लंबे सफ़र के लिए कारों में आता है यह खास फीचर, ड्राइविंग के दौरान नहीं होती थकान
क्रूज़ कंट्रोल के इस्तेमाल से ड्राइवर की थकान कम होती है क्योंकि बार-बार रेस देने से बच जाता है. लेकिन क्रूज़ कंट्रोल के इस्तेमाल पर सड़क पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है.
नई दिल्ली: गाड़ियों में क्रूज़ कंट्रोल नाम के फीचर के बारे में अक्सर आपको सुनने को मिलता होगा, पहले यह फीचर सिर्फ महंगी लग्जरी कारों में दिया होता है. लेकिन अब ज्यादातर कारों में इस फीचर को शामिल किया जाता है. अक्सर हाइवे पर इस फीचर का इस्तेमाल किया जाता है. क्रूज़ कंट्रोल क्या होता है और इसके फायदे क्या होते हैं ? आइये जानते हैं.
क्रूज़ कंट्रोल महंगी लग्जरी कारों में देखने को मिलता है. जब इस फीचर को ऑन किया जाता है, तब एक्सीलेरेटर पैडल पर पैर रखने की जरूरत नहीं पड़ती. इस फीचर को ऑन करते समय गाड़ी की स्पीड सेट करनी होती है, इसके बाद आप अपना पैर एक्सीलेरेटर पैडल से हटा सकते हैं, और क्रूज़ कंट्रोल फीचर की मदद से गाड़ी सेट की गई स्पीड पर खुद चलने लगती है.
वैसे क्रूज़ कंट्रोल का सही इस्तेमाल 50 kmph की स्पीड पर होता है, और इसका मजा तब ज्यादा बढ़ जाता है जब गाड़ी को खुली सड़क मिल जाए और दूर-दूर तक कोई ट्रैफिक न हो. याद रखें सिटी ड्राइव में क्रूज़ कंट्रोल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
क्रूज़ कंट्रोल के इस्तेमाल से ड्राइवर की थकान कम होती है, क्योंकि बार-बार रेस देने से बच जाता है. लेकिन क्रूज़ कंट्रोल के इस्तेमाल पर सड़क पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. विदेशों में लोग सिटी ड्राइविंग में भी इसे इस्तेमाल करते हैं, वहां सड़कें भी अच्छी हैं और लोग सख्त ट्रैफिक नियमों का गंभीरता से पालन करते हैं. जबकि भारत में ऐसा नहीं है.
ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन बताते हैं कि आज कल लोग टॉप मॉडल वाली गाड़ी खरीदना पसंद करने लगे हैं. थोड़े ज्यादा पैसे देकर एक एडवांस्ड मॉडल चुनते हैं. जहां तक बात क्रूज़ कंट्रोल फीचर की है तो यह आपकी ड्राइविंग को बेहतर और आरामदायक है. लेकिन इसके इस्तेमाल सावधानी बरतने की काफी जरुरत होती है. यह लम्बी यात्रा में थकान को कम करता है पर सुरक्षा के लिए तो आपको अलर्ट भी रहना होगा.
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