कभी आपने सोचा है कि हमारे देश के किसी पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार करने की नौबत आ जाए और वो भी यौन शोषण के किसी आरोप में? नहीं, हमारे यहां तो आज तक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और शायद आगे होगा भी नहीं. लेकिन दुनिया के सबसे ताकतवर कहलाने वाले अमेरिका में जो होने जा रहा है वो सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि समूची दुनिया के लिए चौंकाने वाला और एक अभूतपूर्व वाकया ही साबित होगा.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ये डर सता रहा है कि यौन शोषण के एक पुराने मामले में मंगलवार यानी 21 मार्च को उनकी गिरफ़्तारी हो सकती है. गिरफ्तारी का डर क्या होता है, इसका अंदाजा सिर्फ इसी से लगा सकते हैं कि उस मुल्क के इस सबसे अमीर इंसान ने सोशल मीडिया के जरिये अपने समर्थकों के आगे ये गुहार लगाई है कि वे इसके ख़िलाफ सड़कों पर उतर आए. माना जा रहा है कि वे अगले साल होने वाले चुनाव में फिर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन सकते हैं. लिहाज़ा, सवाल उठ रहा है कि उनकी गिरफ्तारी अमेरिका की सियासत में क्या कोई नया गुल खिलाने वाली है?
दरअसल, अगली 14 जून को 77 बरस के हो रहे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी गिरफ्तारी को लेकर आशंका जाहिर की है. उन्होंने संभावित गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. ट्रंप का दावा है कि आगामी 21 मार्च (मंगलवार) को उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. ट्रंप ने कहा कि न्यूयार्क प्रांत में मैनहट्टन के अभियोजक 'हश मनी' (किसी बात का खुलासा करने से रोकने के लिए गुप्त भुगतान) मामले में उन्हें आरोपित करने की तैयारी में जुटे हैं. लेकिन ये पूरा मामला आखिर है क्या जिससे अमेरिका का सबसे अमीर शख्स इतना घबराया हुआ है. भारत के गांवों में आज भी प्राचीन कहावत है कि अपनी करतूत को चाहे जितना छिपाते रहो लेकिन वो एक दिन आपके सामने आकर ऐसी खड़ी हो जाएगी जिसका जवाब तलाशते हुए आप अपना सिर पीटने लगोगे. ठीक ऐसा ही ट्रंप के साथ भी हुआ है जिसके लिए वो अपने समर्थकों के आगे गुहार लगाने पर मजबूर हो गए हैं.
पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका में सेक्स को वहां की उदार संस्कृति का हिस्सा माना जाता है लेकिन यही चीज कभी बिल क्लिंटन की सभ्यता का नकाब उखाड़ फेंकती है तो वही अब ट्रंप के साथ भी हो रहा है. बता दें कि एडल्ट फिल्म स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स ने दावा किया है कि उसके ट्रंप के साथ साल 2006 में संबंध थे जिसको लेकर ट्रंप ने स्टॉर्मी डेनियल्स का मुंह बंद करने के लिए लगभग 1.30 लाख डॉलर का भुगतान किया था. हालांकि इसका सच क्या है, ये तो वहां की अदालत ही फैसला करेगी. लेकिन बता दें कि अमेरिका की इस चर्चित पॉर्न स्टार स्टॉर्मी को स्टेफनी क्लिफोर्ड के नाम से भी जाना जाता है. स्टॉर्मी ने करीब पांच साल पहले ये दावा करते हुए देश में तहलका मचा दिया था कि उनके अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प से शारीरिक संबंध रहे हैं.
बताते हैं कि ट्रम्प और स्टॉर्मी के बीच साल 2016 में एक गुप्त समझौता हुआ था. इसके मुताबिक, स्टॉर्मी को ट्रम्प से अपने रिलेशन्स को लेकर चुप रहना था. लेकिन स्टॉर्मी ने कुछ अरसे बाद कोर्ट में एक अपील दायर कर दी जिसमें कहा गया कि ट्रम्प से उनकी सीक्रेट डील को रद्द किया जाए. साफ शब्दों में कहें तो उन्होंने कोर्ट के आगे ये दलील रखी कि ट्रम्प के साथ उन्होंने रिश्तों को छुपाने वाला जो समझौता किया था वो गलत था और उससे उन्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ. लिहाजा, इस समझौते को कानूनी तौर पर रद्द किया जाए. ट्रंप के खिलाफ केस दायर करने के वक़्त स्टार्मी डेनियल ने अमेरिकी मीडिया को ये बताया था कि ट्रम्प ने उससे कभी भी इस संबंध को छिपाने के लिए नहीं कहा था. लेकिन जब 2011 में उसने ये स्टोरी एक मशहूर अंतरराष्ट्रीय मैगजीन को बेचने का फैसला किया तब उन्हें ट्रम्प में बदलाव नजर आया और उन्हें धमकियां मिलनी शुरू हो गईं. उनका दावा है कि साल 2016 में प्रेसिडेंट इलेक्शन के पहले उसे चुप रहने के लिए 1 लाख 30 हजार डॉलर की रकम भी दी गई और उसके लिए एक एग्रीमेंट भी साइन कराया गया था.
उस दौरान अमेरिका के सबसे प्रतिष्ठित अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसे अपने पहले पेज की प्रमुख खबर बनाते हुए लिखा था कि क्लिफोर्ड ने खुलासा किया है कि उनके और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच अफेयर 2006 में शुरू हुआ था. क्लिफोर्ड ने ये भी दावा किया था कि ट्रम्प से उनके रिश्ते कई साल तक कायम रहे. ये भी बता दें कि जिस दौर की स्टॉर्मी बात कर रही हैं तब ट्रम्प, मेलानिया से शादी कर चुके थे. गौरतलब है कि ट्रंप की तीसरी पत्नी मेलानिया और उनमें तकरीबन 24 साल का फर्क है. दो शादियों के टूटने के बाद ट्रंप की जिंदगी में मेलानिया आईं. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक वह न्यूयॉर्क फैशन वीक में ही पहली बार मेलानिया से मिले थे. लेकिन संयोग देखिए कि वहां भी वो किसी दूसरी महिला के साथ ही पहुंचे थे लेकिन मेलानिया से मिलने के बाद मानो सबकुछ भूल बैठे. उस वक्त ट्रंप 52 साल के और मेलानिया 28 बरस की थीं. ट्रंप ने पहली ही मुलाकात में उनसे नंबर भी मांग लिया. एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में मेलानिया ने बताया था कि शुरू में उन्होंने ट्रंप के साथ डेटिंग शुरू की थी और उसके बाद 1999 में वे साथ रहने लगे. लेकिन फिर ब्रेकअप भी हो गया. मेलानिया अपने जमाने की स्लोवेनियाई मॉडल रह चुकी हैं.
साल 1999 में डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी “रिफ़ॉर्म पार्टी” बनाकर राजनीति में भी हाथ आजमाया था. साल 2000 में वे इसी पार्टी से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार भी बने थे लेकिन वे हार गए. चुनाव हारने के बाद उनको फिर से मेलानिया की याद आने लगी और कुछ समय बाद दोनों साथ दिखने भी लगे. पांच साल के अफेयर के बाद ट्रंप ने मेलानिया को शादी के लिए प्रपोज किया और 2005 में उन दोनों की शादी भी हो गई. दोनों का एक बेटा भी है जिसका नाम है बैरन. वैसे डोनाल्ड ट्रंप साल 2017 से लेकर 2021 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं. भारत में अगले साल लोकसभा चुनाव होंगे तो उसके छह महीने के भीतर ही अमेरिका में भी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हैं. अमेरिकी मीडिया का आकलन है कि डोनाल्ड ट्रंप साल 2024 में फिर से राष्ट्रपति के उम्मीदवार बन सकते हैं. लेकिन इस मामले में अगर वे गिरफ्तार होते हैं तो उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा. अमेरिकी संविधान के मुताबिक तब वे इस पद का उम्मीदवार बनने के योग्य नहीं रहेंगे.
लेकिन इस पूरे मामले पर ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने जो प्रतिक्रिया दी है उससे साफ है कि वे ट्रंप के समर्थन में खुलकर मैदान में आ गए हैं. उन्होंने न्यूज़ चैनल फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट की प्रतिक्रिया में कहा है कि ट्रंप को हथकड़ी लग सकती है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि रिपब्लिकन उम्मीदवार और संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को अगले सप्ताह के मंगलवार को गिरफ्तार किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने एक स्लोगन भी लिखा, "प्रोटेस्ट, टेक अवर नेशन बैक." CNN की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के न्यूयॉर्क में राज्य और संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच पिछले हफ्ते भर से बैठकें चल रही हैं कि एडल्ट फिल्म स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़े हश-मनी मामले में ट्रंप की गिरफ्तारी के विरोध से निपटने के लिए कितनी और क्या तैयारी की जाए.
[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये आर्टिकल शिवाजी सरकार से बातचीत पर आधारित है.]