तो फिर किसने लिखा महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट?
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में उनके शिष्य व आरोपी आनंद गिरि को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया है. लेकिन ये गुत्थी सुलझना अभी बाकी है कि उन्होंने आत्महत्या की या फिर सुनियोजित तरीके से उनकी हत्या करके उसे खुदकुशी का रुप दिया गया. बड़ा सवाल ये भी है कि सुसाइड नोट किसने लिखा? क्योंकि उनके शिष्यों का दावा है कि महंत जी खुद कभी कुछ नहीं लिखते थे. संदिग्ध हालात में हुई इस मौत के पीछे संपत्ति विवाद ही महज एक वजह है या फिर कोई और राजनीति भी है? इन सारे रहस्यों से पर्दा उठने के बाद ही धर्म से लेकर राजनीति को हिला देने वाली इस घटना का सच सामने आएगा.
दरअसल, संतों-महंतों से लेकर राजनेताओं तक को ये यकीन नहीं हो रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि आत्महत्या कर सकते हैं. जूना अखाड़े के प्रमुख महंत हरि जी महाराज ने कहा, "यह पता लगाया जाना चाहिए कि उनकी मौत कैसे हुई. आत्महत्या की बात पर हमें भरोसा नहीं है." खास बात ये है कि नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट पर भी सवाल उठ रहे हैं. अखाड़ा परिषद के सेवादारों और बाघंबरी मठ में उनके शिष्यों का कहना है कि महंत नरेन्द्र गिरि ख़ुद कभी कुछ नहीं लिखते थे, बल्कि मठ के किसी शिष्य या सेवादार से ही लिखवाते थे.वे कहते हैं कि सात-आठ पेज के सुसाइड नोट लिखने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता, इसलिए इस सुसाइड नोट की भी जाँच होनी चाहिए.
आऩंद गिरि की गिरफ्तारी के अलावा बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके पुत्र संदीप तिवारी को भी हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. इन दोनों लोगों का भी नाम महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में किया गया है. आनंद गिरि के ख़िलाफ़ एफ़आईआर प्रयागराज के जॉर्जटाउन थाने में बाघंबरी मठ से संबद्ध बड़े हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक और नरेंद्र गिरि के एक अन्य शिष्य अमर गिरि की ओर से दर्ज कराई गई है.
एफ़आईआर में सिर्फ़ आनंद गिरि का ही नाम है, जिसमें अमर गिरि ने आरोप लगाया है कि आनंद गिरि की वजह से नरेंद्र गिरि पिछले कुछ दिनों से मानसिक तनाव में चल रहे थे और उसी वजह से उन्होंने अपनी जान दी है. हालांकि पुलिस इस मामले में हत्या की बात से भी इनकार नहीं कर रही है. लेकिन सुसाइड नोट को लेकर किये जा रहे दावे ने पूरे मामले को और भी ज्यादा पेचीदा बना दिया है. अगर उनके शिष्यों का दावा सही है, तो फिर पुलिस को सबसे पहले ये पता लगाना होगा कि वह सुसाइड नोट किसने और किसके कहने पर लिखा.
हालांकि महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि देने प्रयागराज पहुँचे यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य ने भी आत्महत्या पर संदेह जताया है. उन्होंने कहा कि "आत्महत्या की बात पर यक़ीन नहीं हो रहा है. इस मामले के सभी पहलुओं की जाँच कराई जाएगी. अगर ज़रूरत महसूस होगी, तो सीबीआई से भी मामले की जाँच कराई जाएगी. सरकार हर तरह से तैयार है."
इस बीच महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन के लिए प्रयागराज पहुँचे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा जताया है कि जल्दी ही नरेंद्र गिरि की मौत के रहस्य से पर्दा उठेगा और दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा.
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "नरेंद्र गिरि की मृत्यु के मामले में कई सबूत जुटाए गए हैं और कई वरिष्ठ अधिकारी एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं. एक-एक घटना का पर्दाफ़ाश होगा. जाँच एजेंसियों को निष्पक्ष ढंग से काम को आगे बढ़ाने दें. जो भी ज़िम्मेदार होगा, उसे क़ानून के दायरे में लाकर कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी." अब देखना है कि पुलिस कितनी जल्द महंत गिरि की मौत के रहस्य से पर्दा उठाती है.
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