गौतम गंभीर और हरभजन सिंह. इन दो खिलाड़ियों के लिए अब टीम इंडिया के दरवाजे बंद हो गए हैं. कम से कम फटाफट क्रिकेट में तो इनका भविष्य अब नहीं बचा है. इसमें कहीं से कुछ भी अस्वाभाविक भी नहीं हैं. सोमवार को चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया का चयन था. इसमें जिन 15 खिलाड़ियों को चुना गया उसमें ना तो भज्जी हैं और ना ही गौती. चयनकर्ताओं ने जो 5 ‘स्टैंडबाइ’ खिलाड़ी चुने हैं उसमें भी इन दोनों खिलाड़ियों को जगह नहीं मिली है.


सच्चाई ये है कि वनडे टीम में इन दोनों खिलाड़ियों की दावेदारी थी भी नहीं लेकिन आईपीएल में अच्छे प्रदर्शन के बाद इनके नाम उछाले जा रहे थे. इसे संयोग ही कहा जाएगा कि इन दोनों का टीम में ना चुना जाना जितनी बड़ी खबर है उससे ज्यादा बड़ी खबर तब होती अगर इन्हें टीम में चुन लिया जाता. बावजूद इन कयासों के चयनकर्ताओं और कप्तान विराट ने अपनी सोच साफ कर दी. फटाफट क्रिकेट में टीम इंडिया को अब उन्हीं खिलाड़ियों की जरूरत है जो 2 साल बाद विश्व कप में भी भारत के लिए मैदान में उतर सकें. विराट कोहली ने भले ही 15 खिलाड़ियों में कुछ ऐसे खिलाड़ियों के नाम पर हामी भर दी है जो अभी ‘फॉर्म’ में नहीं हैं लेकिन उन्होंने खिलाड़ियों के चयन के मामले में यू-टर्न लेने से इंकार कर दिया है.

सौजन्य: IPL(BCCI)

आईपीएल में गौतम गंभीर का प्रदर्शन
इस बात से शायद ही कोई इंकार करेगा कि गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट के बड़े स्टार्स में शामिल रहे हैं. जिस 2011 विश्व कप की जीत का जश्न देश हमेशा मनाएगा उसमें फाइनल में उनकी पारी का योगदान कोई नहीं भूल सकता है. बावजूद इसके खेलों का एक पक्ष और भी है और वो पक्ष है टीम की जरूरत. रोहित शर्मा, शिखर धवन जैसे खिलाड़ियों के रहते हुए पिछले लंबे समय से वनडे टीम में गौतम गंभीर की जगह नहीं बन रही है. इस बात को ऐसे भी समझा जा सकता है कि गौतम गंभीर को वनडे क्रिकेट खेले हुए चार साल से ज्यादा का वक्त बीत गया है.

वो टेस्ट टीम से भी करीब 2 साल से बाहर ही थे लेकिन पिछले साल न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान उन्हें 1-1 टेस्ट खेलने का मौका मिल गया. इसके बाद से ही उनके नाम पर कयास लगने लगे. उनके पक्ष में बात करने वालों को एक और आधार मिला-इस सीजन का आईपीएल. आईपीएल के इस सीजन में गौतम गंभीर शानदार फॉर्म में हैं. अब तक खेले गए 12 मैचों में उन्होंने 425 रन बनाए हैं. वो 4 हाफ सेंचुरी लगा चुके हैं. उनकी औसत 47 रनों की है. बावजूद इसके सच ये है कि वनडे टीम में अब गौतम गंभीर ‘फिट’ नहीं होते हैं.

सौजन्य: IPL(BCCI)

हरभजन सिंह की मायूसी
हरभजन सिंह ने तो बाकायदा अपने इंटरव्यू में भी कहा था कि वो चैंपियस ट्रॉफी के लिए टीम में चयन को लेकर आशान्वित हैं. भज्जी की इस चाह के पीछे भी आईपीएल के इस सीजन में उनका प्रदर्शन ही है. इस सीजन में विकेट भले ही उन्होंने 8 ही लिए हैं लेकिन वो जबरदस्त किफायती रहे हैं. इस सीजन के बेस्ट इकॉनमी रेट वाले गेंदबाजों की लिस्ट में वो दूसरे नंबर के गेंदबाज हैं. उनसे पहले सिर्फ एक गेंदबाज हैं वो भी शायद इसलिए क्योंकि पूरे सीजन में अब तक सिर्फ 2 मैच खेले हैं. हरभजन सिंह ने अब तक खेले गए 9 मैचों में 5.8 की इकॉनमी से रन दिए हैं. उन्होंने ‘पॉवरप्ले’ में बल्लेबाजों को जबरदस्त तरीके से बांधकर रखा.

बावजूद इसके हरभजन सिंह को भी ये समझना चाहिए कि वनडे क्रिकेट खेले हुए उन्हें करीब दो साल का वक्त बीत चुका है. टेस्ट टीम से भी वो पिछले करीब दो साल से बाहर हैं. ऐसे में महज एक आईपीएल का अच्छा प्रदर्शन टीम इंडिया में वापसी का आधार नहीं बनाया जा सकता है.

ध्यान रखने वाली बात ये भी है कि हरभजन सिंह करीब 37 साल के हो चले हैं और गौतम गंभीर करीब 36 के. तेजी से बदलती वनडे क्रिकेट में जिस तरह की फुर्ती की दरकार है वो दोनों में अब नहीं. 2019 की ‘स्कीम’ में इसलिए इनके नाम पर विचार संभव नहीं क्योंकि तब तक दोनों करीब 40 साल के होने वाले होंगे. ये सारी बातें, ये सारे पहलू गौतम गंभीर भी जानते हैं और हरभजन सिंह भी.

ऐसे में बेहतर होगा कि दोनों ही दिग्गज खिलाड़ी मायूस होने की बजाए बस इस बात की तस्दीक करें कि जब कभी किसी भी स्तर के मैच के लिए मैदान में उतरेंगे तो जीत के लिए उतरेंगे और दर्शकों का मनोरंजन करेंगे.