एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

तालिबान से निपटने के लिये भारत को अपनाना होगा बीच का रास्ता ?

Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में 20 साल तक रहते हुए तालिबान को बेकाबू होने से रोके रहे अमेरिका ने तो वहां से अपनी सेना हटाने के फ़ैसले को जायज़ ठहराते हुए दुनिया के आगे सफ़ाई दे डाली लेकिन असली चिंता हमारे यानी भारत के लिए है कि अब तालिबान से कैसे निपटा जाये. ये चुनौती इसलिये ज्यादा बड़ी हो गई है क्योंकि पाकिस्तान के बाद चीन ने भी तालिबान के साथ दोस्ताना रिश्ते बनाये रखने का ऐलान कर दिया है,लिहाजा भारत के लिए ये एक तरह से तिहरी मुसीबत का सामना करने के समान है,इसलिये हमारी सरकार को इस मसले पर कोई भी कदम बेहद फूंक-फूंक कर ही उठाना होगा और फिलहाल वहां के हालात भी यही इशारा कर रहे हैं.

इस सच से सब वाकिफ़ हैं कि पाकिस्तान हमारा दोस्त कभी बन नहीं सकता और चीन को भारत की तरक्की-खुशहाली फूटी आंख भी न तो सुहाती है और न ही वो कभी ऐसा देखना चाहेगा.इसीलिये अंतराष्ट्रीय कूटनीति पर अपनी पकड़ रखने वाले अधिकांश विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत के लिये ये घड़ी किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है,जिसमें उसे खुद को खरा साबित करना होगा और इसके लिये कोई बीच का रास्ता निकालना ही हमारी मजबूरी होगी.

हालांकि देर रात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के दुनिया के नाम दिये संबोधन के बाद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बेहद सधी हुई प्रतिक्रिया देकर ये इशारा कर दिया है कि हम वहां लोकतंत्र की बहाली व मानवाधिकारों की रक्षा करने के पुरजोर हिमायती हैं लेकिन साथ ही तालिबान से सीधे दुश्मनी मोल लेने के रास्ते को भी नहीं अपनाना चाहते.ऐसी हैवानियत भरे हालात में समझ से भरी कूटनीति भी यही कहती है कि जल्दबाज़ी में कोई भी फैसला लेने से पहले ये देखा जाये कि वहां की सत्ता पर जबरदस्ती काबिज़ होने वाली तालिबान की सरकार के प्रति दुनिया के देशों का  रवैया क्या होता है और उनमें से कितने मुल्क उसे मान्यता देते हैं.

अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से हटने के ऐलान के तुरंत बाद ही भारत को ये अहसास हो गया था कि अब वहां तालिबानी लड़ाके बेख़ौफ होकर मुल्क पर अपना राज कायम करने से पीछे नहीं हटेंगे.शायद इसीलिये जिस तालिबान को भारत ने आधिकारिक तौर पर कभी मान्यता नहीं दी,उसी तालिबान के नेताओं से जून महीने में 'बैकडोर चैनल' से बातचीत करने की खबरें मीडिया की सुर्खियों में रही और विपक्ष ने संसद में भी ये मुद्दा उठाया.हालांकि सरकार ने "अलग-अलग स्टेकहोल्डरों" से बात करने वाला एक बयान ज़रूर दिया, ताकि मामले को तूल देने से रोका जा सके.लेकिन ये कभी नहीं कहा कि तालिबान से उसकी सीधी कोई बात हुई है. लेकिन बदले हालात के बाद बड़ा सवाल ये है कि अब भारत क्या करे और उसे क्या करना चाहिये? वैसे इस पर अभी तक सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आया है जिसका मतलब साफ है कि 'वेट एंड वाच' की नीति को अपनाते हुए ही आगे बढ़ने में भलाई है.

अफगानिस्तान की नब्ज़ और तालिबान के प्रभाव को समझने वाले अधिकांश भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि इस वक़्त भारत को बीच का रास्ता अपनाते हुए तालिबान से बातचीत के रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिये.हालांकि उनकी इस बात से बहुत सारे लोग सहमत नहीं होंगे लेकिन अंतराष्ट्रीय कूटनीति हमारी मर्जी से नहीं बल्कि देश की सुरक्षा और भविष्य की चिंता का ख्याल रखते हुए बनाई जाती है और उसी हिसाब से आगे बढ़ती है.

अफगानिस्तान में काम करने और वहां की संस्कृति-राजनीति को समझते हुए इस विषय पर पीएचडी करने वाली प्रोफेसर शांति मैरियट डिसूज़ा कहती हैं, " भारत के पास दो रास्ते हैं - या तो भारत, अफ़ग़ानिस्तान में बना रहे या फ़िर सब कुछ बंद करके 90 के दशक वाले रोल में आ जाए. अगर भारत दूसरा रास्ता अपनाता है तो पिछले दो दशक में जो कुछ वहाँ भारत ने किया है, वो सब ख़त्म हो जाएगा."

उनके मुताबिक मेरी समझ से पहले क़दम के तौर पर भारत को बीच का रास्ता अपनाते हुए तालिबान के साथ बातचीत स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि अफ़ग़ानिस्तान के विकास के लिए अब तक  जो भारत कर रहा था, उस रोल को आगे भी जारी रख सके.भले ही वो कम स्तर पर ही क्यों न हो.

उनका तर्क है कि तालिबान के रास्ते में अब कोई रोड़ा नहीं दिखाई पड़ रहा है. 1990 में जब अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान का राज था और भारत ने अपने दूतावास बंद कर दिए थे,उसके बाद 1999 में भारत ने कंधार विमान अपहरण कांड देखा था. उसी दौरान हमने भारत विरोधी गुटों का विस्तार भी देखा.लेकिन  साल  2011 में भारत ने अफ़ग़ानिस्तान के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट साइन किया था, जिसमें हर सूरत में अफ़ग़ानिस्तान को सपोर्ट करने का भारत ने वादा किया था.

वैसे पिछले कुछ अरसे से एक और बात की चर्चा भी तेज है कि भारत के प्रति तालिबान के रवैए में बदलाव आया है.हालांकि कहना मुश्किल है कि आगे चलकर इसमें कितनी हक़ीक़त बाकी रहेगी लेकिन हाल के दिनों में तालिबान की तरफ़ से भारत विरोधी कोई बयान सामने नहीं आया है. अफ़ग़ानिस्तान के विकास में भारत के रोल को भी तालिबान ने कभी ग़लत नहीं कहा है.ऐसा समझा जाता है कि तालिबान में एक गुट ऐसा भी है जो भारत के प्रति सहयोग वाला रवैया भी रखता है. जब अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठा तो पाकिस्तान ने इसे कश्मीर से जोड़ा लेकिन तालिबान ने कहा कि उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि भारत कश्मीर में क्या करता है.तालिबान अगर आगे भी अपनी इस बात पर कायम रहता है,तो भारत के लिए ये सबसे अधिक राहत वाली स्थिति होगी.

हालांकि ये भी सच है कि भारत अपनी तरफ से तालिबान को मान्यता देने या न देने पर कोई जल्दबाज़ी नहीं दिखायेगा. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन में सामरिक अध्ययन के प्रमुख प्रोफ़ेसर हर्ष वी पंत कहते हैं," भारत देखेगा कि तालिबान का रवैया आने वाले दिनों में कैसा है? दुनिया के दूसरे देश तालिबान को कब और कैसे मान्यता देते हैं और तालिबान वैश्विक स्तर पर कैसे अपने लिए जगह बनाता है? भारत तालिबान से तभी बातचीत शुरू कर सकता है, जब तालिबान भी बातचीत के लिए राज़ी हो.अहम ये है कि मीडिया में तालिबान के बयानों और ज़मीन पर उनकी कार्रवाई में कोई फ़र्क नहीं होना चाहिये. तालिबान भले ही कह रहा है कि वो किसी से बदला नहीं लेंगे, किसी को मारेंगे नहीं, लेकिन जिन प्रांतों को रविवार के पहले उन्होंने अपने क़ब्ज़े में लिया है वहाँ से जो ख़बरें आ रही हैं, उससे लगता है कि उनकी कथनी और करनी में अंतर है. अभी ज़मीन पर उनका पुराना अवतार ही क़ायम है." 

एक महाशक्ति का अपमानजनक अंत : रन, अमेरिका, रन

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Sambhal Jama Masjid Survey: 'UP पुलिस की फायरिंग में हुई 3 नौजवानों की मौत', संभल जामा मस्जिद मामले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी    
'UP पुलिस की फायरिंग में हुई 3 नौजवानों की मौत', संभल जामा मस्जिद मामले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी    
अब शिंदे गुट के बाद NCP ने भी किया महाराष्ट्र के CM पद पर दावा, छगन भुजबल बोले- 'अजित पवार भी...'
अब शिंदे गुट के बाद NCP ने भी किया महाराष्ट्र के CM पद पर दावा, छगन भुजबल ने कह दी बड़ी बात
IPL 2025 Auction, Rishabh Pant: ऋषभ पंत बन गए IPL इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर, लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ में खरीदा
ऋषभ पंत बन गए IPL इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर, लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ में खरीदा
Salman Khan ने अपनी बॉडी लैंग्वेज पर की बात, बोले- 'मैं इसे बदल नहीं सकता, लेकिन ये मेरा घमंड नहीं'
सलमान ने अपनी बॉडी लैंग्वेज पर की बात, बोले- 'मैं इसे बदल नहीं सकता'
ABP Premium

वीडियोज

जानिए कैसे Computer से नफरत करते-करते शुरू की Software Solution Company | ESDE CEO | PIYUSH SOMANISambhal Clash News : संभल में भारी बवाल के बाद अब हालात काबू में | Breaking NewsMaharashtra New CM News : महाराष्ट्र में कल हो सकता है शपथग्रहण समारोह ! | BJP | Shiv SenaTamannaah Bhatia के लिए Vijay Varma हैं Bonus? Jimmy Shergill का Army Exam और Avinash के शानदार Looks पर खास Interview!

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Sambhal Jama Masjid Survey: 'UP पुलिस की फायरिंग में हुई 3 नौजवानों की मौत', संभल जामा मस्जिद मामले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी    
'UP पुलिस की फायरिंग में हुई 3 नौजवानों की मौत', संभल जामा मस्जिद मामले पर बोले असदुद्दीन ओवैसी    
अब शिंदे गुट के बाद NCP ने भी किया महाराष्ट्र के CM पद पर दावा, छगन भुजबल बोले- 'अजित पवार भी...'
अब शिंदे गुट के बाद NCP ने भी किया महाराष्ट्र के CM पद पर दावा, छगन भुजबल ने कह दी बड़ी बात
IPL 2025 Auction, Rishabh Pant: ऋषभ पंत बन गए IPL इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर, लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ में खरीदा
ऋषभ पंत बन गए IPL इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर, लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ में खरीदा
Salman Khan ने अपनी बॉडी लैंग्वेज पर की बात, बोले- 'मैं इसे बदल नहीं सकता, लेकिन ये मेरा घमंड नहीं'
सलमान ने अपनी बॉडी लैंग्वेज पर की बात, बोले- 'मैं इसे बदल नहीं सकता'
IBPS PO Mains परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड, जानें किस सब्जेक्ट से आएंगे कितने सवाल
IBPS PO Mains परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड, जानें किस सब्जेक्ट से आएंगे कितने सवाल
प्रियंका गांधी की जीत ने कर दिया वो काम, जो आजाद भारत के इतिहास में आज तक नहीं हुआ!
प्रियंका गांधी की जीत ने कर दिया वो काम, जो आजाद भारत के इतिहास में आज तक नहीं हुआ!
IPL Auction 2025: भारत का स्टार बल्लेबाज गया अनसोल्ड, देवदत्त पडिक्कल को नहीं मिला कोई खरीददार
भारत का स्टार बल्लेबाज गया अनसोल्ड, देवदत्त पडिक्कल को नहीं मिला कोई खरीददार
क्या मंगल ग्रह पर बिना पानी के भी रह सकते हैं लोग? जानिए क्या कहता है साइंस
क्या मंगल ग्रह पर बिना पानी के भी रह सकते हैं लोग? जानिए क्या कहता है साइंस
Embed widget