व्यंग्य: भूख हड़ताल से पहले 10 सूत्रीय कोर्स
भूख हड़तालियों के बीच जा जाकर एक संक्षिप्त सा क्रैश कोर्स खाकसार ने तैयार किया है. कोर्स के मुख्य बिन्दु निम्नलिखित हैं.
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दिल्ली में एक मंत्रीजी भूखहड़ताल पर बैठे तो चौथे दिन ही उनका वजन डेढ़ किलो बढ़ गया. बड़ी फजीहत हुई. भूख हड़ताल अब सत्याग्रह नहीं बल्कि कला है और भूख हड़ताली एक कलाकार. वक्त आ गया है जब भूख हड़ताल से पहले भूख हड़ताली को क्रैश कोर्स कराया जाए. इस क्रैश कोर्स में भूखहड़तालियों को संभावित सावधानियों से लेकर लंबे वक्त तक भूख हड़ताल जारी रखने के उपाय बताए जाएं.
भूख हड़तालियों के बीच जा जाकर एक संक्षिप्त सा क्रैश कोर्स खाकसार ने तैयार किया है. कोर्स के मुख्य बिन्दु निम्नलिखित हैं.
1- भूख हड़ताल पर बैठने से पहले अपना वजन चार किलो बढ़ाकर बताएं. बातों बातों में दोहराएं कि आपका वजन कितना है (झूठा).
2- भूख हड़ताल पर बैठने से पहले बेहोश होने के तमाम फिल्मी दृश्यों को घोंट कर पी जाएं. यानी इतना अभ्यास कर लें कि कभी भी जरुरत पड़ने पर झटका मारकर आप बेहोश होने का ड्रामा कर सकें.
3- एक दिन पहले पसंदीदा रेस्तरां में जाकर जमकर खा आएं ताकि सामने बैठे लोगों को बर्गर-चिप्स खाते देख आपका मन कम से कम एक दो दिन डांवाडोल न हो.
4- कोशिश करें कि अच्छे मौसम में भूख हड़ताल पर बैठें. लेकिन मजबूरी में अगर गर्मी के मौसम में भूख हड़ताल का कार्यक्रम है तो कोशिश करें एलजी-सीएम-डीएम के घर या किसी अस्पताल के एसी वेटिंग रुम में अनशन करें.
5- अच्छी क्वालिटी के गद्दे की व्यवस्था रखें क्योंकि अनशन के वक्त गद्दे बड़ा सहारा होते हैं.
6- अनशन से पहले अच्छी कंपनी का मोबाइल खरीदें, जिसका कैमरा अच्छा हो क्योंकि अनशन की सेल्फी फेसबुक पर पोस्ट करना बहुत जरुरी है. एक इंसान के जीवन में एक-दो मौके ही आते हैं, जब वो भूख हड़ताल वगैरह पर बैठता है. इसलिए जितने घंटे भूख हड़ताल करें, उसकी सेल्फी पोस्ट करते रहें. और ध्यान रहे कि हर सेल्फी में चेहरा पिछली सेल्फी से बुझा दिखना चाहिए.
7- मोबाइल का चार्जर साथ रखें और ज्यादा से ज्यादा जीबी का इंटरनेट पैक खरीद लें. धरनास्थल पर वाईफाई होने की कोई गारंटी नहीं होती. फिर, आजकल भूखहड़ताल के एक दो दिन बाद तक ही लोगों का साथ मिलता है. ऐसे में इंटरनेट के आसरे ही वक्त कटता है.
8- कुछ भूख हड़ताल आजकल ऐसी भी हो रही हैं,जिसमें बंदा रात 12 से सुबह 6 बजे तक के लिए धरनास्थल से घर चला जाता है. सोने के लिए. घरवाले आग्रह करते हैं तो कुछ खा-पी भी लेता है. आखिर, घरवालों की सुननी पड़ती है.
9- अगर आप कर्रे भूखहड़ताली नहीं है तो 'डे ओनली' वाला विकल्प ही चुनें. हो सकता है कुछ नासमझ लोग आपको समझाएं कि इससे प्रतिष्ठा में कमी आएगी लेकिन प्रतिष्ठा मीडिया में खबर छपने या न छपने से आती-जाती है.
10- आजकल धऱनास्थलों पर युवा जूताचालक प्रैक्टिस के मकसद से भी आते हैं. थोड़ी भीड़ आते ही हेलमेट पहनें.
मुश्किल वक्त के लिए दो दोस्त तैयार रखिए, जो तबियत बिगड़ते ही जबरन जूस पिलाकर आपकी हड़ताल यह कहते हुए तुड़वा दें कि लड़ाई अभी जारी रहेगी. ध्यान रखिए आपने भूखहड़ताल सिर्फ अपनी मांगे मनवाने के लिए रखी है, सच्ची मुच्ची में जान देने के लिए नहीं.
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![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
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