एक्सप्लोरर

अफगानिस्तान: वह मुल्क जो सिर्फ कागज़ पर बना नक्शा ही नहीं है

अगर आज हम भारत में बैठकर ये सोच रहे हैं कि अफगानिस्तान में जो कुछ हो रहा है, उससे हमें क्या फ़र्क पड़ने वाला है, तो हमारी ये सोच ही बुनियादी रुप से गलत है. दुनिया के नक़्शे पर महज़ चार करोड़ से भी कम आबादी वाला ये मुल्क आज सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्कों के लिए भी एक खतरनाक चुनौती बनकर उभर रहा है, जिससे निपटने के तौर- तरीकों पर अभी सिर्फ माथापच्ची ही हो रही है. क्योंकि तालिबान के खिलाफ उठाया गया एक भी गलत कदम बहुत सारे देशों के लिए विनाश का पैगाम ला सकता है.

सिर्फ कल्पना कीजिये कि 20 साल बाद जिन लड़ाकों ने दोबारा पूरे मुल्क को हथिया लिया हो, वहां आम इंसान ख़ासकर महिलाओं की क्या दुर्दशा हो रही होगी. हर अफगानी आज अपना मुल्क छोड़कर पाकिस्तान, तजाकिस्तान या दूसरे किसी पड़ोसी मुल्क में पनाह लेने के लिये तरस रहा है. धनवान तो इसमें कामयाब हो रहे हैं लेकिन उन गरीब-गुरबों को कौन अपनी सीमा के भीतर भी फटकने देगा, जिन्हें दो जून की रोटी भी बमुश्किल नसीब होने के ही लाले पड़े हुए हैं. पिछले दो दशक में पैदा होने वाली और शिक्षित होकर जवान हुई ज्यादातर लड़कियां आज समाज के हर क्षेत्र में ठीक वैसे ही अपनी सेवाएं दे रहीं हैं, जो हम सब अपने यहां रोज देखते है. लेकिन तालिबानी लड़ाकों के मुल्क पर कब्ज़ा करते ही उनकी जिंदगी पूरी तरह से सिर्फ बदल ही नहीं जायेगी बल्कि उसके सबसे ज्यादा दुश्वार होने की शुरुआत हो गई है. उन्हें जबरदस्ती इन लड़ाकों से शादी करने के लिए सिर्फ मजबूर ही नहीं किया जा रहा,बल्कि हर रोज ऐसे सैकड़ों निकाह जबरन हो रहे हैं. आख़िर वे इसके खिलाफ गुहार लगाने की हिम्मत जुटाएं भी तो कहां से और इस दुनिया में उनकी चीख सुनेगा भी तो कौन?

कोई सोच सकता था कि 21वीं सदी में एक मुल्क की ढाई लाख से ज्यादा सैनिकों की फौज़ महज़ 75 हजार लड़ाकों के सामने इस तरीके से सरेंडर करके पूरी आबादी को उस अंधेरी दुनिया की तरफ धकेल देगी, जहां ख़ौफ़ के सिवा कुछ नहीं है और जहां मुखालफत की हर आवाज़ को बंदूक की गोली से हमेशा के लिए खामोश कर दिया जायेगा. वहां की महिलाएं इसलिये सबसे ज्यादा ख़ौफ़ज़दा हैं कि अब दोबारा उनकी जिंदगी को 20 साल पहले वाले उस मंज़र की तरफ ले जाया जा रहा है, जब मुल्क पर इसी तालिबान का राज था और वे घर की चारदीवारी में कैद हुआ करती थीं. उनके फरमान को ठुकराने का मतलब सिर्फ मौत को दावत देना होता है क्योंकि वे अपनी जुबान से ज्यादा बंदूक का ट्रिगर दबाने के लिए कुख्यात हैं. पहले सोवियत संघ और पिछले दी दशक में अमेरिकी सेना के कई जवान उनकी इस दरिंदगी का शिकार बन चुके हैं.

दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबान के राज करने का मतलब है कि एक पूरी मानव-सभ्यता को सदियों पहले वाले उस क़बीलाई युग की तरफ ले जाना, जिसकी इजाज़त इस्लाम कभी नहीं देता.पश्तो जुबान में तालिबान का मतलब होता है, इस्लाम की शिक्षा पाने वाला छात्र. लेकिन आज समूची दुनिया वहां का जो हाल देख रही है, वह न तो इस्लाम के उसूलों में शुमार है और न ही ये लड़ाके उस पाक मज़हब के रास्ते पर चलने वाले सच्चे विद्यार्थी हैं. लिहाज़ा, दुनिया के 56 इस्लामिक कहे जाने वाले देशों को इस हरकत की जमकर मज़्ज़मत करते हुए दुनिया को ये पैगाम देना चाहिये कि वे इस्लाम को बदनाम करने वाले इन तालिबानियों के हमदर्द नहीं हैं, बल्कि अफगान की मज़लूम जनता के बुनियादी हक़ों के हिमायती हैं. ऐसा एक पैगाम ही तालिबान की ताकत को कमजोर करने के लिए काफी है लेकिन  बड़ा सवाल ये है कि अंतराष्ट्रीय बिरादरी में ऐसे कितने मुल्क हैं, जो उन्हें इस बात के लिए राजी कर पायेंगे?

कहते हैं कि एक अच्छा लेखक-कवि किसी भविष्यदृष्टा से कम नहीं होता, जो अपनी कलम के जरिये समाज में आने वाले तूफान की तरफ इशारा कर देता है. हिंदी के मशहूर लेखक व कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने बरसों पहले यह कविता लिखी तो हमारे देश के लिए ही थी लेकिन आज ये अफगानिस्तान के लिए भी उतनी ही माकूल है.उन्होंने अपनी इस इस कविता का शीर्षक भी ख़ुद ही तय किया था.वह कविता हूबहू यहां प्रस्तुत है--

देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता....

यदि तुम्हारे घर के
एक कमरे में आग लगी हो
तो क्या तुम
दूसरे कमरे में सो सकते हो?
यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में
लाशें सड़ रहीं हों
तो क्या तुम
दूसरे कमरे में प्रार्थना कर सकते हो?
यदि हाँ
तो मुझे तुम से
कुछ नहीं कहना है.

देश कागज पर बना
नक्शा नहीं होता
कि एक हिस्से के फट जाने पर
बाकी हिस्से उसी तरह साबुत बने रहें
और नदियां, पर्वत, शहर, गांव
वैसे ही अपनी-अपनी जगह दिखें
अनमने रहें।
यदि तुम यह नहीं मानते
तो मुझे तुम्हारे साथ
नहीं रहना है.

इस दुनिया में आदमी की जान से बड़ा
कुछ भी नहीं है
न ईश्वर
न ज्ञान
न चुनाव
कागज पर लिखी कोई भी इबारत
फाड़ी जा सकती है
और जमीन की सात परतों के भीतर
गाड़ी जा सकती है.

जो विवेक
खड़ा हो लाशों को टेक
वह अंधा है
जो शासन
चल रहा हो बंदूक की नली से
हत्यारों का धंधा है
यदि तुम यह नहीं मानते
तो मुझे
अब एक क्षण भी
तुम्हें नहीं सहना है.

याद रखो
एक बच्चे की हत्या
एक औरत की मौत
एक आदमी का
गोलियों से चिथड़ा तन
किसी शासन का ही नहीं
सम्पूर्ण राष्ट्र का है पतन.

ऐसा खून बहकर
धरती में जज्ब नहीं होता
आकाश में फहराते झंडों को
काला करता है.
जिस धरती पर
फौजी बूटों के निशान हों
और उन पर
लाशें गिर रही हों
वह धरती
यदि तुम्हारे खून में
आग बन कर नहीं दौड़ती
तो समझ लो
तुम बंजर हो गये हो-
तुम्हें यहां सांस लेने तक का नहीं है अधिकार
तुम्हारे लिए नहीं रहा अब यह संसार.

आखिरी बात
बिल्कुल साफ
किसी हत्यारे को
कभी मत करो माफ
चाहे हो वह तुम्हारा यार
धर्म का ठेकेदार,
चाहे लोकतंत्र का
स्वनामधन्य पहरेदार.

अफगानिस्तान के मौजूदा माहौल को देखते हुए उनकी कविता की आखिरी पंक्तियां इसलिये भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं क्योंकि आज वहां तालिबान भी सत्ता हथियाने के बाद  लोकतंत्र का स्वनामधन्य पहरेदार बनकर ये दावे कर रहा है कि किसी महिला को तंग नहीं किया जायेगा, उन्हें कामकाज करने और पढ़ने की पूरी आज़ादी होगी, मुल्क में अमन -चैन बना रहेगा.लेकिन जिसके इतिहास के पन्ने ही कालिख से भरे हों,उसकी जुबान पर इतनी जल्द यकीन आखिर कौन करेगा?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

चुपचाप बैठ जाएं! धीरेंद्र शास्त्री का नाम सुनते ही भड़क गईं ममता कुलकर्णी, दे डाली नसीहत
चुपचाप बैठ जाएं! धीरेंद्र शास्त्री का नाम सुनते ही भड़क गईं ममता कुलकर्णी, दे डाली नसीहत
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल ने किया जनसंपर्क, बोले- 'सरकार बनी तो सबसे पहले...'
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल ने किया जनसंपर्क, बोले- 'पूरी दिल्ली में AAP की आंधी'
शाहरुख खान से आमिर खान तक, इन 7 एक्टर्स ने की हैं बॉलीवुड की सबसे लंबी फिल्में, पूरी लिस्ट देखें यहां
शाहरुख से आमिर तक, इन 7 एक्टर्स ने की हैं बॉलीवुड की सबसे लंबी फिल्में, देखें पूरी लिस्ट
IND vs ENG Mumbai: भारत की इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत, अभिषेक शर्मा नहीं बल्कि ये खिलाड़ी बना सीरीज का 'हीरो'
भारत की इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत, अभिषेक नहीं बल्कि ये खिलाड़ी बना सीरीज का 'हीरो'
ABP Premium

वीडियोज

Delhi Election 2025: Manoj Tiwari ने खोली कलई...दिल्ली से AAP गई? | BJP | Chitra TripathiMahakumbh 2025: एबीपी न्यूज़ रिपोर्टर के सवालों से बौखलाई पुलिस ने की बदसलूकी | ABP News | BreakingMilkipur By Election: अवधेश प्रसाद के आंसू बदलेंगे खेल ? | Akhilesh Yadav | ABP News | BreakingDelhi Election 2025: वोटिंग पर केजरीवाल की 'सेटिंग पटकथा' ! | Breaking News | ABP News | AAP Vs BJP

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
चुपचाप बैठ जाएं! धीरेंद्र शास्त्री का नाम सुनते ही भड़क गईं ममता कुलकर्णी, दे डाली नसीहत
चुपचाप बैठ जाएं! धीरेंद्र शास्त्री का नाम सुनते ही भड़क गईं ममता कुलकर्णी, दे डाली नसीहत
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल ने किया जनसंपर्क, बोले- 'सरकार बनी तो सबसे पहले...'
नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल ने किया जनसंपर्क, बोले- 'पूरी दिल्ली में AAP की आंधी'
शाहरुख खान से आमिर खान तक, इन 7 एक्टर्स ने की हैं बॉलीवुड की सबसे लंबी फिल्में, पूरी लिस्ट देखें यहां
शाहरुख से आमिर तक, इन 7 एक्टर्स ने की हैं बॉलीवुड की सबसे लंबी फिल्में, देखें पूरी लिस्ट
IND vs ENG Mumbai: भारत की इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत, अभिषेक शर्मा नहीं बल्कि ये खिलाड़ी बना सीरीज का 'हीरो'
भारत की इंग्लैंड के खिलाफ ऐतिहासिक जीत, अभिषेक नहीं बल्कि ये खिलाड़ी बना सीरीज का 'हीरो'
किस ट्रेन के नाम दर्ज है सबसे ज्यादा देर तक डिले होने का रिकॉर्ड? जान लीजिए जवाब
किस ट्रेन के नाम दर्ज है सबसे ज्यादा देर तक डिले होने का रिकॉर्ड? जान लीजिए जवाब
'मैं आपसे BJP के लिए वोट मांगने नहीं आऊंगा', दिल्ली की चुनावी रैली में राजनाथ सिंह ने क्यों कह दी ये बात?
'मैं आपसे BJP के लिए वोट मांगने नहीं आऊंगा', दिल्ली की चुनावी रैली में राजनाथ सिंह ने क्यों कह दी ये बात?
UPSC एग्जाम में इन तरीकों से लिख सकते हैं जवाब, ऑफिसर रीतिका ऐमा से जानें सफलता का मंत्र
UPSC एग्जाम में इन तरीकों से लिख सकते हैं जवाब, ऑफिसर रीतिका ऐमा से जानें सफलता का मंत्र
जीतन राम मांझी ने कह दिया- वो मानने वाले नहीं, केंद्रीय मंत्री ने दोहराई अपनी ये मांग, NDA में टेंशन बढ़ना तय!
जीतन राम मांझी ने कह दिया- वो मानने वाले नहीं, केंद्रीय मंत्री ने दोहराई अपनी ये मांग, NDA में टेंशन बढ़ना तय!
Embed widget