सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पॉल्यूशन को लेकर नए नियम बनाए हैं, जिसमें कहीं वाहन चालकों को राहत दी गई है वहीं कहीं सख्ती भी की गई है. इन नियमों के तहत पहली बार रिजेक्शन स्लिप की शुरुआत की गई है, यानी अगर किसी वाहन में पॉल्यूशन लेवल तय सीमा से ज्यादा होगा तो उस वाहन मालिक को रिजेक्शन स्लिप दे दी जाएगी.


सस्पैंड होगी RC और परमिट
रिजेक्शन स्लिप मिलने के बाद गाड़ी के मालिको को ये स्लिप लेकर गाड़ी की सर्विसिंग के लिए सर्विस सेंटर पर जाना पड़ेगा. अगर प्रवर्तन अधिकारी को लगता है कि गाड़ी प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन कर रही है तो अधिकारी लिखित या डिजीटली गाड़ी को ऑथराइज्ड टेस्टिंग सेंटर में गाड़ी को जमा करने का निर्देश दे सकता है. अगर गाड़ी मालिक इस टेस्टिंग सेंटर पर गाड़ी नहीं लेकर जाता है तो उस पर जुर्माना लगया जाएगा. यही नहीं रजिस्ट्रेशन अधिकारी लिखित में कारण दर्ज करने के बाद गाड़ी की RC  और परमिट को भी सस्पेंड कर सकता है. ये RC और परमिट तब तक सस्पेंड रहेंगे जब तक नया PUC नहीं बनता है.


PUC के लिए नए नियम
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने देशभर में चल रहे सभी वाहनों के लिए एक ही PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट के उपयोग को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्रालय ने अपनी नोटिफिकेशन में एक ही वाहन के लिए देश में अलग-अलग जगहों पर PUC सर्टिफिकेट बनवाने की आवश्यकता को खत्म कर दिया है. इस अधिसूचना के बाद अब गाड़ी मालिकों को दूसरे राज्य में तब तक PUC सर्टिफिकेट नहीं बनवाना पड़ेगा जब तक उनके मौजूदा PUC की वैलिडिटी खत्म नहीं हो जाती है. इसके अलावा मंत्रालय PUC सर्टिफिकेट को नेशनल रजिस्टर के साथ PUC डेटाबेस से भी जोड़ने की तैयारी कर रहा है.


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