आम आदमी पार्टी महज 11 साल के भीतर कैसे बन गई देश की राष्ट्रीय पार्टी? सोमनाथ भारती ने बताया
आम आदमी पार्टी को चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल चुका है. ये जो कुछ भी हुआ है, वो एक अजूबा सा लगता है. जब हमने 2012 में शुरुआत की थी , हमें नहीं लगा था कि इतनी जल्दी हमें भारत की जनता इनता प्यार और समर्थन देगी. उन पार्टियों को जो सदियों और दशकों पुरानी हैं उनके साथ लाकर हमें खड़ा कर देंगे.
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ही है जिसकी पूरे देश में दो या उससे अधिक राज्यों में सरकारें हैं. ये एक अजूबा सा है और भारत की जनता ने क्षेत्रवाद की राजनीति, जातिवाद की राजनीति और धर्मवाद की राजनीति को नकारा है. जनता ने आम आदमी पार्टी के काम की राजनीति को आगे रखा. राजनीतिक सोच ही बदल गई है. इसके जरिए जनता के द्वारा दिए गए टैक्स को, जनता के ही सुविधाओं पर खर्च करने को लेकर एक नई राजनीति शुरू हुई.
अभी तक जो राजनीति होती थी देश में उससे जनता को ज्यादा फायदा नहीं मिलता था. होता ये था कि कांग्रेस की सरकार हट गई, भाजपा की आ गई, भाजपा की सरकार हट गई, कांग्रेस की आ गई लेकिन उन्हें इन बदलावों से ज्यादा कुछ मिलता नहीं था. पहली बार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में एक ऐसी पार्टी आई और उस राजनीति को आगे बढ़ाया जिसके जरिये जनता की समस्याओं का समाधान किया जा सकता है.
सबसे अच्छा स्कूल बना, विश्व विख्यात विद्यालय बने, पाठ्यक्रम में इतने बदलाव हुए, इंटरप्रेन्योरशिप करिकुल बना. सरकारी स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजते नहीं थे. वहां ऐसा बदलाव हुआ कि आज प्राइवेट स्कूलों को छोड़ कर लोग सरकारी विद्यालयों में अपने बच्चों को भेज रहे हैं. उसी प्रकार से स्वास्थ्य सेवाओं के अंदर बदलाव किए गए. आज दिल्ली एक मात्र ऐसा राज्य है जहां किसी भी व्यक्ति को मेडिकल इलाज के लिए एक पैसा खर्च नहीं करना पड़ता है. उसी प्रकार से बिजली, पानी की सुविधाओं को दुरुस्त करने में और अनगिनत ऐसी सुविधाएं आम आदमी पार्टी की सरकार ने दी है. पहले हमने दिल्ली में दिया अब उसे आगे बढ़ाते हुए पंजाब में ये सारे काम किए जा रहे है. इसलिए हमने एक नई राजनीति..काम वाली राजनीति की शुरुआत की. हमारी राजनीति जाति, धर्म के नाम पर लड़ाने वाली राजनीति से अलग है. क्षेत्रिय राजनीति से अलग है. इसका लाभ जनता को सीधे तौर पर मिल रहा है.
आज दिल्ली में महंगाई दर सबसे कम है. यहां महज यह 4% है जो यह दर्शाता है कि जनता का पैसा जनता को ही वापस मिल रहा है. जबकि पीएम मोदी के गुजरात में महंगाई दर 8% है, वहीं यूपी में 7.8% है. इस हिसाब से अगर जोड़-घटाव कर लें तो 20 से 25 हजार रुपये प्रति घर सुविधाओं के रूप में जनता को दिल्ली में मिल रहा है. यही कारण था कि दिल्ली की जनता ने जो एक मॉडल देखा उसको अपना समर्थन फिर से दिया. ये जनता का आशीर्वाद है.
दिल्ली एक ऐसा राज्य है जहां पर हर राज्य का व्यक्ति रह रहा है. यहां कि खबरें हिंदुस्तान के हर कोने में पहुंच जाती है. इसी कारण से दिल्ली के मॉडल से प्रभावित होकर पंजाब के लोगों ने हमें अपना समर्थन दिया. गोवा ने भी आम आदमी पार्टी को पसंद किया और वहां भी हमें दो सीटें मिल गई. उसी तरह गुजरात में पिछली चुनाव में हमें पांच सीटें मिली और 14% वोट मिला. मुझे लग रहा है कि ये कुछ दैवीय शक्ति है, जो अरविंद केजरीवाल को मदद कर रही है. क्योंकि इतनी जल्दी ये सब कुछ हो गया और जनता ने इसे दोनों हाथों से लिया कि काम की राजनीति को आगे बढ़ाना है, जिससे हमें डायरेक्ट फायदा मिला है.
राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद भी हमारी रणनीति एक ही है. हमारे पास दिल्ली और पंजाब मॉडल है. दोनों गवर्नेंस मॉडल को हम जगह-जगह ले जाते हैं. मुझे ये समझ नहीं आता कि बाकी पार्टी इस तरह की राजनीति क्यों नहीं कर रही हैं और हमसे कंपीट क्यों नहीं कर पा रही हैं.
आम आदमी पार्टी की जो नीति है शिक्षा की और जनता की सुविधाओं की, इस कारण पूरे देश में साथियों ने भी स्कूल की बात करनी शुरू कर दी है. यहां तक की पीएम मोदी को भी एक मेकशिफ्ट अरेंजमेंट करके स्कूल बनाकर स्मार्ट क्लास दिखाना पड़ा. ये जनता के लिए अच्छी बात है कि इस प्रकार की चीजें देश में हो रही है. इसके जरिए और पार्टियां भी शिक्षा पर बात करने को मजबूर हो रही हैं, उनको स्वास्थ्य सेवाओं पर बात करनी पड़ रही है. हम लोग अपने इसी मॉडल को लेकर जगह-जगह जा रहे हैं. हमारी कमजोरी जो पहले थी, वो आज भी है. अपने पास पैसा पहले भी नहीं था, वो आज भी नहीं है. लेकिन पैसा कभी हमारे काम के आड़े नहीं आया क्योंकि जब जब भी पार्टी को पैसे की जरूरत पड़ी, तब जनता ने दिल खोकर कर समर्थन किया.
बाकी पार्टियों की राजनीति कभी भी जनता की सुविधाओं से जुड़ी नहीं रही है. जनता की समस्याओं के समाधान से जुड़ी राजनीति उनकी नहीं रही है. उनकी हमेशा लड़ाने और घृणा की राजनीति रही है. उनकी राजनीति किसी भी तरह से वोट बैंक बनाने की रही है. हमारी सकारात्मक राजनीति है. हम स्कूल, अस्पताल बनायेंगे. हम पानी-बिजली मुफ्त करेंगे. हम टैक्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग जनता के फायदे में करके दिखाएंगे. इसी कारण से आम आदमी पार्टी की राजनीति देशव्यापी हो रही है और बाकी पार्टियों की राजनीति धीरे-धीरे खत्म हो रही है.
पार्टी का लगातार विस्तार हो रहा है. हर राज्य में अरविंद केजरीवाल का नाम और झाड़ू चुनाव चिन्ह पहुंच चुका है. देश के हर कोने में आम आदमी पार्टी को चाहने वाले लोग हैं. बाकी दलों को यही चिंता सता रही है कि ये जो अरविंद केजरीवाल की सकारात्मक राजनीति है, उससे हर घर-गांव पहुंच गई है. आने वाले वक्त में बाकी दलों ने अपना रवैया नहीं बदला तो हर लोग आम आदमी पार्टी को ही चुनेंगे.
(ये आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है)