RIP Raju Srivastava: गजोधर भैया (Gajodhar Bhaiya) यानी राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastava) के कॉमेडी (Comedy) के किस्सों की दुनिया का वो किरदार, जिसके जरिये वो ऐसी कहानियों को देश के आम लोगों (Common People) तक आसानी से पहुंचा देते थे, जो उनकी ही रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा थीं. आम लोगों की आम जिंदगी से जुड़ी इन कहानियों ने आम लोगों को हंसाया और कानपुर (Kanpur) से मुंबई (Mumbai) आए एक आम आदमी सत्य प्रकाश श्रीवास्तव (Satya Prakash Srivastava) एक मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन (Stand-Up Comedian) राजू श्रीवास्तव बन गए. राजू श्रीवास्तव से मेरी इस आखिरी मुलाकात में आप उनके तमाम अनसुने किस्सों के अलावा जान पाएंगे कि राजू को आम से खास बनाने वाले 'गजोधर' आखिर हैं कौन?
कौन है 'गजोधर' जिसने राजू को दिलाई शोहरत?
अलीगढ़ और बुलंदशहर के बीच अपने एक छोटे से कस्बे में राजू श्रीवास्तव का एक कार्यक्रम था. इसी दौरान राजू श्रीवास्तव अलीगढ़ में रुके थे. यहीं उन्होंने अपने मशहूर किरदार 'गजोधर भैया' का पर्दाफाश किया. राजू ने बताया कि उनके ननिहाल में एक नाई का नाम गजोधर था. वहीं से उन्हें इस किरदार के तमाम ऐसे किस्से मिले जो लोगों को काफी पसंद आए. राजू ने बताया कि यूपी-बिहार में हर नाई की दुकान पर ऐसे किस्से तो मिल जाते हैं, लेकिन गजोधर का उनको कहने का तरीका भी अलग था. वहीं से राजू के किस्सों की दुनिया में अमर किरदार 'गजोधर भैया' का जन्म हुआ.
'आज के नेता तो चाहते हैं कि उन पर चुटकुला बने'
राजू श्रीवास्तव ने बताया कि पहले कॉमेडी करना मुश्किल था. लोग बुरा मान जाते थे. नेता बुरा मान जाते थे, लेकिन अब सोशल मीडिया का जमाना है. नेता खुद चाहते हैं कि उन पर चुटकुला बने. वो वायरल हों और लोग उनके बारे में चर्चा करें.
प्रिंसिपल ने किया मोटिवेट तो राजू ने किया मिमिक्री पर फोकस
राजू श्रीवास्तव ने लालू प्रसाद से लेकर अमिताभ बच्चन तक तमाम बड़े नेताओं और बॉलीवुड कलाकारों की मिमिक्री से भी जमकर नाम कमाया था. मिमिक्री की शुरुआत पर राजू कहते हैं कि वह स्कूल में थे और अपने टीचर्स की मिमिक्री किया करते थे. राजू के टीचर्स ने इसकी शिकायत स्कूल प्रिंसिपल से की. जब प्रिंसिपल को राजू के इस टैलेंट का पता चला तो उन्होंने राजू को इसके लिए प्रोत्साहित किया और मशहूर लोगों की मिमिक्री करने की सलाह दी.
आज की स्टैंड-अप कॉमेडी पर क्या बोले?
राजू श्रीवास्तव ने बातचीत में कहा कि दर्शक बदले हैं तो कंटेंट और कॉमेडी का स्टाइल भी बदला है. पहले बड़े-बड़े परिवार, गांव-मोहल्ले और शादी-बारात से कॉमेडी निकलती थी. अब युवा कॉर्पोरेट, पॉलिटिक्स और अपनी पर्सनल लाइफ के किस्सों पर हंसते हैं.
इसके अलावा भी राजू श्रीवास्तव ने तमाम मुद्दों पर चर्चा की. चुनाव न लड़ने को लेकर उन्होंने हंसते कहा कि उनके फैंस दो वर्गों में न बंट जाएं इसलिए वो इससे बचते हैं. उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी की संभावनाओं को लेकर उनकी खास रुचि थी. इस सिलसिले उनकी अक्सर सीएम योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात होती थी. राजू तमाम व्यस्तताओं के बीच अपने जानने वालों और लोगों से मिलना नहीं भूलते थे. ये ऐसी ही एक मुलाकात है जो उनके 'गजोधर भैया' जैसे तमाम किरदारों की तरह याद बनकर रह जाएगी.
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