ब्लॉग: सोनम गुप्ता कुछ भी हो सकती है लेकिन बेवफा नहीं!
जिस दिन पहली बार दस रुपये के नोट पर सोनम गुप्ता की बेवफाई का पर्दाफाश हुआ था उसी दिन सोचा था कि इस पर ब्लॉग लिखने का. फिर रुक गया. सोचा देश भर का सोशल मीडिया इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है पहले उसे देख लिया जाए, फिर आराम से लिखा जाएगा. सबसे पहले स्पष्ट कर दूं कि मेरे दोस्तों और परिचितों में कोई भी सोनम गुप्ता नहीं है. मैं दस के नोट वाली सोनम गुप्ता को जानता नहीं हूं, कभी मिला भी नहीं हूं. लेकिन मैं सोनम गुप्ता के साथ खड़ा हूं. मुझे सोनम गुप्ता से हमदर्दी है. मैं मानता हूं कि सोनम गुप्ता कुछ भी हो सकती है लेकिन बेवफा कतई नहीं हो सकती.
आप कहेंगे कि जिस सोनम गुप्ता को मैं जानता तक नहीं हूं तो फिर मैं इस कदर शपथ लेकर कैसे दावा कर सकता हूं कि सोनम गुप्ता कुछ भी हो सकती है लेकिन बेवफा नहीं हो सकती. बेवफा वही हो सकता है जिसने प्यार किया हो. जो प्यार करेगा वही या तो बावफा होगा या फिर बेवफा. अब अगर सोनम गुप्ता ने किसी से प्यार किया है तो जाहिर है कि उस शख्स ने भी सोनम गुप्ता से प्यार किया होगा. अगर ऐसा ही रहा होगा तो फिर किसी वजह से सोनम गुप्ता के बेवफा होने पर आशिक साहब को किसने हक दिया कि वह अपनी उस सोनम गुप्ता को बेवफा करार दें जिससे वह प्यार करते थे. इस तरह सार्वजनिक रुप से जो अपने प्यार का अपमान करे वह आशिक हो नहीं सकता, वह हर दर्जे एक खुदगर्ज इंसान नजर आता है. जाहिर है कि अगर सोनम गुप्ता ने बेवफाई की भी है तो उसे इस तरह रुसाव कर उस शख्स ने अपने ही प्यार को रुसवा किया है लिहाजा दरअसल बेवफा है. दाग का शेर उन साहब की नजर किया जा सकता है.
हमसे भी क्या हो सका मोहब्बत में, तुमने तो खैर बेवफाई की
आगे चलते हैं. सोनम गुप्ता को खुश होना चाहिए कि उसने ऐसे शख्स का साथ छोड़ दिया जो उसके प्यार को सार्वजनिक रुप से जलील करने जैसी शर्मनाक हरकता कर सकता है. अगर सोनम गुप्ता उसके साथ बनी रहती तो आगे चलकर वह आदमी पता नहीं क्या-क्या करता.
कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं कोई बेवफा नहीं होता
इस शेर को गुनगुनाते हुए सोनम गुप्ता को भूला जा सकता था, भूलने की प्रक्रिया में शराब भी पी जा सकती थी, सिगरेटें भी फूंकी जा सकती थी. लेकिन दस के नोट पर अपने प्यार को गली गली मोहल्ले मोहल्ले बदनाम करना किसी तरह जायज नहीं ठहराया जा सकता. यह प्यार के बुनियादी उसूल के ही खिलाफ जाता है. इसलिए सोनम गुप्ता कुछ भी हो सकती है लेकिन बेवफा नहीं हो सकती.
सोनम गुप्ता की कथित बेवफाई के बाद सोशल मीडिया पर छाई टिप्पणियों से पता चलता है कि भारत में लोग प्यार करना भूल गये हैं, प्यार में कुर्बानी देना तो बिल्कुल ही भूल चुके हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो जनता को सोनम गुप्ता का साथ देना चाहिए था, उस शख्स का उसी तरह सार्वजिनक तौर पर तिरस्कार करना चाहिए था जिस तरह उसने सोनम गुप्ता का अपमान किया. लेकिन राहत देने वाली सबसे बड़ी खबर यही है कि सोनम गुप्ता बिलकुल भी डरी नहीं है. सोनम गुप्ता की मां भले ही गुहार लगा रही हो कि उनकी बेटी बेवफा नहीं है लेकिन सोनम गुप्ता ने साफ तौर पर ऐलान कर दिया है कि वह बेवफा नहीं है. जिसको जो उखाड़ना है उखाड़ ले.