Maruti Suzuki Jimny: मारुति सुजुकी जिम्नी मैनुअल या ऑटोमेटिक, जानिए कौन सा है बेहतर विकल्प
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के अपने अलग फायदे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि इसे सड़क या ऑफ रोड, दोनों जगह चलाना आसान है, पढ़ें पूरी खबर.
Maruti Jimny Automatic vs Manual: मारुति जिम्नी आखिरकार भारत में आने वाली है. जब इंजन विकल्पों की बात आती है तो इसमें कंपनी का परिचित 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन है. हालांकि इसमें मैनुअल और ऑटोमेटिक गियरबॉक्स को चुनने में कंफ्यूजन हो सकता है. जिम्नी में एक स्टैंडर्ड 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन है और 4-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमेटिक का विकल्प दिया गया है.
मैन्युअल वेरिएंट जिम्नी
अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप जिम्नी का उपयोग कैसे करना चाहते हैं. 5-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन को ड्राइवर अधिक पसंद करते है और यह कार के कैरेक्टर के साथ अधिक फिट बैठता है. लेकिन यह अन्य मारुति कारों की तुलना में थोड़ा हेवी है. इसका क्लच भी थोड़ा भारी है लेकिन इसे शिफ्ट करना काफी स्मूथ है. शहर के इस्तेमाल के लिए हेवी नहीं लगता है लेकिन लॉन्ग ड्राइव में इसका इस्तेमाल करना थोड़ा थका देने वाला हो सकता है. बात अगर ऑफरोड उपयोग के लिए करें तो मैनुअल गियरबॉक्स के साथ जिम्नी बेहतर पैकेज है क्योंकि इसमें अधिक कंट्रोल मिलता है, और इसे ड्राइव करना काफी आसान है. वही कभी-कभार वाली लॉन्ग ड्राइविंग के लिए भी आपको मैनुअल वेरिएंट अधिक पसंद आ सकता है.
जिम्नी ऑटोमेटिक
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के अपने अलग फायदे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि इसे सड़क या ऑफ रोड, दोनों जगह चलाना आसान है. ऑफ-रोड ड्राइव करने के लिए मैनुअल ट्रांसमिशन का इस्तेमाल थोड़ा कठिन है, खासकर नए ड्राइवरों के लिए इसका इस्तेमाल करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. जबकि ऑटोमेटिक को ड्राइव करना आसान है और कम स्पीड में ऑफ-रोड ड्राइविंग हो और ऑन-रोड ड्राइविंग, दोनों ही जगह इसे आसानी से ट्यून किया जा सकता है. इसके साथ आप ट्रैफिक में भी आसानी से ड्राइव कर सकते हैं, हालांकि इसमें ऑफरोड पर ज्यादा मजा नहीं आता, लेकिन फिर भी इसे ड्राइव करना काफी आसान है. इसमें एक 4 स्पीड ऑटोमेटिक गियरबॉक्स मिलता है, जो मारुति की पुरानी कारों में मिलता था. इसमें कोई पैडल शिफ्टर नहीं है लेकिन आप गियर को '2' या 'L' मोड से लॉक कर सकते हैं, जो कि इसका सबसे निचला गियर है.
माइलेज
इसका माइलेज मारुति ही अन्य कारों की तरह नहीं है. मैनुअल ट्रांसमिशन, ऑटोमेटिक की तुलना में अधिक माइलेज देता है जबकि ऑटोमेटिक की अच्छे से ड्राइव करने पर भी माइलेज मुश्किल से दो अंकों तक पहुंचता है. ऑफरोड उपयोग और इंजन को अधिक पॉवर देने में माइलेज जरूर कम होता है, लेकिन ऑटोमेटिक का माइलेज कम है.
निष्कर्ष
ऐसे में यदि आप इसका डेली इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपके लिए ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन सही रहेगा, जिसे चलाना काफी आसान है. हालांकि मैनुअल को ड्राइव करना काफी मजेदार है और इसमें ज्यादा माइलेज के साथ कीमत में भी कम होने की संभावना है.