विराट कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ बुधवार को किस प्लेइंग 11 के साथ मैदान में उतरेंगे ये बताएगा कि टीम का प्लान ‘बी’ क्या है. इस प्लान ‘बी’ की जरूरत इसलिए क्योंकि टीम के सबसे कामयाब तेज गेंदबाद जसप्रीत बुमराह को बीसीसीआई ने आराम देने का फैसला किया है.


इसके अलावा इस बात को कोई झुठला नहीं सकता है कि हार्दिक पांड्या के ना रहने से भी टीम का संतुलन बिगड़ा है. हार्दिक पांड्या को लेकर अभी बीसीसीआई का फैसला नहीं आया है. दरअसल, लंबे समय बाद टीम इंडिया को एक ऐसा खिलाड़ी मिला था जो आक्रामक बल्लेबाजी के साथ तेज गेंदबाजी करता था. लेकिन अपनी बदजुबानी की वजह से उन पर प्रतिबंध लगा हुआ है. देर सबेर उन्हें टीम इंडिया में ‘एंट्री’ तो मिल जाएगी लेकिन तब तक टीम का संतुलन बनाए रखना विराट कोहली के लिए कड़ी चुनौती है.


ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज में ये परेशानी सभी ने देखी. न्यूज़ीलैंड की टीम ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले बेहतर टीम है. लिहाजा इन पांच मैचों की सीरीज में जीत हासिल करना आसान नहीं है.


कहां बिगड़ रहा है टीम इंडिया का संतुलन

सबसे बड़ी परेशानी तीसरे तेज गेंदबाज को लेकर है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में विराट कोहली ने तीनों वनडे में तीन अलग अलग तेज गेंदबाजों को मौका दिया. तीन के तीनों गेंदबाजों ने निराश किया. पहले मैच में खलील अहमद खेले. जिन्होंने 8 ओवर में 55 रन दिए. उन्हें कोई सफलता नहीं मिली. दूसरे वनडे में विराट कोहली ने मोहम्मद सिराज को वनडे टीम में शामिल किया. ये उनके करियर का पहला वनडे मैच था. जिसमें उन्होंने 10 ओवर में 76 रन लुटा दिए. ये किसी भी भारतीय गेंदबाज के वनडे करियर के डेब्यू के दूसरे सबसे खराब आंकड़े हैं.


इसके बाद उन्हें प्लेइंग 11 से बाहर करके विराट कोहली ने विजय शंकर को टीम में जगह दी. विजय शंकर ने 6 ओवर में रन तो 23 ही दिए लेकिन उन्हें कोई कामयाबी नहीं मिली. वैसे भी तीसरे वनडे में यजुवेंद्र चहल ने 6 विकेट लेकर दूसरे गेंदबाजों के लिए ज्यादा मौका ही नहीं छोड़ा. अब न्यूजीलैंड में भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शामी के साथ तीसरा गेंदबाज कौन होगा, इस पर सभी की निगाहें रहेंगी.


केदार जाधव और रवींद्र जडेजा के तौर पर विराट कोहली के पास दो ऑलराउंडर उपलब्ध तो हैं लेकिन दोनों ही स्पिन ऑलराउंडर हैं. केदार जाधव ने वनडे सीरीज के आखिरी मैच में शानदार बल्लेबाजी कर अपनी उपयोगिता एक बार फिर साबित की है.


दो स्पिनरों को खिलाने में क्या है दिक्कत


यजुवेंद्र चहल और कुलदीप यादव दो शानदार स्पिनर हैं. दोनों मैच विनर हैं. 2018 में इन दोनों गेंदबाजों की बदौलत टीम इंडिया ने कई मैच जीते. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी वनडे में यजुवेंद्र चहल ने कंगारुओं को जी भर के नचाया. विश्व कप की तैयारियों के मद्देनजर भी देखा जाए तो इन दोनों स्पिनर्स की बहुत उपयोगिता है.


इंग्लैंड में जब विश्व कप खेला जाएगा तब तक वहां की विकेट बहुत ‘ड्राई’ हो चुके होंगे. याद कीजिए इंग्लैंड में ही खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी में तेज गेंदबाजों के मुकाबले स्पिनर्स को ज्यादा कामयाबी मिली थी. ऐसे में अब से लेकर विश्व कप तक बचे सभी वनडे मैचों में ये दोनों खिलाड़ी ‘ट्रंपकार्ड’ हैं.


दिक्कत ये है कि इन दोनों बल्लेबाजों को प्लेइंग 11 में शामिल करने पर पुछल्ले बल्लेबाजों की सूची लंबी हो जाती है. इन दोनों खिलाड़ियों की बल्लेबाजी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इन परिस्थितयों के मद्देनजर बतौर कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री की माथापच्ची बढ़ी है. विराट कोहली अक्सर ये कहते रहे हैं कि उनकी टीम ‘अनप्रेडिक्टिबल’ होती है. विरोधी टीम मैदान में उतरने से पहले ही उनके खिलाफ रणनीति नहीं बना सकती है. लेकिन मौजूदा न्यूज़ीलैंड दौरे पर उनके पास इसके लिए ज्यादा विकल्प नहीं हैं. इसी की काट उन्हें खोजनी है.