स्थिति में होने की अधिक संभावना बनी रहती है.
पहिये लॉक नहीं होते
एबीएस फीचर की गैर-मौजूदगी में अगर अचानक से ब्रेक लगाए जाते हैं, तो ब्रेक के चिपक जाने की वजह से बाइक फिसल जाती है. लेकिन एबीएस होने से पहिये लॉक नहीं होते, जिससे बाइक फिसलने की बजाय सुरक्षित तरीके से रुक जाती है.
एबीएस में कौन कौन से पार्ट्स यूज होते हैं
एबीएस सिस्टम कोई एक पार्ट न होकर कई पार्ट्स से मिलकर बनी एक यूनिट होती है. जिसमें स्पीड सेंसर से लेकर वॉल्व, हाइड्रोलिक कंट्रोल यूनिट और इलेक्ट्रिक कंट्रोल यूनिट जैसे पार्ट्स एक साथ मिलकर काम करते हैं. जिसे एबीएस यूनिट कहा जाता है.
ऐसे करता है काम
जब एबीएस सिस्टम से लैस टू-व्हीलर को अचानक ब्रेक लगाकर रोका जाता है. वैसे ही इसकी सूचना तुरंत ECU (Electronic Control Unit) में जाती है, फिर किस पहिये पर कितनी ब्रेक लगनी है ये ECU ही तय करता है और बाइक आराम से रुक जाती है.
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