वो परेशानी जो एक साल से नहीं छोड़ रही है रोहित शर्मा का पीछा
आईपीएल का ये सीजन शुरू ही इस लाइन के साथ हुआ कि ‘कहीं शर्मा जी का बेटा 200 ना कर दे’. मंगलवार को रोहित शर्मा उर्फ शर्मा जी के बेटे ने इसकी झलक भी दिखाई. उन्होंने सिर्फ 52 गेंद पर 94 रन जड़ दिए.
आईपीएल का ये सीजन शुरू ही इस लाइन के साथ हुआ कि ‘कहीं शर्मा जी का बेटा 200 ना कर दे’. मंगलवार को रोहित शर्मा उर्फ शर्मा जी के बेटे ने इसकी झलक भी दिखाई. उन्होंने सिर्फ 52 गेंद पर 94 रन जड़ दिए. 180 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से उन्होंने रन बनाए. 10 चौके मारे. 5 छक्के लगाए. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के गेंदबाजों में उमेश यादव और मोहम्मद सिराज को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी गेंदबाजों ने प्रति ओवर 10 से ज्यादा की इकॉनमी से गेंदबाजी की.
वाशिंगटन सुंदर 2 ओवर में 32 रन लुटा गए. रोहित शर्मा इन सभी के पीछे पड़ गए थे. 94 रनों की इस पारी की बदौलत रोहित शर्मा इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में टॉप 10 में भी आ गए. अब उनके पास 4 मैचों में 138 रन जमा हैं. मंगलवार को गरजे विराट कोहली भी लेकिन अपनी टीम को जीत नहीं दिला पाए. विराट कोहली ने 62 गेंद पर 92 रन बनाए. सात चौके और 4 छक्के के साथ उन्होंने भी 148 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से रन बटोरा. लेकिन जीत मुंबई की टीम को मिली क्योंकि रोहित शर्मा की पारी की बदौलत मुंबई इंडियंस ने स्कोरबोर्ड पर 213 रन जोड़ दिए थे. सवाल ये है कि इस धुंआधार पारी के बाद भी रोहित शर्मा के फैंस घबराए क्यों हैं. दरअसल पिछले एक साल से एक परेशानी रोहित शर्मा का पीछा ही नहीं छोड़ रही है.
एक साल में जल्दी जल्दी आउट ऑफ फॉर्म हुए हैं रोहित शर्मा
आईपीएल से अलग अंतर्राष्ट्रीय मैचों की रिकॉर्ड बुक देखिए. पिछले साल दिसंबर में रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ इंदौर में शतक जड़ा. फिर अगली सात पारियों तक उनका बल्ला खामोश रहा. इन सात पारियों में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा- 27 रन. फिर उन्होंने बांग्लादेश में खेली गई टी-20 ट्राएंगुलर सीरीज की लगातार दो पारियों में अर्धशतक बनाए. इसके बाद आईपीएल के पहले तीन मैचों मे वो फ्लॉप हो गए. दिसंबर में ही उन्होंने मोहाली में दोहरा शतक लगाया था. फिर अगली पांच पारियों में वो बुरी तरह फ्लॉप रहे. इन पांच पारियों में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 20 रन था. फिर इस साल फरवरी में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पोर्ट एलिजाबेथ में शतक लगाया.
टेस्ट क्रिकेट में उनके प्रदर्शन की कहानी भी कुछ ऐसी ही है. श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में शानदार प्रदर्शन के बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर ले जाया गया था. वहां उन्हें प्लेइंग 11 में खिलाने के लिए अजिंक्य रहाणे को विराट कोहली ने बाहर बिठा दिया. रोहित ने दो टेस्ट मैच की चार पारियों में कुल मिलाकर 78 रन बनाए. इसमें 47 उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था.
बिल्कुल जायज है रोहित को लेकर फैंस का डर
रोहित शर्मा की सबसे बड़ी परेशानी रही है कंसिसटेंसी. आप यूं भी समझिए कि इस सीजन के पहले तीन मैचों में उनसे रन नहीं बने थे. तीन मैच की तीन पारियों को मिलाकर उन्होंने कुल 44 रन बनाए थे. यहां तक कि शुरूआती दो मैचों की नाकामी के बाद उन्होंने अपना बल्लेबाजी क्रम भी बदला. वो मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने के लिए आने लगे. बैंगलोर के खिलाफ जो उन्होंने धमाकेदार पारी खेली उसमें वो मिडिल ऑर्डर में ही उतरे थे. ये अलग बात है कि पहली दो गेंदों पर ही विकेट गिरने के बाद वो क्रीज पर आ गए और आखिरी ओवर तक खेले. यानी लगभग उनका रोल ओपनिंग बल्लेबाज का ही रहा.बावजूद इसके रोहित शर्मा को लेकर अब भी यही कहा जा रहा है कि औसतन वो दस पारियों में एक बार चलते हैं.
हर दस पारी के बाद वो ये साबित कर देते हैं कि वो अपनी टीम के लिए सबसे बड़े मैच विनर खिलाड़ी हैं. मजा तब आएगा जब उनकी फॉर्म में ‘कंसिसटेंसी’ आए. ‘कंसिसटेंसी’ आते ही वो दुनिया के सबसे बड़े मैच विनर खिलाड़ी बनने का माद्दा रखते हैं. वो उस श्रेणी के खिलाड़ी हैं जो जिस दिन चल जाएगा उस दिन विरोधी टीम की पहुंच से मैच को बाहर कर देगा. उसके चलने के बाद विरोधी टीम की जीत की उम्मीद खत्म हो जाती है. लेकिन इस बात को साबित करने के लिए रोहित शर्मा को समय बहुत लगता है.