(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या आप खरीदने की जगह कार का सब्सक्रिप्शन लेना चाहेंगे, जानें कार कंपनियों का यह ऑफर क्यों है खास
कार सब्सक्रिप्शन का सबसे बड़ा फायदा जीरो डाउन पेमेंट और जीरो मेंटेनेंस के साथ जीरो इंश्योरेंस कॉस्ट है. कई कार निर्माता यह ऑफर दे रहे हैं.
नई दिल्ली: कार खरीदना आम तौर पर एक बहुत महंगा मामला है जिसमें भारी डाउनपेमेंट और बड़ी ईएमआई के साथ-साथ मैंनटेनेंस कॉस्ट सहित और भी बहुत से खर्चे शामिल हैं. हालांकि अब कार खरीदने के अलावा भी कुछ ऑप्शन आपके पास हैं. ऐसा ही एक ऑप्शन टियर वन शहरों में तेजी से पकड़ बना रहा है, वह है कार सब्सक्रिप्शन. कई कार निर्माता यह ऑफर दे रहे हैं. आज हम निसान इंडिया के ऑफर पर चर्चा करेंगे..
निसान ने अपनी कार सब्सक्रिप्शन स्कीम लॉन्च कर दी है और यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि कार खरीदने की जगह इस ऑप्शन का इस्तेमाल करने पर आपको क्या फायदे मिलते हैं. कार सब्सक्रिप्शन का सबसे बड़ा फायदा जीरो डाउन पेमेंट और जीरो मेंटेनेंस के साथ जीरो इंश्योरेंस कॉस्ट है.
इस मामले में निसान ने मैग्नाइट, किक्स और रेडी-गो सहित अपनी पूरी रेंज के लिए सब्सक्रिप्शन देने के लिए ओरिक्स के साथ साझेदारी की है. कार सब्सक्रिप्शन के साथ आप दरअसल मामूली वापसी योग्य जमा राशि का भुगतान करते हैं और उसके बाद से टेन्योर के आधार पर एक निश्चित मासिक शुल्क का भुगतान करते हैं. सब्सक्रिप्शन वास्तव में अधिक लचीला है क्योंकि आप कम कीमत पर एक नई कार पा सकते हैं.
निसान सब्सक्रिप्शन स्कीम के साथ आपको 'व्हाइट प्लेट' और 'बाय बैक ऑप्शन' वाली कार मिलेगी. साथ ही वाहन बीमा, पंजीकरण शुल्क, सड़क कर, आरटीओ खर्च, टायर और बैटरी रखरखाव और अन्य सभी कागजी कार्रवाई को इस योजना में पूरा किया गया है.
सबस्क्रिप्शन के मामले में निसान मैग्नाइट एमटी XV मासिक सदस्यता पर उपलब्ध है, 17,999 रुपये के प्लान के साथ. जबकि मैग्नाइट टर्बो CVT XV प्रीमियम 25,299 रुपये प्रति माह पर उपलब्ध है. किक्स की मासिक सदस्यता दर 23,999 रुपये से शुरू होती है जबकि रेडी-गो की दर 8,999 रुपये है.
फिलहाल दिल्ली एनसीआर, हैदराबाद और चेन्नई में उपलब्ध निसान का यह सब्सक्रिप्शन मॉडल कार खरीदने से ज्यादा फ्लेक्सिबल है. सुविधा, कम लागत के चलते इस सब्सक्रिप्शन मॉडल में एक अपील है. अगर आप अपनी कार को 2-3 साल तक रखते हैं तो यह ज्यादा फायदेमंद है. आमतौर पर कार सब्सक्रिप्शन लगभग 12 महीने से शुरू होकर 48 महीने तक होते हैं.
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