बाहुबली अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की सनसनीखेज हत्या के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सार्वजनिक सभा के दौरान पहली बार कहा कि अब किसी उद्योगपति को कोई माफिया धमका नहीं सकता. उन्होंने कहा कि 2017 से पहले राज्य की कानून व्यवस्था खराब थी और प्रदेश दंगा के रुप में कुख्यात था. दरअसल, जब से सीएम योगी ने प्रदेश की कमान संभाली है उसके बाद उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता यूपी में कानून के राज को लाने की थी. जिस तरह से दुर्दांत से दुर्दांत माफिया की कमर तोड़ने का काम किया और जिस तरह से सख्त कानून-व्यवस्था के चलते पुलिस प्रशासन और सीएम के निर्देश में अपराधियों के खिलाफ जो कार्रवाई हुई, वो अपने आप में पूरा देश जय-जय कर रहा है.


लोगों में इस बात को लेकर काफी खुशी है कि जो माफिया पहले सरकार चलाते थे, जिन्होंने हजारों करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा किया था, जिनके खिलाफ कोई सरकार कार्रवाई नहीं करती थी, अगर आज योगी जी ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर ये सुनिश्चित किया तो सिर्फ अतीक के मामले में नहीं बल्कि अनेक वीडियो आ रहे हैं कि जिसकी जमीन पर कब्जा किया, जिसको धमकाया, जिससे वसूली की, लोग अपनी-अपनी व्यथा-पीड़ा पत्रकार बंधुओं से कह रहे हैं. ये माहौल तो अब समाप्त हुआ.



विपक्ष को नहीं लोगों की नब्ज का पता


इसलिए उद्योगपति जो यूपी में निवेश के लिए आ रहे हैं, उसके पीछे कारण ये है कि जो कनेक्टिविटी है, उसको वर्ल्ड क्लास करने का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ ने किया है. दूसरी सबसे जरूरत बिजली की होती है. आज किसानों को घर-घर बिजली मिल रही है. उद्योगपति औद्योगिक ईकाइयां लगाने के लिए जो अर्जी दी गई उस पर काम तेजी के साथ कर रहे हैं. इसके अलावा कानून-व्यवस्ता दुरुस्त होना चाहिए.


जहां तक यूपी की बात है तो यहां पर जो कानून व्यवस्था को लेकर काम हुआ है उसके बाद ये भय लोगों में नहीं है कि कोई वसूली के लिए धमकाएगा या कोई जमीन पर कब्जा कर लेगा और प्रशासन चुपचाप बैठा रहेगा.  


जहां तक विपक्ष के आरोप की बात है तो उनके आरोपों पर तरस आता है. क्योंकि जहां आज पूरे प्रदेश की जनता जय-जय कर रही है, अगर उन्हें लोगों की नब्ज विपक्षी दलों को नहीं पता तो फिर इस बारे में क्या कहा जाए. अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद विपक्ष को तकलीफ होती है, क्योंकि इनके राज में ही गुंडे फले-फूले. विपक्ष की तरफ से टारगेटेड किंलिंग का आरोप लगाना अलग बात है. लेकिन मोदी-योगी सरकार बिना भेदभाव की सरकार है. जो इस तरह की बात की जा रही है, वो बिना तथ्यों के पड़ताल की जा रही है.  


सिर्फ राजनीति के लिए ऐसी बातें


योगी सरकार के कामकाज की जहां तक बात है तो यहां की जनता जनार्दन से पूछिए. अतीक अहमद ने नोएडा अथॉरिटी के चेयरमैन को उनके आवास में घुसकर पीटा था और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. एक होटल व्यवसायी की जमीन को लखनऊ में कब्जा कर लिया था. इस तरह के बहुत सारे मामले थे. आज जब योगी की सरकार है उसके बाद इस तरह के मामले तो नहीं सुनाई पड़ते. अगर इस तरह की बातें होती तो जरूर लोगों के सामने आती. सिर्फ राजनीति के लिए ही ऐसी बातें की जाती हैं.


[ये आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है.]