ये सच है कि इस साल की शुरूआत दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट सीरीज में हार के साथ हुई थी. ये भी सच है कि उसके बाद भारतीय टीम को इंग्लैंड में भी हार का सामना करना पड़ा था. इन दोनों सीरीज में भारतीय टीम जीत के काफी करीब पहुंच कर लड़ाई हार गई थी.


भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने ऐसी छोटी छोटी गलतियां की थीं जिनका नतीजा उन्हें मैच गंवाना पड़ा था. बावजूद इसके इस सच को कोई काट नहीं सकता है कि इस साल भारतीय टीम ने विदेशी जमीन पर चार टेस्ट मैच जीते. दिलचस्प बात ये है कि दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में सीरीज हारने के बाद भी वहां एक-एक जीत दर्ज की. इसके बाद साल के खत्म होते होते टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में तो कारनामा कर ही दिया है.


4 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम 2-1 की बढ़त बना चुकी है. टेस्ट क्रिकेट में उसका नंबर एक का ताज बरकरार है. आखिरी टेस्ट मैच में अगर टीम इंडिया ड्रॉ कराने में भी कामयाबी हासिल कर लेती है तो भारतीय टेस्ट इतिहास में ये साल बड़े सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतने का ये पहला मौका होगा. इससे पहले कोई भी भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज करने में कामयाब नहीं हुई है. यहां टेस्ट सीरीज के साथ साथ इस बात का जिक्र भी जरूरी है कि 2018 में भारतीय टीम ने विदेशी जमीन पर वनडे और टी-20 क्रिकेट में भी धमाल मचाया. इसी साल दक्षिण अफ्रीका को भारतीय टीम ने वनडे सीरीज में 5-1 से हराया था. श्रीलंका में निदहास ट्रॉफी पर कब्जा किया. इसके अलावा एशिया कप में टीम इंडिया के सर जीत का सेहरा बंधा.


अब ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में धोने का शानदार मौका


विराट कोहली पहले ऐसे एशियाई कप्तान हैं जिन्होंने एक ही कैलेंडर इयर में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में बतौर कप्तान जीत हासिल की है. ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में एक ही कैलेंडर इयर में दो टेस्ट मैच हराने का श्रेय भी मौजूदा टीम इंडिया को है. आपको याद दिला दें कि ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर टीम इंडिया ने एडिलेड टेस्ट मैच में जीत के साथ टेस्ट सीरीज की शुरूआत की थी. भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 31 रनों से हराया था.


पर्थ टेस्ट मैच में कंगारुओं ने बेहतर प्रदर्शन किया और भारत को 146 रनों से हरा दिया. पर्थ के बाद ऐसा लग रहा था कि कंगारु वापस अपनी लय में आ गए हैं और अब सीरीज का पक्ष उनकी तरफ मुड़ सकता है लेकिन टीम इंडिया ने मेलबर्न में इस ‘थ्योरी’ को पलट दिया. तीसरे टेस्ट मैच में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 137 रनों से हराया. सीरीज का चौथा और आखिरी टेस्ट मैच 3 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा.


ये टीम इंडिया की बेहतर रणनीति की जीत है


सीरीज शुरू होने से पहले ही कहा जा रहा था कि ऑस्ट्रेलिया की मौजूदा टीम भारत के मुकाबले कमजोर टीम है. कंगारुओं ने ‘माइंडगेम’ का भी खेल किया. विराट कोहली को लेकर भी तमाम बयान दिए गए. ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट इतिहास को समझने वाले जानते हैं कि उनका जरूरत से ज्यादा किसी खिलाड़ी की चर्चा करना भी उसके ऊपर एक तरह का मानसिक दबाव बनाना ही है. विराट को लेकर खूब बयान दिए गए. लेकिन विराट कोहली ने भी अपनी परिपक्वता दिखाते हुए हाथ में बल्ले के आने के बाद किसी तरह का ‘डिस्ट्रैक्शन’ नहीं आने दिया.


टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करके उन्होंने दिखाया कि अब टीम इंडिया की सोच कितनी बदल चुकी है. अब मुश्किल से मुश्किल पिच पर टीम इंडिया पहले बल्लेबाजी करने का जोखिम लेने को तैयार रहती है. सबसे बड़ा बदलाव टीम इंडिया के वो तेज गेंदबाज हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई टीम को टेस्ट सीरीज में ‘बैकफुट’ पर जाकर खेलने के लिए मजबूर कर दिया.