अगले साल की शुरुआत में उत्तरप्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनावों को लेकर लोगों का मूड भांपने के लिए सर्वे करने का बाजार भी अब गर्म होने लगा है. हालांकि कहना मुश्किल है कि चुनाव से पहले किये जाने वाले ऐसे सर्वों का अनुमान असली नतीजों पर कितना सटीक बैठेगा लेकिन फिर भी हर राजनीतिक दल और उसके समर्थकों की दिलचस्पी इसे जानने में तो रहती ही है. एबीपी न्यूज़ ने भी 'सी वोटर' के साथ मिलकर वोटरों की नब्ज़ को पकड़ने की कोशिश की है. इस सर्वे के नतीजे दिलचस्प तो हैं ही लेकिन पंजाब व उत्तराखंड के लिए वे थोड़े चौंकाने वाले भी हैं.


सर्वे के नतीजों के मुताबिक, उत्तरप्रदेश में बीजेपी की सीटें पहले से तो कम होंगी लेकिन फिर भी वो आसानी से सरकार बना ही लेगी. सीटें कम होने का मतलब साफ है कि किसान आंदोलन का खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ेगा,खासकर जाटलैंड यानी वेस्ट यूपी में जहां कुल 71 सीटें हैं और उनमें से 52 पर फिलहाल बीजेपी का ही कब्ज़ा है. सर्वे के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी इस बार 302 तो छोड़िए,ढाई सौ सीटों तक भी नहीं पहुंच सकेगी. बीजेपी को 213 से 221 सीटें मिलने का अनुमान है,लिहाज़ा योगी आदित्यनाथ के सिंहासन को  कोई खतरा तो नहीं है लेकिन पार्टी का जनाधार जरूर कम हो जायेगा.  हालांकि मुख्यमंत्री के रुप में लोगों की पहली पसंद योगी आदित्यनाथ ही बने हुए हैं और कानून व्यवस्था वहां सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है,जिसे दुरुस्त करने का श्रेय योगी सरकार को दिया जा रहा है. लेकिन अधिकांश लोग मानते हैं कि लखीमपुर खीरी कांड का नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ सकता है. पर, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने चार सौ सीटें जीतने का जो दावा किया हुआ है,उसकी हवा निकलते दिख रही है. हालांकि पिछली बार की तुलना में सपा का प्रदर्शन काफी बेहतर होने की उम्मीद है लेकिन फिर भी उसे 152 से 160 सीटें मिलने का ही अनुमान इस सर्वे में किया गया है.  मायावती की बीएसपी को इस बार भी बाकी अन्य दल मुकाबले में मानने को तैयार नहीं हैं,सो सर्वे की भाषा भी कुछ यही बता रही है. उसकी झोली में महज़ 16 से 20 सीट आने केई संभावना है.


लेकिन कांग्रेस को लेकर इस सर्वे के नतीजे थोड़े चौंकाने वाले हैं क्योंकि इससे साफ होता है कि पिछले तकरीबन दो साल से प्रियंका गांधी द्वारा यूपी में की जा रही मेहनत का कोई असर होता नहीं दिख रहा है. कह सकते हैं कि प्रियंका का जादू चलने की उम्मीद करना शायद बेकार है. वह इसलिये कि लखीमपुर खीरी कांड के दौरान प्रियंका गांधी ने जिस तरह की सियासत की,उसके बावजूद कांग्रेस को इसमें महज़ 6 से 10 सीटें मिलने का दावा किया गया है. जबकि अन्य के खाते में दो से छह सीट जा सकती हैं.


पंजाब को लेकर हुए सर्वे के नतीजे सत्ताधारी कांग्रेस और अकाली दल व बीजेपी समेत कैप्टन अमरिंदर सिंह को निराश करने वाले आये हैं लेकिन ये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लिए बांछें खिलाने वाले कहे जा सकते हैं. पंजाब की 117 सीटों वाली विधानसभा में आप सरकार बनाने के करीब पहुंच सकती है लेकिन उसे किसी और का साथ लेने की जरुरत होगी. आम आदमी पार्टी को सबसे अधिक यानी 47 से 53 सीटें मिलने का अनुमान है जबकि सत्ता में काबिज कांग्रेस 42 से 50 सीट लेकर दूसरे नम्बर पर रह सकती है. जबकि किसान आंदोलन के जरिये अपनी राजनीति चमकाने वाला अकाली दल महज़ 16 से 24 सीटों पर सिमट सकता है. वहीं बीजेपी तो पहले से ही मानकर बैठी है कि वहां उसका सूपड़ा साफ ही होना है,लिहाज़ा उसे महज़ एक सीट मिलने का अनुमान है. लेकिन महत्वपूर्ण बात ये है कि कांग्रेस से बगावत करके नई पार्टी बनाने वाले अमरिन्दर सिंह की पार्टी को इसमें कोई सीट मिलती नहीं दिखाई गई है. अहम बात ये भी है कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले लोगों ने कहा है कि कैप्टन के बीजेपी के साथ चले जाने से भी दोनों को ही कोई फायदा नहीं होने वाला है.


उत्तराखंड का सर्वे भी थोड़ा चौंकाने वाला ही है. वह इसलिये कि लोग सरकार तो दोबारा बीजेपी की ही देखना चाहते हैं लेकिन मुख्यमंत्री के रुप में उनकी पहली पसंद कांग्रेस नेता हरीश रावत हैं,लिहाज़ा वहां आखिरी समय में किसी भी तरह के उलटफेर होने जी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि इस सर्वे में भी बीजेपी और कांग्रेस को मिलने वाली सीटों का जो अनुमान लगाया गया है,उससे लगता है कि वहां दोनों के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है. उत्तराखंड की 70 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी को 36 से 40 जबकि कांग्रेस को 30 से 34 सीट मिलने का अनुमान बताया गया है. वहां पहली बार तीसरी ताकत बनने के लिये चुनावी दंगल में उतरने वाली केजरीवाल को महज दो सीट मिलने का दावा किया गया है. जबकि अन्य के खाते में सिर्फ एक सीट जाने का अनुमान है.


अगर 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा की बात करें,तो वहाँ बीजेपी अपना किला बचाती हुई दिख रही है. वह 19 से 23 सीट लाकर किसी तरह से दोबारा सत्ता में वापसी कर सकती है. अन्य राज्यों की तरह गोवा में भी आप पहली बार अपनी किस्मत आजमाने वाली है और दिलचस्प बात ये है कि वो कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा सीट हासिल कर सकती है. आप को 3 से 7 जबकि कांग्रेस को 2 से 6 सीट मिलने का अनुमान है. लेकिन अन्य यानी छोटे क्षेत्रीय दल व निर्दलीयों की ताकत बढ़ने के आसार हैं और वे 8 से 12 सीटों पर कब्ज़ा कर सकते हैं.


वहीं पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर की 60 सीटों के लिए हुए सर्वे के नतीजों का दावा है कि वहां बीजेपी के लिए दोबारा वापसी करना उतना आसान नहीं होगा क्योंकि सत्ता की चाभी एनपीएफ और निर्दलीयों के हाथ में रहने के संकेत हैं. बीजेपी को 25 से 29 सीट मिलने का अनुमान है जो कि स्पष्ट बहुमत से कम है. जबकि कांग्रेस 20 से 24 सीटों पर अपना कब्जा कर सकती है. लेकिन एनपीएफ को 4 से 8 और अन्य को 3 से 7 मिलने का अनुमान है,इसलिये स्पष्ट बहुमत न मिलने पर बीजेपी को सरकार बनाने के लिए इनकी बैसाखी की जरुरत होगी.


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