एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

"अग्निपथ" के प्रदर्शनकारियों पर आखिर क्यों चलना चाहिए बुलडोज़र?

इस देश की राजनीति में अब "बुलडोज़र" एक ऐसी खौफनाक चीज़ बन चुका है, जो पहले डराता है और फिर किसी घर को खंडहर बनाने में ज्यादा देर भी नहीं लगाता. सेना में भर्ती की "अग्निपथ" योजना के खिलाफ देश के 15 राज्यों में जो गुस्साये युवा सड़कों-पटरियों पर उतर आए हैं, अब उनके आंदोलन को कुचलने के लिए बुलडोज़र का इस्तेमाल करने की वकालत की जा रही है. जाहिर है कि ऐसी वकालत की आवाज़ सत्तापक्ष से ही उठ रही है. लेकिन सवाल ये है कि इस योजना के खिलाफ नौजवानों का गुस्सा आखिर क्यों फूटा और उन्हें समझाने-शांत करके उनकी आशंका को खत्म करने में अगर सरकार की तरफ से ही देरी व लापरवाही हुई, तो इसका कसूरवार आखिर कौन है?

सवाल तो ये भी है कि इस तरह के आंदोलन का खात्मा करने के लिए क्या बुलडोज़र ही एकमात्र रास्ता है? इसे अपनी नाक का सवाल बनाने की बजाय  क्या ये नहीं हो सकता कि बीजेपी के तमाम सांसद और विधायक अपने इलाके में सड़कों पर उतरें और इन प्रदर्शनकारी युवाओं से सीधी बात करते हुए उन्हें इस योजना के तमाम फायदे गिनायें. अगर वाकई इस योजना के फायदे ज़्यादा और नुकसान कम हैं, तो सत्ताधारी पार्टी के चुने हुए जन प्रतिनिधि इन आंदोलनकारियों को समझाने-बुझाने में आखिर इतना डर क्यों रहे हैं?

आग को और भड़का रहे हैं नेता
सरकार को ये भी समझना होगा कि बेरोजगार नौजवानों के इस गुस्से की बेहद त्वरित और तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसे संभालने के लिए न तो उनके पास कोई साझा मंच है और न ही नेतृत्व है, जो उन्हें हिंसा करने से रोके और उनसे शांतिपूर्वक आंदोलन करने के लिए बाध्य करे. ऐसी सूरत में इस तरह के उग्र आंदोलन की कमान उन शरारती तत्वों के हाथ में आ जाती है, जो सरकार के खिलाफ तो हैं ही लेकिन वो इस बहाने देश में अराजकता का माहौल बनाकर सरकार को अस्थिर करने की हर कोशिश में लगे रहते हैं. ऐसी हालत में बीजेपी के कुछ नेता अगर  इन आंदोलनकारियों के घरों पर बुलडोज़र चलाने की वकालत कर रहे हैं, तो वे इस आग को बुझा नहीं रहे हैं, बल्कि इस आग को और भड़का रहे हैं. वह इसलिये कि आज तो ये बेरोजगार सड़कों पर उतरे हैं लेकिन कल से अगर इनके मां-बाप की गाढ़ी कमाई से बनाये गए छोटे-से आशियाने को भी ढहा दिया गया,तो न जाने कितने परिवार सड़कों पर उतर आयेंगे. तब उन्हें कैसे संभालेगी हमारी सरकारें?

बेशक़ लोकतंत्र में हिंसा का न कोई स्थान है और न ही ऐसा करने वालों को बख्शा जाना चाहिए. लेकिन ऐसे माहौल पर काबू पाने के लिए किसी भी राज्य सरकार के लिए गए कठोर फैसले इस आग को कभी बुझा नहीं सकते बल्कि वे इसके जरिये पूरे समाज को तानाशाही के युग की याद दिला देते हैं. इस आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार को किसी बुलडोज़र चलाने की जरूरत नहीं है, बल्कि इन युवाओं के दिलो-दिमाग में ये भरोसा पैदा करने की जरूरत है कि अगर चार साल बाद सेना से रिटायर भी हो गए, तो आपके लिए दूसरी नौकरी इंतज़ार कर रही है.

कैसे पैदा होगा भरोसा?
लेकिन बड़ा सवाल ये है कि ऐसा भरोसा उनमें कैसे पैदा होगा क्योंकि सरकार की नीयत पर आसानी से किसी को यकीन नहीं होता. हालांकि बीजेपी शासित चार राज्यों ने ऐलान कर दिया है कि वे ऐसे अग्निवीरों को सेना में चार साल की सेवा देने के बाद अपने राज्य की पुलिस में होने वाली भर्ती में तरजीह देगी. लेकिन इसे तो आंदोलनकारी राज्य सरकारों का जुबानी जमा-खर्च मान रहे हैं. उनकी दलील है कि अगर हमारा नंबर उन 75 फीसदी अग्निवीरों में आता है, जिन्हें चार साल के सेना बाद बाहर फेंक देगी, तो इसकी क्या गारंटी है कि हमें केंद्रीय सशस्त्र बलों या किसी राज्य की पुलिस में नौकरी मिल ही जाएगी? सवाल वाजिब है, जिसका माकूल जवाब तो सरकार ही दे सकती है. इसी एक सवाल की लिखित गारंटी इस आंदोलन की आग को चंद मिनटों में बुझा सकती है. लेकिन क्या सरकार ऐसा करने की जोखिम उठायेगी?

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Exclusive: 'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने बताई 'आई वॉन्ट टू टॉक' एक्टर से जुड़ी गहरी बातें
'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने क्यों कहा ऐसा?
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए कप्तान रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
Elon Musk: एलन मस्क फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स! टेस्ला सीईओ की नेट वर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार 
एलन मस्क की नेटवर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार, फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स
ABP Premium

वीडियोज

Maharashtra Election Result: Loksabha में शिकश्त के बाद किस योजना ने Maharastra में कराया कमबैक?Assembly Election Result: बहनों की बाजी..जीत की चाबी! | MVA | MahayutiMaharashtra Results: 'एक हैं तो सेफ हैं बना देश का महामंत्र', महाराष्ट्र जीत पर Modi का तूफानी भाषणSandeep Chaudhary : महाराष्ट्र में महायुति की सत्ता, आखिर विपक्ष के हाथों से कैसे फिसल गई जीत?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Exclusive: 'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने बताई 'आई वॉन्ट टू टॉक' एक्टर से जुड़ी गहरी बातें
'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने क्यों कहा ऐसा?
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए कप्तान रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
Elon Musk: एलन मस्क फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स! टेस्ला सीईओ की नेट वर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार 
एलन मस्क की नेटवर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार, फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स
CAT Exam 2024: कल होगी कैट परीक्षा, जानिए मेल-फीमेल के लिए ड्रेस कोड और जरूरी गाइडलाइंस
कल होगी कैट परीक्षा, जानिए मेल-फीमेल के लिए ड्रेस कोड और जरूरी गाइडलाइंस
Samsung Galaxy S25 Series: BIS पर लिस्ट हुए दो अपकमिंग फोन्स, जानें कितनी होगी कीमत
BIS पर लिस्ट हुए दो अपकमिंग फोन्स, जानें कितनी होगी कीमत
Tarot Card Weekly Horoscope: मेष से मीन राशि वालों का जानें एस्ट्रोलॉजर से नए सप्ताह का टैरो कार्ड वीकली राशिफल
मेष से मीन राशि वालों का जानें एस्ट्रोलॉजर से नए सप्ताह का टैरो कार्ड वीकली राशिफल
Rishabh Pant: जान बचाने वाले इन दो लोगों को नहीं भूले ऋषभ पंत, महंगा गिफ्ट देकर जीता दिल
जान बचाने वाले इन दो लोगों को नहीं भूले ऋषभ पंत, महंगा गिफ्ट देकर जीता दिल
Embed widget